शिमला।प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार के प्रशासन के आदेशों को अर्की के बागा में लगे जेपी सीमेंट कारखाने के प्रबंधन ने सरेआम ठेंगा दिखा दिया है।ये खुलासा एसडीएम अर्की की ओर से डीसी सोलन को भेजी चिटठी में हुआ है।
उधर, प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की पालना कराने की मांग को लेकर अर्की एसडीएम कार्यालय के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे पंचायत भलग के ग्रामीणों की हड़ताल आज सातवें दिन में पहुंच गई है । आज सांय जेपी प्रबंधन के अधिकारियों के साथ हुए एसडीएम अर्की की वार्ता विफल होने के बाद ग्रामीणों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का एलान किया है। आज सीताराम, बिटटू और वीरमल चौहान भूख हड़ताल पर बैठे।
उधर, इस मसले पर भाजपा और कांग्रेस की चुप्पी ने भी कई सवाल खड़े कर दिए है।
जिला प्रशासन ने 19 फरवरी और 10 मार्च को जेपी प्रबंधन को चिटठी लिखी थी कि वो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान निकाले। इस बावत दस मार्च को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल एडीसी सोलन से भी मिला था।
एसडीएम डीसी सोलन को लिखी चिटठी में कहा है कि जेपी कंपनी का रवैया ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर सकारात्मक नहीं पाया गया है। इसलिए आगामी कार्यवाही करने के आदेश दिए जाए।
जिला प्रशासन ने जेपी कंपनी को दो बार ग्रमीणों की मांग पर गौर करने के आदेश दिए। एसडीएम की चिटठी में लिख गया है कि जेपी कंपनी कह रही है कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इसलिए जो आदेश हाईकोर्ट का होगा उसे माना जाएगा। लेकिन मजे की बात है कि ग्रामीण हाईकोर्ट के ही आदेश की पालना करवाने की मांग प्रशासन से कर रहे है।
गौरतलब हो कि जेपी कंपनी का लाखें टन मलवा पंचायत भलग के गांव भलग,समत्याड़ी समेत कई गांव वालों की जमीनों पर पड़ा है। इसके अलावा कई ग्रामीण बेघर हो गए है। उनके मकान भारी बारिश से बहे मलवे के नीचे दब गए है। कूल्हें व घराट ठप पड़े है।। खेतों में 20 -20 मीटर तक मलवा भरा सो फसलें नहीं लग रही है। ये सिलसिला 2008 -09 से चल रहा है। लेकिन ग्रामीणों को फसलों का मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसी से गुस्साए लोग अर्की में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए है। लेकिन आज सात दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का प्रशासन मामले को सुलझा नहीं पाया है। एसडीएम अर्की ने एल आर वर्मा ने कहा कि जेपी कंपनी के अफसरों को बुलाया गया था। वो मामले को सुलझाने के लिए तैयार है । मामला अदालत में है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कंपनी के अफसरों से हुई वार्ता से ग्रामीणों को अवगत करा दिया है अब उन्हे फैसला लेना है।
उधर ग्रामीणों ने कहा कि उनका आंदोलनजारी रहेगा।
(0)