शिमला। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद शांता कुमार ने एक हिंदी अखबार में लिखे लेख में बिना किसी का नाम लिए सनसनीखेज खुलासा करते हुए लिखा है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री नंगे होकर रात को शमशान घाट जाता था और वहां पूजा कराता था। यही नहीं उसने काले कुते भी पाल रखे थे। बताते है कि किसी ने इस पूर्व मुख्यमंत्री को बताया था कि वह रोजाना सुबह उठते ही सबसे पहले इन काले कुतों के दर्शन किया करे। बिना नाम लिए किसी और नेता के बारे में लिखा है कि उसने गधे की बलि दी थी।
शांता कुमार ने किसी का नाम बेशक नहहीं लिखा हो, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इसे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल से जोड़ दिया है।धूमल के एक कटटर समर्थक तो राजधानी शिमला में ये कहते फिर रहे है कि शांता कुमार पागल हो गए है और अपनी पार्टी के नेता के बदनाम करने पर लगे है।ये समर्थक ये भी कहता है कि इस बा्रहमण ने एक बार भी भाजपा को सरकार में पांच साल तक नहीं चलायात। जब धूमल ने सरकार बनाई तो वहां पर भी खेल खेले। अब इस तरह की पोल खेल रहे है। धूमल एक और समर्थक ने खंलासा कियाकि साहब को किसी ने बता रखा था कि वह काले कुते पाले और सुबह सबसे पहले उनके दर्शन किया करे । लेकिन वह हमेशा ऐसा कर नहीं पाते थे।
हालांकि इस तरह की बातें जब धूमल सता में थे तब भी उठती रहती थी थी और एक डीके शर्मानामक अधिकारी का नाम ऐसे अनुष्ठान कराने में लिया जाता रहा है। इसके अलावा वीरभद्र सिंह औा धूमल का लाडले पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल दास वर्मा के पास तो ऐसी कहानियों व जानकारियों का भंडार है। और वो धूमल व वीरभद्र सिंह के दोस्तों व दुश्मनों के बीच इस तरह के खुलासे मजे लेने के लिए सरेआम किया भी करते है।
पर बड़ा सवाल ये है कि शांता कुमार का तो ये सारी जानकारियां सालों से हैं फिर अचानक इस समय उन्होंने अंधविश्वास के नाम पर बिना नाम लिए ऐसा खुलासा क्यों कर डाला। तंत्र विद्या जानने वाले बताते है कि अगर तांत्रिक विदयाओं का खुलासा हो जाए तो उनका प्रभाव कम हो जाता है और वो काम नहीं करती है। बेअसर हासे जाती है।शांता कुमार ने ये लेख इसी मंशा से लिखा है या हरियाणा में रामपाल कांड से भावुक हो कर लिखा है ये अलग मसला है। लेकिन जिस तरह से इस लेख को शांता समर्थकों व धूमल विरोधियों ने प्रचारित कर दिया है उससे राजनीतिक खेल की बू तो आ ही रही है। धूमल विरोधियों ने एक और नारा प्रदेश भर में सर्कुलेट कर दिया है। वह है नीचे धरती-उपर आकाश,हमारा नेता जगत प्रकाश।
जब से राज्य सभा सांसद जगत प्रकाश नडडा मोदी केबिनेट में मंत्री बने है तब से प्रदेश भाजपा में धूमल विरोधी खेमा ,खासकर शांता खेमा पूरी तरह से सक्रिय हो गया है।अब तो शांता ने उन्हें नया हथियार भी दे दिया है।मजे की बात है कि शांता ने बिना नाम लिए इशारा धूमल की ओर ही किया है जबकि वीरभद्र सिंह की ओर उन्होंने कहीं कोई इशारा नहीं किया। उन्होंने इस लेख में बेशक में कई और मिसालें भी पेश की है। लेकिन उनके प्रदेश की राजनीति में कोई मायने नहीं है। ये भाजपाई भी मानते है कि लेख का निशाना तो धूमल ही है।है।अब धूमल समर्थकों को इंतजार है कि धूमल शांता को किस तरह से जवाब देते है। मोदी की तरह धूमल के बहुत से मीडिया घरानों के मालिकों से करीबी रिश्ते है।
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