शिमला। पानी का धंधा अब एक नए रूप में फल फूल रहा है। एक जमाना था जब प्यासे को पानी पिलाना धर्म समझा जाता था। अब ये बड़ा धंधा बन गया। निजी कंपनियां पहले कई राज्यों में वाटर एटीएम खोल चुकी है । हिमाचल में शुरूअात शिमला से हुई है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने lसोमवार को यहां रिज मैदान पर स्थापित प्रदेश की प्रथम जल ए.टी.एम. इकाई का लोकार्पण किया। इस ए.टी.एम. को मुबंई की कंपनी चलाएगी।ऐसे में गर आप प्यासे है तो आपको प्यास बुझाने के लिए 50 पैसे खर्चने पड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य जल नीति 2013 तैयार की है जो मंदिरों, प्रमुख पर्यटक स्थलों, मेलों इत्यादि में जल ए.टी.एम. के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि लोगों को उचित गुणवत्ता का जल प्राप्त हो सके। विश्वसनीय गुणवत्ता का जल उपलब्ध करवाने के अपने प्रयासों मंे प्रदेश सरकार ने आरम्भ में शिमला के रिज मैदान, विकास नगर तथा पुराने बस अड्डे पर एवं ऊना जिला के चिंतपूर्णी, मंडी तथा कांगड़ा जिले के धर्मशाला के दाड़ी में पायलट आधार पर जल ए.टी.एम. सुविधा स्थापित करने का निर्णय लिया है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिमला देश के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है और यहां वर्ष भर देशी तथा विदेशी पर्यटक आते हैं। अधिकांश पर्यटक मंहगा बोतलबंद पेयजल पर निर्भर रहते हैं और बाद में खाली बोतलों को सड़कों के किनारे फैंक दिया जाता है। यह कचरा अजैविक है और इससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि शिमला के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण को संरक्षित रखने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटकों द्वारा कचरे के रूप में छोड़ी गई प्लास्टिक की खाली बोतलों के समुचित प्रबन्धन का भी प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जल ए.टी.एम. मैसर्ज पीरामल वाटर प्रावईवेट लि. मुम्बई द्वारा अपने ब्रांड नेम सर्वजल के अन्तर्गत न लाभ न हानि के आधार पर स्थापित किए जा रहे हैं। इस दिशा में उक्त कंपनी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा यूजर एजेंसी के मध्य एक त्रिस्तरीय समझौता बिल्ट-आॅपरेट-मैनेज तथा मैंटेन आधार पर किया गया था। यह कंपनी इसी आधार पर गुजरात, राजस्थान तथा दिल्ली में सफलतापूर्वक जल ए.टी.एम. का संचालन कर रही है। कंपनी द्वारा स्थापित जल ए.टी.एम. पूर्ण रूप से स्वचालित, एकीकृत शुद्ध जल प्रदान करने वाली इकाई है और इसमें जल की गुणवत्ता वास्तविक समय रिमोट अनुश्रवण के माध्यम से सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकाई सौर ऊर्जा से संचालित है तथा क्लाउड कनेक्टिड एवं आर.एफ.आई.डी. आधारित है। इसके माध्यम से मात्र 50 पैसे प्रति लिटर के मूल्य पर हर समय जल उपलब्ध होगा। इससे जल जनित रोगों की रोकथाम में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग इसके लिए जल तथा नगर निगम शिमला इकाई की स्थापना के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगा। पीरामल सर्वजल एकीकृत जल
ए.टी.एम. इकाई के संचालन एवं रख रखाव का कार्य सुनिश्चित बनाएगी और सुरक्षित जल गतिविधियेां के प्रोत्साहन के लिए आई.ई.सी. गतिविधियां चलाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय स्कूलों के छात्रों को ए.टी.एम. सहित जल की बोतले भी वितरित की।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स, नगर निगम शिमला के महापौर श्री संजय चैहान, जल प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री हरभजन सिंह भज्जी, नगर निगम शिमला के पार्षद, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत चैधरी, उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ श्री एन.एल. शर्मा, आयुक्त नगर निगम शिमला श्री अमरजीत सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा शहर के गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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