शिमला। प्रदेश भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ ने यूपीए सरकार की ओर से फौजियों के लिए वन रैंक –वन पैंशन की मांग को मान लिए जाने पर संदेह जाहिर किया है। साथ ही प्रकोष्ठ ने आरोप लगाया है यूपीए सरकार सेना की फजीहत करती रही है।
प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक ब्रिगेडियर लालचंद जस्वाल ने यहां आयोजित संवाददाता सम्म्ेलन में कहा कि यूपीए सरकार केंद्र में 10 सालों से सता में थी, उसे चुनावों से केवल डेढ़ महीने पहले वन रैंक वन पैंशन की याद आई है। कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ये पैंशन कब से मिलेगी इसका कोई जिक्र नहीं है।प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट भी इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाया है। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जबकि 22 सौ करोड़ रुपए की जरूरत है। ऐसे में सैनिक ये नहीं मान सकते कि ये सरकार पैंशन देंगी या नहीं।
जसवाल ने कहा कि आईएएस अधिकारियों व फौजी अधिकारियों के वेतनमानों में भारी विसंगतियां है।सेना में 33 साल की नौकरी के बाद लेफ्टिनेंट जनरल बनता है जबकि एक आईएएस अफसर 19 साल की नौकरी के बाद एडिशनल सेक्रेटरी बन जाता है। कांग्रेस ने सरकार से फौजी खफा है उनके साथ हमेशा धोखा होता रहा है।
जस्वाल ने कहा कि फौजियों की विधावाओं के लिए 2003 में पेंशन बढ़ी थी।तब से लेकर अब तक ये पेंशन उतनी ही है।सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी नहीं मानती।
प्रॉक्सी वोट का भी इंतजाम नहीं
जस्वाल ने कहा कि 2009 के चुनावों में केवल187 फौजियों ने वोट डाले थे। देश में 15 लाख के करीब फौजी और 11 लाख के करीब अर्धसैनिक बल है। लेकिन चुनाव आयोग व केंद्र सरकार ने फौजियों के इस अधिकार को इस्तेमाल करने के लिए कुछ नहीं किया। जस्वाल ने पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह की चिटठी का हवाला देते हुए कहा कि दो सैनिकों के सिर काट कर पाकिस्तानी ले गए। चीन लदाख में घुस गया। देश के नेतृत्व कमजोर है।जिससे फौजी निराश है।
ब्रिगेडियर ने खोली वीरभद्र सरकार की पोल
मंडी से भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की कतार में खड़े ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए गठित कल्याण बोर्ड के बुरे हाल है। बोर्ड में डायरेक्टर ही नहीं है। दस पद डिप्टी डायरेक्टर के है,उसमें से आठ पद खाली है।12 लाख सैनिक परिवारों का काम 70 कर्मचारी देख रहे है। इनमें भी 48 ठेके पर है।पूर्व सैनिकों को 78 सौ रुपए वेतन ठेके पर रखा जा है।उन्होंनें कहा कि इस सरकार ने फौजियों की ओर से केंटीन में की जाने वाली खरीद पर दो प्रतिशत वैट लगा दिया है।ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने मांग की फौजियों का हाउस टैक्स माफ किया जाए। फौजियों का नहीं करना है तो पूर्व सैनिकों का करे। उनका भी नहीं करना है तो जिन्हें मेडल मिले है उनका टैक्स माफ कर दे।
रिटायर ब्रिगेडियर ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 25 हजार पूर्वसैनिक है।जबकि सवा लाख सेनामें कार्यरत है और 30 हजार के करीब विधवाएं है।
यूपीए सरकार से फौजी आहत हुए है।
ब्रिगेडियर खुशहाल ने कहा कि अगर उन्हें मंडी से टिकट मिला तो वो चुनाव लड़ेंगे । अन्यथा कार्यकर्ता की तरह पार्टी प्रत्याशी के लिए काम करेंगे।उन्होंने हमीरपुर से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी परववीर चक्र विजेता विक्रम बतरा की मां कमल कांता बतरा के चुनाव मैदान में होने पर कहा कि वो इस परिवार का सम्मान करतेहै।चुनाव में कूदना उनका व्यक्तिगत फैसला है। वो उनके साथ नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी फौजियों के लिए कुछ करेंगे ऐसी उन्हें उम्मीद थी।
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