शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज मंगलवार को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7 प्रतिशत महंगाई भत्ते के अतिरिक्त करूणामूलक आधार पर नौकरियां देने के लिए वर्तमान में 1.25 लाख रुपये की आय सीमा को बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये करने की घोषणाएं की। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस एस जोगटा की बतौर जेसीसी अध्यक्ष ये मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पहली मीटिंग थी।इस मीटिंग में वीरभद्र सिंह धूमल पर हमला करने से नहींचूके और धूमल का नाम लिए बगैर कहा कि उनकी सरकार कर्मचारियों को बांटने का काम करती रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महंगाई भत्ते में की गई यह बढ़ौतरी पहली जुलाई, 2014 से देय होगी और मार्च, 2015 तक का बकाया कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में जमा किया जाएगा। इससे राज्य कोष पर 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोगी कल्याण समिति की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह राज्य में हमेशा से ही अराजपत्रित कर्मचारियों का केवल एक संगठन चाहते हैं, और इस दिशा में उनके प्रयास सार्थक सिद्ध हुए हैं। हालांकि, ऐसा करना कठिन कार्य था, लेकिन अंततः राज्य के कर्मचारी एक छत के नीचे आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में निजी क्षेत्र में श्रमिक संघों की तरह सरकारी क्षेत्र में समय-समय पर कर्मचारियों की शिकायतों और उचित मांगों को सरकार के समक्ष रखने के लिए कर्मचारियों की एक चुनी हुई बाॅडी की स्थापना आवश्यक है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार ने कर्मचारियों को बांटने की नीति अपनाई और कर्मचारियों को अलग-अलग इकाईयों में विभाजित किया, जो कर्मचारियों के लिए नुकसानदायी साबित हुआ। उन्होंने कहा कि श्री प्रेम कुमार धूमल ने राजनीति में उनके सक्रिय प्रवेश को देखते हुए बिना सोचे समझे विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कर्मचारियों के लिए जल्दबादी में बहुत सी लुभावनी घोषणाएं की, जिससे राज्य कोष पर 1300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा। परिणामस्वरूप, वर्तमान प्रदेश सरकार ने जब सत्ता संभाली, उस वक्त खजाना खाली था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वित्तीय लाभ प्रदान करने के लिए केवल पंजाब वेतन आयोग का अनुसरण करती है, न कि चुनाव के दौरान कर्मचारियों को लुभाने के लिए पंजाब सरकार की मंत्रीमंडलीय उप-समितियों अथवा अन्य बोर्डों व निगमों द्वारा की गई घोषणाओं को। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को भी इसे समझना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों द्वारा पिछले दो वर्षों के दौरान सरकार को दिये गए सहयोग को भविष्य में भी जारी रखने का आग्रह किया और विश्वास दिलाया कि कर्मचारियों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
इससे पूर्व, प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया व ऐजेंडा से अलग कुछ मांगों कों उनके समक्ष रखा। उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उन्हें समय-समय पर वित्तीय लाभ प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का दिया।
प्रधान सचिव कार्मिक एसकेबीएस नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
मुख्य सचिव पी. मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.सी. फारका, तरूण श्रीधर और पी.सी. धीमान, प्रधान सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, हि.प्र. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव गोपाल शर्मा व अन्य पदाधिकारी, समस्त जिलों के अराजपत्रित कर्मचारी संघों के नेता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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