शिमला। विपक्षी दल भाजपा के बहिष्कार के बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 2014-15 के लिए विधानसभा में 23,613 करोड़ रुपए के पेश किए बजट में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत डीए की किश्त देकर लोक लुभावनी घोषणाओं की झड़ी लगा दी है।
आगामी लोकसभा चुनावों के मददेनजर कर्मचारियों से लेकर उदयोगपतियों तक को लुभाने का प्रयास किया गया है। हालांकि बजट में बस किरायों में कटौती न कर आम लोगों को राहत नहीं दी गई है।
3262 करोड़ राजस्व घाटे व 5354 करोड़ के वितीय घाटे के इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। विपक्ष की गैरहाजिरी में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज विधानसभा में अपना 17वां बजट पेश किया।
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014-15 में 23 613 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस राशि में से 7647करोड़ वेतन पर, 3496 करोड़ पैंशन पर,2750 करोड़ लिए गए कर्जों की ब्याज अदा करने पर,1511 करोड़ कर्जों की अदायगी,1840 करोड़ रख रखाव व 367 करोड़ रुपए बाकी कर्जों की अदायगी पर खर्च किया जाएगा।
2014 -15 के बजट अनुमानों में कुल राजस्व प्राप्ति 16522 करोड़ रुपए व कुल राजस्व व्यय 19 784 करोड़ रुपए होने अनुमान लगाया गया है।आगामी वित वर्ष में 3262 करोड़ रुपएकाराजस्व घाटा होने की संभावना है।
इसके अलावा पूंजी खाते में 3860 व लोक लेखा में भविष्यस निधि की 1125 करीोउ़ की प्राप्तियां होने का अनुमान है।कर्जों की अदायगी समेत कुल पूंजी व्यय 3830 करोड़ रुपए का अनुमान है। 2014 -15 के लिए वितीय घाटा 5354 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है।
सौ रुपए में कहां से कितना आएगा व कहां कितना खर्च होगा
बजट अनुमानों के मुताबिक सौ रुपए के व्यय के मुकाबले प्रदेश की आय व केंद्र से कर्ज को छोड़कर प्राप्त धनराशि समेत कुल राजस्व आय 70 रुपए 82 पैसे होगी।होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी अंतर को कर्जों व एंडवांस लेकर पूरा किया जाएगा।
प्रदेश के राजस्व आय को अगर सौ रुपए माने तो इसमें से 32 रुपए31 पैसे की आय करों से,8रुपए41 पैसे की आय गैर करों से,20 रुपए36 पैसे की आय केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से व 38 रुपए92 पैसे की आय केंद्रीय अनुदानों से होगी।खर्च किए जाने वाले सौ रुपए में से वेतन पर 32 रुपए 38 पैसे,पैंशन पर 14 रुपए80 पैसे,ब्याज अदायगी पर 11 रुपए 64 पैसे,कर्ज अदायगी पर 6रुपए 40 पैसे खर्च किए जाएंगे। विकास व अन्य गतिविधियों पर 34 रुपए78 पैसे खर्च किए जाएंगे।
भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए टोल फ्री नंबर की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नंबर बाद में जारी किया जाएगा। उन्होंने बजट भाषण में कहा शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
बजट की मुख्य घोषणाएं
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बजट भाषण में कर्मचारियों को 1 जुलाई 2013 से 10 प्रतिशत डीए की किश्त देने की घोषणा की
मजदूरों की दिहाड़ी में 20 रुपए की बढ़ोतरी कर इसे 150 से 170 रुपए कर दी गई है।
80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में, कोई भी अन्य पैंशन प्राप्त करने वालों को छोड़कर, शेष सभी के लिए आय सीमा के बगैर 1000 की दर पर सामाजिक सुरक्षा पैंशन का विस्तार।
70 प्रतिशत से अधिक विकलांगों को 750 की बढ़ी दर से पैंशन। उनके लिए विवाह अनुदान बढ़ाकर 40,000 किया जाना प्रस्तावित।
