शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय रेल बजट 2015 में हिमाचल के लिए रेल परियोजनाओं को हरी झंडी मिलने की आशा जताते हुए कहा कि रेल बजट में न केवल हिमाचल बल्कि अन्य पर्वतीय तथा पिछड़े राज्यों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने इन राज्यों के लिए पर्याप्त धनराशि के प्रावधान की भी आशा व्यक्त की। कांगड़ा जिले के अपने दो सप्ताह लम्बे शीतकालीन प्रवास के उपरांत वापिस शिमला लौटे मुख्यमंत्री आज यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर-भानुपल्ली-बेरी से लेह रेल लिंक के विस्तार का मामला भारत सरकार के साथ उठाया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार रेल मार्ग को मंडी से पठानकोट को आगे विस्तार देने का मामला केन्द्र से उठा रही है ताकि इसे पठानकोट ब्राॅडगेज से जोड़ा जा सके जिससे प्रदेश के देश के अन्य भागों से रेलमार्ग साीधा जुड़ सकेगा। इससे न केवल हिमाचल प्रदेश व लद्दाख क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सैनिकों के आवागमन एवं साजो सामान लाने-ले जाने में भी सुविधा होगी।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वास्तव में केन्द्रीय रेल मंत्रालय रेल मार्गों के विकास के लिए धन का प्रबन्ध करता है, लेकिन मंत्रालय के ढुलमुल रवैये को भांपते हुए प्रदेश सरकार ने 75ः25 के अनुपात में रेल परियोजनाओं के लिए योगदान का प्रस्ताव रखा है, ताकि रेल मार्ग के निर्माण को गति दी जा सके।
केन्द्रीय आम बजट के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि यह बजट प्रगतिशील और विकासोन्मुखी होगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखेगी और औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार और इसे अधिक रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए आवश्यक निर्णय लेगी। उन्होेंने कहा कि राज्य को मिलने वाले केन्द्रीय हिस्से में भी वृद्धि की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों यहां तक की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी स्वाईन फ्लू से निपटने के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं, और प्रदेश सरकार इसके प्रति सजग है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में अपने सर्वोत्तम प्रयास कर रही है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कुल्लू के भगवान रघुनाथ मंदिर को न्यास बनाने के संदर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मंदिर के बेहतर प्रबन्धन, रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए मन्दिर न्यास बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भगवान रघुनाथ कुल्लू के राज परिवार और स्थानीय जनता के आराध्य हैं और ये लोग भावनात्मक रूप से भगवान रघुनाथ से जुड़े हैं। कुल्लूवासियों के सभी त्यौहार भगवान रघुनाथ की अराधना से आरम्भ होते हैं, इसलिए न्यास बनाने में कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि न्यास में कुल्लू के राजपरिवार के सदस्यों की बात को पूरी तवज्जो दी जाएगी, और मंदिर कार्यों का प्रभावी प्रबन्धन सुनिश्चित हो सकेगा। सराहन के भीमाकाली मंदिर का उदारहण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंदिर के प्रभावी प्रबन्धन के लिए न्यास बनाया गया है और वह स्वयं मंदिर के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें रघुनाथ मंदिर को न्यास बनाने के विरोध का कोई कारण नजर नहीं आता, क्योंकि उनके हाल ही के कुल्लू दौरे के दौरान इस संदर्भ में राज परिवार ने सैद्धांतिक रूप से अपनी सहमति जताई थी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने दो बैंचों के साथ इसकी स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, मण्डी में दो न्यायिक व दो प्रशासनिक सदस्यों वाले एक सर्किट बैंच की स्थापना भी की जाएगी।
वीरभद्र सिंह ने राज्य में पशु बलि पर पूछे गए गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनका मानना है कि न्यायालय को सामाजिक सुधारों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इस तरह के सुधारों का निर्णय समाज पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भेड़-बकरियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के चलते आर्थिक कारणों से समय के साथ पशुबलि में कमी आएगी।
खेल विधेयक लाने के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के उत्त्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों पर किसी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए और अध्यक्ष व सदस्यों की कार्यालयावधि निश्चित होने के साथ-साथ ही सदस्यों को पूर्ण रूप से मत का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल परिषद अथवा संगठन में एक ही परिवार के अध्यक्ष, सदस्य व अन्य कार्यालय पदाधिकारी नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल इकाईयों के सदस्यों तथा अध्यक्षों का चुनाव लोकतान्त्रिक तरीके से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न केवल क्रिकेट बल्कि सभी खेलों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सभी पहलुओं पर विचार करने के उपरान्त एक उचित विधेयक लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की सेवा निवृति की आयु बढ़ाने से सम्बन्धित प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस पर निर्णय लिया जा चुका है और आगे सेवा विस्तार देने की कोई भी संभावना नहीं है, लेकिन मामले पर अभी भी चर्चा की जा सकती है।
वीरभद्र सिंह ने रोहतांग में सीएनजी बसें चलाने के विचार को पूर्णत नकार दिया और कहा कि रोहतांग के अलावा भी इस तरह के बहुत से स्थल हैं। उन्होंने कहा कि केवल रोहतांग तक ही सीएनजी बसें चलाना व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध हैं, और हमेशा ही पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि मामले को स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा के लिये नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल्लू-मनाली के लोगों के अतिरिक्त टैक्सी चालक व ढाबा मालिक भी नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के निर्णय से प्रभावित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतांग के लिये रज्जू मार्ग के विरोध का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि अनेकों वाहन बर्फीले प्राकृतिक सौंदर्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसलिये रज्जू मार्ग स्थापित करने का विरोध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर निजी वाहन अथवा टैक्सी से जाने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि जो पर्यटक रोहतांग के वास्तविक सौंदर्य को निहारने के शौकीन हैं, वे रोहतांग की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए अवश्य ही रज्जू मार्ग का स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि रोहतांग के नीचे मढ़ी में ढाबों को बन्द करने का नेशनल ग्रीन टिब्यूनल का निर्णय अवांच्छित है। उन्होंने कहा कि यूरोप के बहुत से देशों में अनेकों खुले व हरे-भरे स्थल है,ं जहां पर्यटकों की सुविधा के लिये लोग पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए अपना कारोबार कर रहे हैं, और वे अपने आस-पास के वातावरण को साफ सुथरा रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में मढ़ी में पर्यटकों व अन्य लोगों की सुविधा के लिये इस तरह की गतिविधियों से कोई भी नुकसान नहीं है।
इसके अलावा उन्होंने खेल बिल लाने का इशारा भी किया।
(0)