नई दिल्ली।सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वीबीएस रिश्वत व मनी लांड्रिग मामले में सोमवार को सीलबंद लिफाफे में फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है। अब मामले की सुनवाई 10 सितंबर को होनी है ।
वीरभद्र सिंह के वकीलों ने पैरवी करते हुए कहा कि उनका पक्ष ही नहीं सुना गया है।इसलिए उनका पक्ष भी सुना जाए।अदालत ने वीरभद्र सिंह को कल यानि मंगलवार तक शपथपत्र दायर करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है।
उधर, अदालत में कॉमन कॉज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को दोबारा वीरभद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मनी लांड्रिंग का केस चलाने का आग्रह किया। अदालत ने कहा कि वह 10 सितंबर को अपना पक्ष रखे। अब मामला 10 सितंबर तक टल गया है।
LIC से भी मांगा था जवाब
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आयकर मामले में आयकर विभाग ने एलआईसी के शिमला मंडल के कार्यालय से भी विभिन्न बिंदुओं पर जवाब व दस्तावेज तलब किए थे। ये खुलासा आज एलआईसी के वरिष्ठ मंडलप्रबंधक गुरमेल सिंह परमार ने किया। उन्होंने कहा कि वह लिखित में जवाब दे रहे है।अभी मामला जांच एजेंसियों के पास है। गुरमेल सिंह परमार ने कहा कि अगर आय के स्त्रोत संदिग्ध हो तो मनी लांड्रिग का केस बन सकता है।लेकिन हिमाचल में अभी तक एक भी ऐसा केसन हीं सामने आया है।गौरतलब हो कि वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्यों ने पांच करोड़ की एलआईसी कराई थी और पैसा आनंद चौहान के खाते से गया था। इस मामले में आयकर विभाग जांच कर रह है।परमार आज राजधानी में एलआईसी के 58 साल पूरे होने के अवसर पर मीडिया से रूबरू हो रहे थे।
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