शिमला। राजनीति में भ्रष्टाचार, धनबल,धोखा,अनैतिकता,तांत्रिकों के मायाजाल,ठेकेदारों व कारपोरेट घरानों की चालें, महिलाओं का इस्तेमाल, नेताओं व अफसरों के कारनामें किस तरह तारी होकर आम जनता का खून चूस रहे है ये सब मंत्री कौल सिंह की एक ठेकेदार व महिला से फोन पर हो रही बातचीत की रिकार्ड की गई सीडी से खुलासा हो रहा है। उधर पूर्व की धूमल सरकार में हुए फोन टेपिंग कांड की जांच में क्या निकला है ये किसी को पता नहीं है। साथ ही अभी तक किसी को पकड़ा नहीं गया है।
इस आडियो सीडी के बाजार में उतरने के बाद वीरभद्र सिंह सरकार इस संकट में आ गई है। अगर इस सीडी के साथ भेजे गए पत्र को गंभीरता से लिया जाए तो अभी और कितनी सीडियां किस रूप में बाजार में उतरेगी ये कहा नहीं जा सकता है। साथ ही ये भी जवाब नहीं मिल रहा है कि क्या ये सब सीएम के इशारे पर हो रहा है या सीएम के लाडले अफसरों ने एक नया खेल शुरू कर दिया है।
1 घंटे 38 मिनट की इस सीडी में 19 फाइलें है इन सारी की सारी फाइलों में चुनावों से पहले टेलीफोनों पर हुई बातचीत को रिकार्ड किया गया है। केबिनेट मंत्री कौल सिंह से महिला के साथ अंतरंग बातचीत का आशिंक खुलासा केवल दो फाइलों में है। जब ये बातचीत हो रही है तो एक फाइल में महिला का पति भी साथ ही में कहीं है। एक फाइल में मंत्री की आतुरता सामने आई है। एक फाइल में तो ठेकेदार बातचीत करते हुए वीरभद्र सिंह केबिनेट के परिवहन मंत्री जी एस बाली और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को लेकर भी कुछ जिक्र कर रहा है। इसके अलावा एक दो फाइलों में ये ठेकेदार जीएस बाली,विदया स्टोक्स और धूमल को लेकर कई बातें कह रहा है और कौल सिंह इन बातों को सुन रहें है। हालांकि ये फाइलें 2009 से से लेकर 20012 के बीच धूमल शाासनकाल के समय रिकार्ड हुई है।
एक फाइल में कभी वीरभद्र सिंह के करीबी रहे प्रमोद शर्मा जो कुमारसैन से आजाद प्रत्याशी के तौर पर 2003 में चुनाव लड़े थे उनकी और इस ठेकेदार की बातचीत दर्ज है। ज्योतिषी व भाषा विभाग के डायरेक्टर रहे प्रेम शर्मा का भी इस सीडी की बातचीत में जिक्र आ रहा है। प्रमोदशर्मा कह रहे है कि उन्होंने एचएएस की नौकरी छोड़ी की प्रेम शर्मा के कहने पर थी। इसके अलावा ठेकेदार कौल सिंह को राहू को मजबूत करने के लिए खूब शराब बांटने की सलाह देता नजर आ रहा है। कोआपरेटिव बैंक के वाइस चैयरमैन हर्ष महाजन के बारे में भी सीडी में कई कुछ कहा गया है। सुक्खू का जिक्र भी कई जगह किया गया है। इसके अलावा धूमल,वीरभद्र समेत कइयों को तांत्रिकों का प्रबंध करने वाले गोपाल दास वर्मा का जिक्र भी इस सीडी में आया है। धूमल के करीबी पूर्व मंत्री राजीव बिंदल का भी जिक्र है और कई घोटालों के सबूत होने की बात भी सीडी में सुनाई दे रही है।किसी जिंदल का नाम भी और जयप्रकाश को 127 करोड़ रुपए के भुगतान का भी जिक्र है।
एक फाइल में पूर्व डीजीपी डीएस मिन्हास का भी जिक्र है ठेकेदार यह कह रहा है कि वो उसकी बीवी का कजिन है। स्वीस बैकं व एनजेपीसी के किसी अधिकारी की बातचीत भी सीडी में दर्ज है और सीडी को सभी आईएएस अफसरों को भेजा गया है। गवर्नर कल्याण सिंह को भी ये सीडी भेजी गई है। इसमें इसके अलावा भी कईयों के जिक्र है।
कुल मिलाकर इस सीडी में वो सब खुलासा है जो प्रदेश के राजनेताओं ,ठेकेदारों व प्रशासन के बीच भ्रष्टाचार की करामातें है।
सीडी के बाजार मे उतरने के बाद सरकार पर संकट घिर गया है। कौल सिंह ने सीधे तौर पर सीएम वीरभद्र सिंह पर हमला बोल दिया है। उन्होंने वीरभद्र सिंह के लाडले अफसर व दिल्ली में बतौर आवासीय आयुक्त तैनात आईपीएस आनंद प्रताप सिंह को इस सीडी को बाजार में उतारने के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने राजधानी में खुलकर कहा कि धूमल शासन काल में जो फोन टेन हुए थे उसका सारा रिकार्ड एपी सिंह के पास था । उसी में से ये चुनिंदा सीडी ऐसे वक्त बाजार में उतारी गई है जब वो सीएम की रेस में सबसे आगे थे। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि उन्होंने वीरभद्र सिंह का सदा साथ दिया । लेकिन उनके साथ घटिया हरकत की गई है। उन्होंने चूडि़या नहीं पहनी है और खुल कर जवाब दिया जाएगा। कौल सिंह ने सीडी बाजार में उतरने के बाद सीएम से कोई बात नहीं की है और वो सीधे राजधानी से कुल्लू को रवाना हो गए।
