शिमला। अवैध कब्जों पर बने मकानों के बिजली व पानी कनैक्शन काटने पर विभागों के अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मुख्यमंत्री वीरभ्रद सिंह की ओर से किसान सभा व सेब उत्पादक संघ को दिया आश्वासन जुमला बन गया है।मुख्यमंत्री कार्यालय में इस तरह का कोई आश्वासन मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया है इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया ने रिपोटर्ज आइ डॉट कॉम को बताया कि सीएम आफिस व उन्हें इस तरह के किसी आश्वासन की कोई जानकारी नहीं है।हालांकि उन्हें सलाह दी की वो कल सीएम से खुद बात कर लें।
उधर,प्रदेश किसान सभा व सेब उत्पादक संघ ने दावा किया है कि 16 नवंबर को जनसभा के बाद जब किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ,सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष राकेश सिंघा,माकपा के राज्य सचिव ओंकार शाद,मेयर संजय चौहान व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले थे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था अगर सरकार का कोई विभाग व एजेंसी पेड़ काटने, घर व ढारा तोड़ने, बिजली व पानी के कनेक्शन काटने की कोशिश करे तो ऐसी परिस्थिति में सरकार उक्त विभाग व एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करेगी।सीएम ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही अदालत में हलफनामा दायर कर दिया है।
किसान सभा के राज्य सह सचिव सत्यवान पुण्डीर के हवाले से मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीएम ने ये भी भरोसा दिया था कि अगर कहीं पर ऐसा हो रहा है तो सीएम आफिस को सूचित करे। रिपोर्टर्ज आइ डॉटकॉम ने यही जानने के लिए सीएम आफिस में फोन किया था कि अगर कहीं पर पेड़े काटे जा रहे है या बिजली पानी के कनेक्शन काटे जा रहे तो सीएम आफिस में किसे सूचना देनी है। इसी के जवाब में सुभाष आहलुवालिया ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
राकेश सिंघा ने रिपोर्टर्जआइ डॉट कॉम से कहा कि बेदखली व बिजली पानी के कनैक्शन काटने पर मुख्यमंत्री का वो आश्वासन याद दिलाया था जो सीएम ने 28 अगस्त को दिया था।। इन नेताओं ने सीएम से कहा कि किसानी के व्यवसाय से जुड़ी प्रदेश की अधिकांश जनता की कमर आज मंहगाई की मार से टूट चूकी है। ऊपर से खेत में किसानों द्वारा अपनी मेहनत से तैयार की गई फसलों पर जंगली जानवरों तथा आवारा-नकारा पशुओं का कहर ग्रामीण आर्थिकी को कमजोर कर रहा है। सरकारों की ये किसान विरोधी नीतियां किसानी व्यवसाय को सहयोग देने की अपेक्षा किसानों को आत्महत्या की दिशा में जबरदस्ती धकेलने का कार्य कर रही हैं।
उधर,रिपोर्टर्ज आइ डॉट कॉम ने फील्ड से हासिल की जानकारी में पाया कि अर्की में ही बिजली विभाग व राजस्व विभाग के कर्मचारी 41 लोगों की एक फाइल लेकर गांव गांव में घूम कर बिजली के कनैक्शन व सप्लाई काटने के अ्भियान पर जुटे हुए है। अर्की में तैनात बिजली विभाग के एसडीओ देवेंद्र कौंडल ने कहा कि उन्हें बिजली पानी के कनैक्शन काटने के आदेश हुए है लेकिन ये भी स्पष्ट नहीं है। ये काम रोकना है, ऐसे आदेश उनके पास नहीं है।ऐसे में अगर सीएम ने असल में किसान सभा व सेब उत्पाक संघ को कोई आश्वासन दे रखा है तो भाजपा के कमांडर अमित शाह के जुमले जैसा ही है।
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