नई दिल्ली, 9 जुलाई : केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि देश भर में अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सभी पक्षकारों से कहा कि वे अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिये दिशा निर्देश तैयार करने के बारे में अटार्नी जनरल के . के . वेणुगोपाल को अपने सुझाव दें।
शीर्ष अदालत ने तीन मई को न्यायिक कार्यवाही के सीधा प्रसारण , वीडियो रिकार्डिंग या लिप्यांतरण के बारे में केन्द्र सरकार से जवाब मांगा था।
अटार्नी जनरल ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण दुनिया के अनेक देशों में एक स्वीकार्य परंपरा है।
शीर्ष अदालत ने न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के इरादे से पिछले साल प्रत्येक राज्य की निचली अदालतों और न्यायाधिकरणों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था।
न्यायालय ने यह निर्देश कानून की छात्र स्वपनिल त्रिपाठी की याचिका पर दिया था। इस याचिका में शीर्ष अदालत में परिसर में ही सीधे प्रसारण के कक्ष स्थापित करने और कानून की पढ़ाई कर रहे इंटर्न की इस तक पहुंच उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।
साभार एजेन्सी
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