इससे पहले आशा कुमारी कौल सिंह के पक्ष में खुलकर आ चुकी है। बहरहाल अब वीरभद्र सिंह सरकार के मंत्री व विधायक दो धड़ों में बंट चुके है।उधर, भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक 14 विधायक कौल सिंह के साथ खड़े हो गए हैं। अगर ये पार्टी से बाहर हो गए तो सरकार का गिरना तय है। उधर भाजपा की ओर से नपी तुली प्रतिक्रियाएं आ रही है। कहा जा रहा है कि ये सीडी धूमल काल में टेप हुए फोनों का नतीजा है। धूमल पहले ही सरकार गिरने की भविष्यवाणी कर चुके है। परिवहन मंत्री जी एस बाली पहले की सीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है ।
उधर,ये भी कहा जा रहा है कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज प्रारंभिक जांच से ध्यान हटाने के लिए ये सब खेल खेला गया है। वीरभद्र सिंह के अफसर धूमल के खिलाफ एक भी मामले में कुछ नहीं कर पाए है। ऐसे में उन्होंने ने ये खेल खेला हो इससे भी इंकार नहीं किया जा रहा है।
कौल सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है तो वीरभद्र सिंह ने एपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री व मंत्री दोनों के बीच सीधी जंग शुरू हो चुकी है। हालांकि सीएम ने साफ किया है कि सीडी उनकी सरकार पर हमला है और वो जांच कराएंगे।
इस कांड कासबसे बड़ा हैरानी वाला पहलू ये है कि इसका सूत्रधार कौन है ये पता नहीं चला है। कौल सिंह ने डीजीपी संजय कुमार से ये पता लगाने के कलिए किया है। इसके अलावा किसी सूरज नामक शख्स कर नाम भी सामने आयाहै। कौल सिंह ने कहा कि पुलिस पता लगाए कि ये शख्स कौन है । ये कहीं फर्जी तो नहीं है। उन्होंने सीएम से एपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग सीएम से की।
उधर शाम को वीरभद्र सिंह ने मीडिया को अपना आधिकारिक बयान जारी कर ये कहा -:
वीरभद्र सिंह ने कहा है कि राजस्व मन्त्री ठाकुर कौल सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में सीडी प्रकरण में उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष आरोप लगाने से वह आहत हुए हैं। उन्होनें कहा कि मन्त्री यदि संयम में रहकर मर्यादित ढंग से उन पर लगे आरोपों का जवाब देते तो बेहतर होता। मुख्यमन्त्री ने साफ किया है कि न तो वह किसी दबाव या किसी धमकी से डरते हैं और न ही किसी को डराने की राजनिति में विश्वास रखते हैं । उन्होंने कहा कि वह पं. नेहरु के जमाने से कांग्रेस पार्टी में हैं और आज तक इसी पार्टी में कायम हैं ।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह छः बार प्रदेश के मुख्यमन्त्री बने हैं, और केन्द्र में मन्त्री व प्रदेश में विपक्ष के नेता और प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रधान पद पर रहते हुए प्रदेश व देश की सेवा की है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष द्वारा यह कहना कि वह कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहे थे, इसलिए मुख्यमंत्री बनाए गये थे, कोरी कल्पना व किसी शिगुफे से अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार लोकप्रिय व पूरी तरह स्थिर सरकार है, जो अपना कार्यकाल पूरा कर प्रदेश का विकास व प्रदेशवासियों का कल्याण सुनिश्चित बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने मन्त्रिमण्डल के तमाम सहयोगियों का सम्मान करते हैं और उनके अधिकांश कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाते हैं। वह आशा करते हैं कि मन्त्रिमंडल के सभी सहयोगी भी उसी तन्मयता से मुख्यमंत्री को सम्मान दें और मुख्यमंत्री पद की गरिमा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यह तो स्पष्ट है कि टेलीफोन तो भाजपा शासन काल में टेप हुआ करते थे। वर्तमान कांग्रेस शासन के दौरान किसी भी व्यक्ति का टेलीफोन अनाधिकृत तौर पर टेप नहीं हुआ है और न ही कभी होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में टेप हुए फोन या सीडी प्रकरण की जांच पुलिस व सीआईडी द्वारा करवाने के बाद मामला पहले ही अदालत में दाखिल हो चुका है, जो अदालत के विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि इस विषय में वह ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में उन्हें बेवजह खींचने या किसी सरकारी अफसर पर टिप्पणी करने से बेहतर होता मंत्री सीडी की सत्यता और प्रमाणिकता पर बात करते। उन्होंने कहा कि वह किसी भी मंत्री या राजनेता को अपने रास्ते का रोड़ा नहीं मानते तथा उन्होंने 50-52 साल की लम्बी राजनीतिक पारी के दौरान सभी को साथ लेकर चलने और प्रदेश को विकास व कल्याण के क्षेत्र में बुलन्दियों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियां अवांछित हैं, जिससे उन्हें दुःख पहुंचा है और कुछ शरारती तत्वों के बहकावे में आकर ऐसी टिप्पणियां करना संभावित लग रहा है।
इस सीडी के साथ ये पत्र भी भेजा गया है-:
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