शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अफसर व हिमाचल प्रदेश अधीनरूथ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र मोहन कटवाल की ओर से दायर किए गए आपराधिक मानहानि के मामले को ऊना की ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट की अदालत को रिमांड कर दिया है। अब ऊना की अदालत में वीरभद्र सिंह के खिलाफ इस मामले में ट्रायल चलेगा।
हाईकोर्ट के जस्टिस धर्मचंद चौधरी की अदालत ने ये आदेश कटवाल की ओर से दायर दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दी। कटवाल ने इन याचिकाओं में सेशन कोर्ट ऊना के आदेशों को चुनौती दी थी। सेशन कोर्ट ने ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट की ओर से वीरभद्र सिंह को अदालत में समन करने के आदेशों को रदद कर दिया था।
कटवाल 1998 से 2000 के बीच जब अधीनस्थ चयन बोर्ड के सदस्य व2000 से 2003 तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे तब वीरभद्रसिंह की ओर से प्रदेश भर में अपने भाषणों में सरकारी नौकरियों को बेचने के आरोप उन पर लागाए थे। कटवाल ने वीरभद्रसिंह के खिलाफ मानहानि का दावा दायर कर दिया ।वीरभद्र सिंह ने उस दौरान कटवाल पर बाहरी लोगों को नौकरी देने के आरोपभी अपने भाषणों में लगाए थे।
कटवाल ने सेशन कोर्ट के आदेशों के खिलाफ हवीं पर रिविजन भी फाइल की। कटवाल ने सेशन कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने आब्जर्व किया कि रिविजनल कोर्ट के पास आरोप निर्धारित करने और आपराधिक प्रक्रिया को जारी रखने पर फैसला लेने के समिति अधिकार है। समन जारी करने के लिए मेजिस्ट्रेट को केवल ये देखना होता है कि इसमें प्रथम दृष्टया साक्ष्य है या नहींहै। वो समन जारी कर सकते है। मैरिट बाद में देखी जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि सेशन कोर्ट का मेजिस्ट्रेट के आदेशों को रदद करना न्यायोचित नहीं था। हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि मामले से जुड़ा सारा रिकार्ड ट्रायलकोर्ट को भेज दिया जाए और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में ट्रायल शुरू हो।
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