शिमला।कांग्रेस के छह मुख्य मुख्य संसदीय सचिवों को कुर्सी से उतारने के बाद भाजपा अब इन छहों कांग्रेस विधायकों की विधायकी भी चट करने की फिराक में है लेकिन साथ ही भाजपा को अपने 9 विधायकों की विधायकी जाने का खतरा भी नजर आने लगा हैं।
विदेश दौरे से लौटे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बीते रोज यानी वीरवार को ही एक सवाल के जवाब में कहा था कि भाजपा के विधायकों के खिलाफ सदन की अवमानना का मामला उनके पास लंबित है और ये सदन में ही तय किया जाना है कि सदन की अवमानना पर क्या सजा इन विधायकों को दी जाए। वह बैंच मार्क की बात करते भी नजर आए।
याद रहे सदन में कांग्रेस का बहुमत है और अगर सुप्रीम कोर्ट में भाजपा की याचिका पर सीपीएस की कुर्सी से उतारे एक छह कांग्रेस विधायकों को विधायकी गई तो ये सदन की अवमानना का मामला कांग्रेस के पास तुरुप का पत्ता है और कांग्रेस इसे चलने में कोई चूक नहीं करेगी।
ऐसे में कांग्रेस ऐसा कोई कदम उठा दें इसे भाजपा के विधायक भी भांप चुके है और राजनीति सीधी-सीधी साफ होती नजर आ रही है। अगर कांग्रेस के 6 विधायकों की विधायकी गई तो भाजपा के 9 विधायकों की विधायकी भी बचने वाली नहीं हैं।
ऐसे में प्रदेश विधानसभा की 15 सीटें एक बार फिर खाली हो जाएंगी। लेकिन न तो अब भाजपा और न ही कांग्रेस ये चाहती है कि उनके किसी विधायक की विधायकी चली जाए। क्योंकि अगर दोबारा उप-चुनाव हुए तो ऊंट किस करवट बैठेगा ये किसी को पता नहीं हैं।
ऐसे में आज शुक्रवार को भाजपा प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि वो ऐसे मामले को लंबित किए हुए है जो बनता ही नहीं। वेल में आना आम बात है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्पीकर ने ऐसा कोई कदम उठाया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उसका मुकम्मल जवाब दिया जाएगा।
अब बहुत कुछ सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई जो 20 जनवरी को निर्धारित हुई उसके परिणामों पर निर्भर रहेगा। लेकिन साफ है कि अब भाजपा व कांग्रेस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले आमने -सामने तलवारें भांजने का काम शुरू कर दिया है।
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