शिमला। बिना सूत्रधार की बाजार में उतर महिला के साथ अंतरंग बातचीत व ठेकेदार के साथ लेनदेन की सीडी आखिर में कांग्रेस की प्रदेश सरकार के ताकतवर मंत्री कौल सिंह ठाकुर की निकली। सूत्रों के मुताबिक जिस ठेकेदार और उसकी पत्नी की बातचीत सीडी में दर्ज है उसे कांग्रेस के ही लोग कौल सिंह के बेहद करीबी बताते है। सीडी में मंत्री कौल सिंह की जिस तरह की बातचीत रिकार्ड है वो प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर देने वाली है तो साथ ही सता केंद्र के गले सड़े होने की सूचक भी है।
प्रदेश में इससे पहले भी सीडी कांड हो चुके है। आज संडे को कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव व एमएलए आशा कुमारी खुल कर कौल सिंह के बचाव में उतर गई है तो भाजपा की ओर पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने नपा तुला बयान दिया है। सूत्रों के मुताबिक कौल सिंह ठाकुर ने सीडी के पीछे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का हाथ होने की ओर इशारा किया है। लेकिन वो अभी खुलकर सामने नहीं आए है।अभी ये भी साफ नहीं है कि सीडी के पीछे सच में मुख्यमंत्री या उनके आदमी है या कौल सिंह को निपटाने के लिए ये विपक्ष के किसी गुट का काम है।
वीरभद्र सिंह केबिनेट के मंत्रियों में कौल सिंह के अलावा जी एस बाली और विदया स्टोक्स के धूमल के साथ अच्छे रिश्ते है। आशा कुमारी ने मीडिया से कहा है कि वो कौल सिंह ठाकुर को 30 सालों से जानती है व उनका चरित्र बेदाग है।ये सब उनकी छवि को धूमिल करने को किया गया है। उन्होंने कहा कि सीडी का कोई सूत्रधार नहीं है इसलिए इसकी कोई मान्यता नहीं है। आशा कुमारी ने चुनौती दी कि सीडी का जो भी सूत्रधार है वो सामने आए।
उधर , बीजेपी ने नपी तुली प्रतिक्रिया दी। कौल सिंह के भाजपा के अधिकतर नेताओं के साथ करीबी रिश्ते हैं। बीजेपी प्रवक्ता गणेश दत की ओर से जारी विज्ञप्ित में कौल सिंह का नाम तक नहीं है। हालांकि आशा कुमारी ने कौल सिंह का नाम लेकर कहा है कि ये उन्हें बदनाम करने की साजिश है। ये दिलचस्प है। बीजेपी ने कहा कि इस सीडी के पीछे कौन है इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए है। सीडी में क्या है इसकी सच्चाई जाननी चाहिए या नहीं इस बारे बीजेपी ने कुछ नहीं कहा है।
यहां पढ़े बीजेपी की आधिकारिक विज्ञप्ित-:
हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में आई नई सीडी प्रदेश सरकार की विदाई तय करेगी। इससे पूर्व भी कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने एक सीडी रिलीज की थी और तत्कालीन वीरभद्र सिंह की सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। आज इतिहास पुनः उसी घटना को दोहरा रहा है जब प्रदेश सरकार के एक मंत्री की आवाज सुनाई दे रही है उसमें कुछ अंतरंग कुछ लेनदेन व कुछ एक दूसरे नेताओं को बदनाम करने का प्रयास किया गया है। भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विरूद्ध सी0बी0आई0 जांच के ठीक बाद इस प्रकार की सीडीका आना कांग्रेस पार्टी की अंतरकलह व एक दूसरे को चित करने का यह प्रयास है। भारतीय जनता पार्टी इस प्रकार की घटनाओं की निंदा करती है, जिससे अनैतिक हथकंडे अपना कर राजनीति साधने का प्रयास किया जाता हो।
पार्टी इस घटना की जाचं सीबीआई से कराने की मांग करती है ताकि घटना की तह तक पहुंचा जा सके कि ऐसी घटना के पीछे कौन-कौन लोग हैं। भारतीय जनता पार्टी वीरभद्र सरकार की भी इस्तीफे की मांग करती है कि एक व्यक्ति सीडी बनाकर समाचार पत्र, मीडिया तक पहुंचा गया। सारे मीडिया व जनता ने सीडी भी सुनी है लेकिन सरकार को अभी तक व्यक्ति का पता नहीं है। भारतीय जनता पार्टी यह चाहती है कि कांग्रेस की आंतरिक कलह का असर प्रदेश की जनता पर न हो तथा प्रदेश अनैतिकता की राजनीति के लिए न जाना जाए। ऐसी घटनाएं राजनीति व प्रदेश के लिए चिंता का विषय है कि कभी भी किसी के विरूद्ध षड़यंत्र रचा जा सके।
जो भी हो अब ये प्रदेश के डीजीपी संजय कुमार की जिम्मेदारी बन गई है कि वो इस सीडी के पीछे व सीडी में जो जो भी कुछ है उस सारे सच को पब्लिक के सामने लाए । चूंकि सीडी पब्लिक हो चुकी है ऐसे में जांच तो करनी ही पड़ेगी अन्यथा सवाल उनसे व मुख्य सचिव पी मित्रा से पूछे जाएंगे।
कौल सिंह प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू होने के बाद कहा जा रहा था कि वो सीएम हो सकते है। लेकिन उन्हें इस तरह निपटाया जाएगा ये किसी ने सोचा नहीं था। हालांकि वो इस हमले का जवाब किस तरह देते है ये देखा जाना बाकी है।
(1)