शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि किसानों और बागवानों को राष्ट्रीय मण्डियों में फलों एवं सब्जियों के दामों की आॅनलाईन सूचना उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पराला सब्जी मण्डी को पूर्णतः डिजिटाईज करके इलैक्ट्राॅनिक आॅनलाईन प्रणाली से जोड़ा जाएगा।मुख्यमंत्री आज ठियोग विधानसभा क्षेत्र के पराला में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सेब मौसम के दौरान कुछ बिचैलिए अथवा आढ़ती फलों की खरीद के लिए राज्य के विभिन्न भागों में पैर पसारते हैं। उन्होंने संबंधित विभाग को ऐसे तत्वों पर नजर रखने और उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एपीएमसी को ऐसे लोगों से पहचान पत्र लेने के अतिरिक्त जुर्माना अथवा लगभग 50 लाख रुपये तक सुरक्षा राशि वसूलनी चाहिए। यदि इस सन्दर्भ में कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित विभाग इस प्रकार की धोखाधड़ी के लिए जिम्मेवार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराला में सेब जूस फैक्ट्री स्थापित की जाएगी और एचपीएमसी को पहले ही कृषि उपज निर्यात विकास प्राधिकरण से 15 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। पराला में बनने वाली सेब जूस फैक्ट्री में अगले मौसम तक 20 हजार टन सेबों से जूस निकालने की क्षमता होगी। उन्होंने इस फैक्ट्री को शीघ्र आरम्भ करने के लिए एपीएमसी को कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी द्वारा परवाणु स्थित फल विधायन प्लांट के आधुनिकीकरण पर 12.45 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छैला-पराला-नेरपुल-कुमारहट्टी सड़क का रखरखाव सुनिश्चित बनाएगी ताकि किसान-बागवान अपने उत्पाद को प्रदेश से बाहर मंडियों तक पहुंचाने के लिए इस मार्ग का उपयोग कर सकें। उन्होंने सड़क को चैड़ा करने और नए लघु पुलों के निर्माण के लिए 106 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों और विश्व बैंक के अधिकारियों से लगातार चर्चाओं के परिणाम स्वरूप ही विश्व बैंक ने ठियोग-खड़ा पत्थर-हाटकोटी सड़क का कार्य अपने हाथ में लिया है, जिसका कार्य वर्ष 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा। ठियोग से गुम्मा तक 22 किलोमीटर और रोहडू से हाटकोटी तक 12 किलोमीटर के सड़क मार्ग को अगले माह के अन्त तक पक्का कर लिया जाएगा। इस कार्य में संलग्न ‘सी एण्ड सी’ कम्पनी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शासनकाल में स्थापित एंटी हेल गन बेअसर रही हैं और यह चीन में ओलावृष्टि से निपटने का बेहद पुराना ढंग था। उन्होंने कहा कि सेब के पौधों को ओलावृष्टि से बचाने का श्रेष्ठ तरीका एंटी हेल नेट है और प्रदेश सरकार इसपर उपदान दे रही है। प्रदेश सरकार ने सेब की उपज के विपणन के लिए काॅरूगेटिड बक्सों के इस्तेमाल का निर्णय लिया है। पूर्व में सेबों की पैंकिंग और विपणन के लिए लकड़ी के बक्सों का उपयोग किया जाता था, जिससे प्रदेश के वनों को भारी नुकसान होता था।
उन्होंने कहा कि अब गत्ते के डिब्बों में सेबों की पैकेजिंग की नई तकनीक उपयोग में लाई जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा द्वारा गुम्मा गत्ता फैक्ट्री को यह तर्क देते हुए बन्द कर दिया गया कि फैक्ट्री वर्ष में केवल तीन महीने सेब कार्टन बनाने का काम करती है तथा बाकी समय यहां कोई काम नहीं होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा करने के बजाए इसे किसानों के लाभ के लिए वर्ष भर सेब के नालीदार बक्से बनाने के लिए उपयोग में लाती। उन्होंने कहा कि तत्कालीन जुब्बल-कोटखाई के विधायक तथा बीजेपी सरकार ने गुम्मा कार्टन फैक्ट्री को केवल 1.50 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि आज प्रदेश के किसान एवं बागवान लगभग 11 लाख मीट्रिक टन सब्जियां और लगभग 8 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 52 विपणन यार्ड स्थापित हैं।
मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सैंज में विज्ञान कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय उच्च पाठशाला बैरोलीपुल को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला स्तरोन्नत करने की घोषणा भी की।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पराला में 12.76 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित पराला विपणन मण्डी का उद्घाटन किया। इस मण्डी में किसानों एवं बागवानों की सुविधा के लिये नीलामी प्लेटफार्म का भी निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, फल व सब्जी क्रय दुकानों, फलों को पकाने के लिये चैम्बरों, कचरा प्रबन्धन एवं निराकरण सुविधाएं तथा शीत भण्डारण की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने ठियोग विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत 94 लाख रुपये की लागत से निर्मित पौहाच-धरमाई-कोटी सड़क का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस सड़क पर बस सेवा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स ने क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे के दौरान करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों एवं बागवानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें विभिन्न प्रोत्साहन व अनुदान प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी क्षेत्र में सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं के चलते प्रदेश के किसान एवं बागवान आर्थिक तौर पर समृद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पराला सब्जी मंडी के नाम पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान इस मंडी के निर्माण के लिए कुछ नहीं किया और मंडी के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए वर्तमान कांग्रेस के कार्यकाल में धनराशि उपलब्ध करवाई गई।
कृषि एवं बहुउद्देशीय ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि क्षेत्र के लोगों को इस नई लोकार्पित मंडी यार्ड का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पराला में इस विपणन यार्ड कि आधारशिला के बावजूद भाजपा इसका निर्माण कार्य आरंभ करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि किसानों को बीमा कवर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना आरंभ की है, जिसके अंतर्गत खेती उपकरणों के प्रयोग के दौरान किसान की मृत्यु पर परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा, जबकि स्थाई तौर पर अपंग होने पर 50 हज़ार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों एवं बागवानों को पाॅली हाउस के निर्माण के लिए 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है।
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