द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धाओं की वित्तीय सहायता को 750 से बढ़ाकर 2,000 किया गया।
वीरता पुरस्कार विजेताओं की वार्षिकी 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार की गई।
धर्मशाला में युद्ध संग्राहलय स्थापित करने के लिए 2 करोड़ प्रदान किये जायेंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों की पत्नियों और पुत्रियों की सम्मान राशि 3,500 से बढ़ाकर 5,000 की गई। स्वतंत्रता सेनानियों की पुत्रियों के विवाह अनुदान को बढ़ाकर 51 हजार और पौत्रियों के विवाह अनुदान को बढ़ाकर 21 हजार किया गया।
शिमला तथा धर्मशाला में 2 महिला पुलिस थाने स्थापित होंगे। आरक्षी, मुख्य आरक्षी, सहायक उप-निरीक्षक, उप-निरीक्षक, तथा निरीक्षकों के राशन भत्ते को 150 से बढ़ाकर 180 प्रतिमाह किया गया।
गृह रक्षकों का मानदेय 225 से बढ़ाकर 260 प्रतिदिन किया गया। रैंक भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ौतरी।
विभिन्न विभागों में 5 हजार क्रियाशील पद भरे जाएंगे।
31 मार्च, 2014 को 7 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले सभी दिहाड़ीदार नियमित होंगे।
31 मार्च, 2014 को 6 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले सभी अनुबन्ध कर्मी नियमित होंगे। उनको मिलने वाले अवकाश में बढ़ौतरी तथा उन्हें आर.एस.बी.वाई. के अन्तर्गत लाया जाएगा।
अंशकालिक जलवाहकों का मासिक मानदेय ृ1,300 से बढ़ाकर ृ1,500 किया गया।
ऽ 31 मार्च, 2014 को 8 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अशंकालीन कर्मियों को दिहाड़ीदार बनाया जाएगा।
ऽ सिलाई अध्यापिकाओं के मासिक मानदेय को ृ1,600 से बढ़ाकर ृ2,000 किया गया।
आगंनवाडी कर्मियों के अतिरिक्त मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि।
1 अप्रैल, 2014 से 65 से 70, 70 से 75 तथा 75 से 80 वर्ष की आयु पूरी करने वाले पैंशनरों को क्रमशः 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत पैंशन भत्ता प्रदान किया जाएगा। सैन्य पारिवारिक पैंशनरों को वर्ष 2014-15 से दोहरी पारिवारिक पैंशन का लाभ प्राप्त होगा। प्रदेश के लोगों के लिए जन सेवा डिलिवरी हैल्पलाईन स्थापित होगी।
लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, शहरी विकास, पर्यटन, परिवहन एवं स्वास्थ्य विभागों में अधिक निवेश के लिए सार्वजनिक निजी सहभागिता प्रकोष्ठ स्थापित होंगे।
हिमाचल भवन दिल्ली तथा चण्डीगढ़ में हिमाचल वासियों की सुविधा के लिए एक-एक लोकमित्र केन्द्र खोला जाएगा।
दस कार्यालयों को पेपर रहित करने के उद्देश्य से ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर लागू होगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली आपूर्ति श्रृंखला के ऑटोमेशन और राशन कार्डों के कम्पयूटरीकरण के लिए 14.23 करोड़ की परियोजना कार्यान्वित होगी। अगले चार वर्षों में 30 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद्यान्न भण्डारण क्षमता का सृजन होगा।
बेमौसमी सब्जियों के अधीन 4 हजार हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र लाने के लिए 55 करोड़ का आवंटन।
100 करोड़ के परिव्यय के साथ डा. वाई.एस. परमार किसान स्वरोज़गार योजना आरम्भ होगी तथा पौलीहाउस बनाने के लिए 85 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा।
कांगड़ा, मण्डी, ऊना और बिलासपुर ज़िलों में कॉफी उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
बागवानों को गुणवत्ता युक्त एंटी हेल नेट प्रदान कर 15 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र सुरक्षा के दायरे में लाया जायेगा।
