शिमला। लोकसभा उप चुनावों में मंडी से प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए मिली हार के बादअगर भाजपा आलाकमान ने हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया होता तो आज हिमाचल में डब्बल इंजन की सरकार होती। यह और का नहीं हिमाचल के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का मानना हैं।
भाजपा आलाकमान ने चंद पलों में ही हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद चहेते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को कुर्सी से हटा दिया व उनकी जगह नायब सिंह सैणी को मुख्यमंत्री बना दिया हैं।
इसी तरह का प्रयोग 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा आलाकमान ने गुजरात व उतराखंड में भी किया था लेकिन हिमाचल में इस प्रयोग को अमली जामा नहीं पहनाया गया था। आज अपनी इस गलती के लिए मोदी व शाह अपना सर पीट रहें होंगे। अगर अपनी सरकार होती तो सरकार गिराने के धंधे में लगने की जरूरत नहीं होती और लोकसभा में चारों सीटें भाजपा की झोली में जाने की उम्मीद बढ़ जाती ।
2021 के उप चुनावों में मंडी लोकसभा हलके से भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर प्रदेश में भाजपा की जयराम सरकार के सत्ता में होने के बावजूद लोकसभा का उप चुनाव हार गई थी। इस चुनाव को जीतने के पूरा दारोमदार जयराम ठाकुर व उनके कुनबे पर था। जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री थे व उनके खास चहेते शिमला लोकसभा हलके से सांसद सुरेश कश्यप पार्टी अध्यक्ष थे।
कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांगेस अध्यक्ष व हालीलाज की सर्वेसर्वा प्रतिभा सिंह चुनाव मैदान में थी। इन चुनावों में बाहरी तौर पर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी थी लेकिन बावजूद इसके भाजपा के ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर चुनाव हार गए।
इन चुनावों में भाजपा आलाकमान ने कोई दखल नहीं दिया था व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा , जयराम व सुरेश कश्यप की जुंडली ने पूर्व मुख्यमंत्री धूमल को बाहर रखा था। नतीजतन भाजपाउ चुनाव हार गई।
तब भाजपाइयों को भी लगा था कि अब भाजपा आलाकमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटा देगा । ले अगर ऐसा होता संभवत: प्रदेश में आज कांग्रेस की सुक्खू सरकार नहीं बल्कि भाजपा की सरकार सत्ता में होती।
उपचुनावों में हार मिलने के बावजूद भी जयराम व उनकी जुंडली ने अपनी कार्यशैली को नहीं बदला था व जिस तरह से आज विरोधी कांग्रेसियों को ठिकाने लगाने का काम कर रहे थे उसी तरह जयराम भी धूमल खेमे को ठिकाने में लगे हुए थे। नतीजा ये हुआ कि हिमाचल में दिसबंर 2022 में मोदी –शाह व मुख्य धारा के मीडिया का पूरा जलवा होने के बावजूद प्रदेश के मतदाताओं ने भाजपा को हरा दिया।
अब पिछले दरवाजे से भाजपा सरकार बनाने के कांड को अमली जामा पहनाने में लगी हैं।
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