शिमला।हिमाचल पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमौत के बाद सहमे बिजली बोर्ड की तमाम कर्मचारी यूनियनों ने दिवंगत विमल नेगी के जन्मदिन के मौके पर आज पावर सेक्टर में भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोल का एलान कर दिया हैं। इस बावत HPSEBL एम्प्लाइज, इम्प्लाइज एवं पेंशनर्ज जॉइंट एक्शन कमेटी ने आज पूर्व इंजीनियर सुनील ग्रोवर की अध्यक्षता में हाइ पावर कमेटी का गठन कर पहला कदम उठा दिया हैं। सुनील ग्रोवर बिजली बोर्ड के अभियंता रहे हैऔर वो बिजली बोर्ड में बिजली लोड डिस्पैच केंद्र के एम डी भी रहे हैं।
उनकी अध्यक्षता में बनी हाइ पावर कमेटी से अब उम्मीद जगी है कि पावर सेक्टर में जो नेताओं, अफसरों और कारोबारियों के झुंड ने मिलकर लूट मचा रखी है उसका पर्दाफाश हो पाएगा।
दिवंगत विमल नेगी के जन्मदिन को आज HPSEBL एम्प्लाइज,एवं पेंशनर्ज जॉइंट एक्शन कमेटी ने भ्रष्टाचार दिवस के रूप में मनाया इस मौके पर संयुक्त एक्शन कमेटी ने बिजली बोर्ड़, पॉवर कॉर्पिराशन और संचार निगम में कार्यरत तमाम कर्मचारियों ,अभियन्ताओं व बोर्ड़ पेंशनर्ज ने शपथ ली कि सब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होकर सबसे पहले अपने कार्यलय के काम मे पारदर्शिता और ईमानदारी लाएंगे जो भ्रष्टाचार को रोकने का सबसे बेहतर उपाय हैं।
इस मौके पर कमेटी ने सभी से आग्रह किया कि वो हाइ पावर कमेटी को पावर सेक्टर में पनप रहे भ्रष्टाचार से अवगत कराए ताकि प्रदेश को लूट रहे बड़े मगरमच्छों को सामूहिक तौर पर दबोचा जाए।
संयुक्त कमेटी ने विमल नेगी के जन्मदिन 24 अप्रैल को हर साल बतौर भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाने का एलान किया।
इस मौके पर जॉइंट एक्शन कमेटी के संयोजक लोकेश ठाकुर, सह संयोजक हीरा लाल वर्मा के अतिरिक्त अखिल भारतीय पॉवर इंजीनियर फेडरेशन के संरक्षक सुनिल ग्रोवर ने अपने विचार रखे और सरकार की नक के नीचे पनप रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ गुब्बार निकाला।
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों ने विमल नेगी को एक विपरीत फैसला लेने के लिए विवश किया गया उसमें प्राथमिक साक्ष्यों के अनुसार उनके कार्यस्थल पर पन्नप रहा भ्र्ष्टाचार इस फैसले के पीछे एक मुख्य कारण है। उन्होंने मांग की कि विमल नेगी के आत्म हत्या को मजबूर करने बारे एफआइआरमें आरोपित दोषियों को भारतीय संविधान की धारा 311 के तहत बरखास्तगी की जाए और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा आज भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है जो जहां समाज के विकास को बाधित कर रही है वहीँ देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ नैतिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है। कार्यालयों में यह सब फाइलों में हेरफेर और अनियमितताओं के रूप में प्रकट होता है। यह एक ओर जहां वितीय क्षत्ति के साथ-साथ कर्मचारियों के मनोबल, प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है वहीं आम जनता में विभाग की छवि को भी धूमिल करता है।
इन कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज कार्यस्थलों पर पनप रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना समय की जरूरत हो गई है अन्यथा इस व्यवस्था में कई कर्मचारी विमल नेगी की तरह हादसों का शिकार होंगे वहीं संस्थानों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा।
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