एप्पल रिजुविनेशन प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 1500 हैक्टेयर क्षेत्र लाया जाएगा।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कन्ट्रोल्ड एटमोसफीयर स्टोर में निवेश करने वाले सभी निजी निवेशकों को1 रुपए की टोकन लीज मनी पर सरकारी भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी।
शिमला ज़िले में एच.पी.एम.सी. द्वारा 15 करोड़ की लागत से एप्पल जूस कन्संट्रेट इकाई स्थापित की जाएगी।
घुमारवीं तथा नादौन में 8 करोड़ के निवेश से दो सब्जी पैक हाऊस स्थापित होंगे।
पालमपुर में 4 करोड़ की लागत से एक नया तरल नाईट्रोजन गैस संयंत्र स्थापित होगा।
पशु पालकों के लिए हस्त-चालित व ऊर्जा-चालित चारा मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
विभिन्न श्रेणी की ऊन के प्रापण मूल्यों में 7.5 प्रतिशत से लेकर 32.5 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी।
सैक्सड सीमन तकनीक के प्रयोग से आवारा पशुओं की समस्या से राहत पाने की सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी।
गोविन्द सागर तथा पौंग जलाशयों में केज फिश कल्चर के लिए डिमोन्सट्रेश्न प्रोजेक्ट आरम्भ किया जाएगा।
मत्स्य विपणन के लिए मोबाईल फिश मार्किट स्कीम आरम्भ की जाएगी।
प्रदेश के सभी मछली उत्पादकों के लिए प्रीमियममुक्त समूह दुर्घटना मछुआरा बीमा योजना लागू।
जंगली जानवरों द्वारा मनुष्य को मारे जाने पर मुआवज़े की राशि 1 लाख से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार तथा गम्भीर चोट की स्थिति में 33 हजार से बढ़ाकर ृ75 हजार करना। टी.डी. नियम उदार बनाये गये हैं। अब हकदारों को मकान के निर्माण तथा मुरम्मत के लिये पूर्व के क्रमशः 30 व 15 वर्षों के स्थान पर 15 व 5 वर्षों के बाद ही टी.डी. प्राप्त होगी।
85 करोड़ के परिव्यय से जिला कांगड़ा, शिमला तथा कुल्लू में 3 नए आ.सीडीपी प्रोजेक्ट आरम्भ होंगे।
100 करोड़ के ऋण जुटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 3500 महिला आधारित स्वयं सहायता समूहों को सहायता दी जायेगी।
विभिन्न आवासीय योजनाओं के अन्तर्गत 75,000 प्रति आवास के अनुदान से 10,700 नये आवासों का निर्माण। इस पर 80 करोड़के करीब खर्च किया जाएगा।
एकीकृत जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 190 करोड़ का प्रावधान।
राज्य सरकार 2012-17 तक चौथे राज्य वित्तायोग द्वारा संस्तुतित 476 करोड़ की राशि पंचायती राज संस्थाओं व 382 करोड़ शहरी स्थानीय निकायों को अन्तरण करेगी।
समयबद्ध तरीके से सरकारी सेवाएं सुनिश्चित करने को पंचायत सहायकों के 245 रिक्त पद भरे जाएंगे।
राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान के अन्तर्गत 55 करोड़ की लागत से 200 ग्राम पंचायत कार्यालय स्तरोन्नत किए जाएंगे तथा 1425 लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे।
सरकार ने पंचायत प्रधानों,बीडीसी, जिला परिषद व नगर निगम के महापौर, उप महापौर , पार्षदों के मानदेश्य में बढ़ोतरी की है।
पंचायत चौकीदार के अनुदान को 1,650 से बढ़ाकर ृ1,850 प्रतिमाह किया जाएगा।
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में प्रथम अप्रैल, 2014 से वृद्धि।
राजस्व अदालतों में लम्बित मामलों में 20 प्रतिशत तक की कमी लाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। महत्त्वपूर्ण स्थलों पर वाटर एटीएम स्थापित होंगे।
सस्ती दरों पर पेयजल तथा सिंचाई की सुविधाएं प्रदान करने हेतु सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को 240 करोड़ उपलब्ध करवाये जायेंगे।
