नई दिल्ली।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में पौंग विस्थापितों के पुनर्वास,सेब के आयात पर शुल्क बढ़ाने, मानसरोवर जाने के लिए हिमाचल से रूट का मामला चीन से उठाने और ड्रग्स के जैसे मसले उठाकर इन मसलों के निराकरण के लिए परिषद की नियमित बैठकें करने का आग्रह किया गया।
वीरभद्र सिंह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् की 27वीं बैठक मे बोल रहे थे। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। हिमाचल प्रदेश ने इस वर्ष इस बैठक की मेजबानी की । वीरभद्र सिंह ने परिषद के उपाध्यक्ष के तौर पर बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार के साथ पौंग बांध के शेष विस्थापितों को पुनस्र्थापित करने का मामला उठाते हुए कहा कि वर्ष 1961 में पौंग बांध निर्माण के कारण कांगड़ा जिला की देहरा व नूरपुर तहसील के लगभग 339 गांव जलमग्न हो गए थे, जिससे 20722 परिवार विस्थापित हुए थे। उन्होंने कहा कि गत 50 वर्षों में हिमाचल प्रदेश सरकार के निरन्तर प्रयासों के बावजूद 2501 परिवारों का पुनर्वास नहीं हो पाया है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण मामले को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान कर समयबद्ध तरीके से समाधान करने का आग्रह किया।
देश में सेब के आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों की आजीविका को खतरा हो गया है। प्रदेश प्रत्येक वर्ष 6 लाख मिट्रिक टन सेब का उत्पादन करता है और यह क्षेत्र 1.64 लाख परिवारों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर सेब पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि यदि आवश्यक हो, केन्द्र सरकार को सेब को ‘विशेष उत्पाद’ के रूप में अधिसूचित करना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों तथा चीन के साथ लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के दृष्टिगत उत्तरी-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश को अनुदान दरों पर हैलीकाॅप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाने का मामला भी उठाया।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि चीन सरकार की स्वीकृति के साथ भारत सरकार मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिक्किम के नथुल्ला दर्रे से वैकल्पिक मार्ग खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने किन्नौर जिला के शिपकिला से एक अन्य वैकल्पिक मार्ग का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर गम्भीरता से विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह मार्ग सुगम व छोटा है और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने मादक द्रव्य पदार्थों के बढ़ते सेवन और विशेषकर उत्तरी राज्यों में लिंग अनुपात की घटती दर पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए इस समस्या के समाधान के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य अपने स्तर पर अकेले इस सामाजिक बुराई को दूर नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने परिषद की बैठक में अन्य मामलों जैसे स्वास्थ्य, पर्यावरण और परिवहन सेवा आदि पर पड़ोसी राज्यों तथा केन्द सरकार से देशहित में इन समस्याओं का समयबद्ध समाधान करने का आग्रह किया। वीरभद्र सिंह ने इससे पूर्व मुख्य अतिथि व बैठक में भाग ले रहे अन्य अतिथियों का स्वागत किया। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग, हिमाचल की सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, राजस्थान के वरिष्ठ मंत्री और केन्द्रीय व राज्यों के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
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