शिमला। भाजपा मुख्यालय पर युवा कांग्रेस की ओर से किए प्रदर्शन के दौरान हुई गुंडागर्दी के मामले में शिमला की अदालत में सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे व युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह की अंतरिम जमानत सात फरवरी तक बढ़ा दी है। 29 जनवरी को युवा कांग्रेस ने आलाकमान की कॉल पर चक्कर स्थित भाजपा मुख्यालय दीपकमल पर मोदी सरकार के जमीन अधिग्रहण बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस मौके पर युवा कांग्रेस और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष हो गया। इस मामले में पुलिस ने विक्रमादित्य को आरोपी बनाया गया है। विक्रमादित्य ने 1 जनवरी को अंतरिम जमानत ली थी।
नियमित जमानत के लिए आज मामले की सुनवाई पदम सिंह की सीबीआई अदालत में हुई। अदालत ने कहा कि इस मामले में जमानत सेशन कोर्ट सेमिल सकती है। जमानत पर आगामी सुनवाई 7 फरवरी को होगी।
समझा जा रहा है कि भाजपा की ओर से जमानत अर्जीका विरोधकिया जाएगा।
इस मामले में पुलिस ने विक्रमादित्य समेत युवा कांग्रेस और भाजयुमो और भाजपा केपदाधिकारियों और कार्यकतर्जाओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रखे है।
इस खूनी संघर्ष में शिमला भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजेश शारदा की आंख में गंभीर चोट लग गइ्र थी। उनका चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज चल रहा है।
विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को एएसजे व ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट अमित मंडयाल की अदालत से अंतरिम जमानत ली थी ।अदालत ने पुलिस को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे।पुलिस ने मामले में आज अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की।
उधर,जिला कांग्रेस अध्यक्ष केहर सिंह खाची ने आज राजधनी में आयोजित संवादददाता सम्मेलन में कहा कि विक्रमादित्य ने प्रदर्शन करने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से बात की थी।हमला युवा कांग्रेस नही भाजयुमो के गुंडों ने किया था। उन्होंने कहा कि उनके पास पहले से हथियार थे। भाजपा भी इसी तरह के आरोप सरकार व युवा कांगेस पर लगा रही है।
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