922 करोड़ की लागत से दौलतपुर पुल से गगरेट पुल तक स्वां व180 करोड़ की लागत से छौंछ खड्ड के तटीयकरण के कार्य आरम्भ करना।
जन स्वास्थ्य एवं सिंचाई विभाग के लिए 1,500 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित।
वर्ष 2014-15 में 2 हजार मैगावाट अतिरिक्त जल विद्युत क्षमता के दोहन का लक्ष्य।
लघु जल-विद्युत परियोजनाओं की परियोजना सम्बन्धित अनुमतियां प्रदान करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया।
2 मैगावाट तक की भावी परियोजनाओं से मिलने वाली निःशुल्क ऊर्जा को 7 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत किया गया।
ऽ 5 मैगावाट तक की परियोजनाओं के आबंटन में हिमाचल वासियों को प्राथमिकता।
जल विद्युत परियोजना के संयंत्र तथा मशीनरी पर वैट देने पर प्रवेश कर में 5 प्रतिशत की पूर्ण छूट।
जल विद्युत निष्पादन में प्रयोग में लाए जाने वाले सभी प्रकार के संयंत्र तथा मशीनरी पर वैट को घटाकर मात्र 2 प्रतिशत किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 564 करोड़ के बकाया ऋण की देनदारी प्रदेश सरकार उठाएगी।
सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड से 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में राज्य को प्राप्त होने वाली सस्ती बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को आजीवन प्रदान की जाएगी ताकि उपभोक्तओं को सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवाने के लिये हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को 330 करोड़ प्रदान किए जाएंगे।
काज़ा में 2 मैगावाट का सोलर फोटो-वोल्टाईक ऊर्जा संयन्त्र स्थापित होगा।
बउद्देशीय विद्युत परियोजना तथा ऊर्जा विभाग के लिए 985 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित।
प्रदेश में नए निवेश के लिए हिमाचल प्रदेश निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ गठित होगा।इसके अलावा औद्योगिक विकास के लिए उद्योग परामर्श परिषद् गठित होगी।
ऊना ज़िले के पंडोगा और कांगड़ा जिले के कन्दरोड़ी में 219 करोड़ के निवेश से नए अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे।
बद्दी में 147 करोड़ की अनुमानित लागत से टूल रूम स्थापित होगा।
इ.एच.टी. श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को 15 प्रतिशत की कम दर पर बिजली शुल्क लगेगा।
वर्तमान मध्यम तथा बड़े उद्योगों को 13 प्रतिशत की कम दर पर विद्युत शुल्क लगेगा। नई इकाई को 5 वर्षों तक केवल 5 प्रतिशत की दर से विद्युत शुल्क का भुगतान करना होगा। स्थापित लघु उद्योगों को 7 प्रतिशत की कम दर से विद्युत शुल्क का भुगतान तथा नई इकाई को पहले 5 वर्षों तक केवल 2 प्रतिशत की दर से भुगतान करना होगा।
नया उद्योग, जहां 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार उपलब्ध होगा, से 5 वर्षों तक केवल 2 प्रतिशत विद्युत शुल्क वसूला जाएगा।
प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना पर केवल 50 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क वसूला जाएगा। नए उद्योगों के लिए भूमि प्रयोग हस्तांतरण शुल्क को वर्तमान दर से 50 प्रतिशत घटाया जाएगा।
हिमाचल परिवहन निगम के लिये 1,300 नई बसों की खरीद होगी।
ग्रामीण सड़क परियोजना के द्वितीय चरण में 516 करोड़ के परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत।
सार्वजनिक निजी भागीदारी में सुरंगो का निर्माण।
परवाणु-शिमला उच्च मार्ग की फोर-लेनिंग का कार्य 2,500 करोड़ की लागत से किया जाएगा।
1,818 करोड़ की लागत का कीरतपुर-नेरचौक मार्ग का फोर-लेनिंग का कार्य सौंपा गया।
बद्दी को किसी भी सम्भावित रेल र्प्वाइंट से जोड़ने हेतु रेल लाईन का विस्तार। राज्य सरकार इस परियोजना के लिए 50 प्रतिशत योगदान देगी।
1 जुलाई, 2014 से ई-रिटर्न, ई-कर भुगतान, ई-घोषणा तथा वैधानिक प्रपत्र ऑनलाईन जारी करने की सुविधा प्रदेश के सभी पंजीकृत डीलरों को मिलेगी।डीलरों को कर भुगतान सीधे बैंकों को करने की सुविधा मिलेगी।
1 मार्च, 2014 से सामान की पूर्ण ई-घोषणा करने वाले ट्रकों को प्रदेश से बाहर जाते समय अनिवार्य रूप से नाकों पर नहीं रूकना होगा।
टोल नाकों को आधुनिक अधोसंरचना उपलब्ध करवाने के लिए नाकों की नीलामी 3 साल के लिए होगी।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खुलने वाले नए होटलों को 10 वर्ष तक विलास कर में छूट।
वर्ष 2014-15 में 10वीं तथा 12वीं कक्षाओं के 7,500 मेधावी छात्रों को नेटबुक प्रदान किए जाएंगे।
ऽ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 956 करोड़ की प्रस्तावना भारत सरकार को भेजी।
शिक्षा क्षेत्र के लिए 4282 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत नगरोटा बगवां में एक राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय खुलेगा।
कौशल विकास भत्ता योजना में अधिकतम युवाओं को लाने हेतु उदार बनाया गया। इसके लिए 100 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित।
मंदिरों के रख-रखाव तथा पूजा अर्चना के लिये 5 करोड़ की आवर्ती निधि का प्रावधान।
शिमला शहर में एक सिटी संग्राहलय और मनोरंजन पार्क की स्थापना होगी।
राज्य पुरस्कार से सम्मानित हिमाचली लेखकों की पुस्तकों को थोक खरीद के लिए वित्तीय सहायता 10,000 से बढ़ाकर 25,000 तथा अन्य लेखकों के लिये 6,000 से बढ़ाकर 15,000 की गई।
युवा क्लबों को खेल उपकरण तथा सांस्कृतिक उपकरणों के प्रापण के लिए दिए जाने वाले वार्षिक अनुदान को 10 हजार से बढ़ाकर 18 हजार किया गया।
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 50 पद कोच तथा 13 पद ग्राऊड मैन के सृजित होंगे।
हिमाचल प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त संवाद्दाताओं को प्रदेश में प्रवेश के समय टोलकर भुगतान में छूट।
प्रैस क्लबों के निर्माण के लिए 1 करोड़ चिन्हित।
नूरपुर, रामपुर तथा कुल्लू में ट्रॉमा केन्द्र स्थापित होंगे।
कमला नेहरू अस्पताल, शिमला को पूर्ण मातृ-शिशु अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत किया जाएगा।ऽ मण्डी में मातृ-शिशु अस्पताल स्थापित होगा।
सुजानपुर, रामपुर, नगरोटा, कांगड़ा, मण्ड़ी, कुल्लू तथा मनाली की पेयजल योजनाओं के सम्बर्द्धन के लिए 183 करोड़ का परिव्यय।
15 करोड़ प्रत्येक की लागत से 4 आधुनिक वधशालाएं स्थापित होंगी।
ऽ बद्दी तथा नालागढ़ शहरों के लिए 90 करोड़ की अनुमानित लागत से मल निकासी योजनाएं निर्मित होंगी।
शिमला में सिटी लाईवली हुड केन्द्र स्थापित होगा।
नगर निगम शिमला, नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ौतरी।
एकल कन्या को तकनीकी तथा व्यवसायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सभी सरकारी संस्थानों में दो सीटों का आरक्षण उपलब्ध होगा।
वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए 1108 करोड़ का आबंटन प्रस्तावित। यह 2013-14 की योजना के 24.72 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2014-15 की योजना का 25.19 प्रतिशत होगा।
सामाजिक सुरक्षा पैंशन 500 से बढ़ाकर 550 की गई।
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