शिमला। प्रदेश की जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं मुहैया कराने के वीरभद्र सिंह सरकार के दावे हवा हो गए है। जेएनआरयूएम तहत के प्रदेश को मिली 632 बसों में से 250 बसें एचआरटसी के 25 डिपुओं में बेकार खड़ी है। इन बसों के खड़े रहने का कारण जो परिवहन मंत्री जी एस बाली ने सदन में दिया वो भी हैरान करने वाला है। उन्होंने सदन में खुलासा किया कि ये बसें इसलिए खड़ी है क्योिंकि कहीं ड्राइवर कंडक्टर नहीं है तो कई रूट इन बड़ी बसों के लिए पास ही नहीं है। यानि कि ये बसें इन सड़कों पर चल ही नहीं सकती। इसके अलावा इन बसों में कैरियर भी नहीं है। जबकि आर्डर में इसका जिक्र था।
बाली ने कहा कि ये सब केंद्र स्पेेसिफिकेशन के मुताबिक खरीदी गई है। उन्होंने खुद कम लंबाई वाली बसों को हिमाचल के लिए भेजने के लिए कहा था लेकिन केंद्र ने नहीं सुना। बाली ने सफाई दी कि कैरियर के मामले में सरकार ने पैसा काट लिया है।
उधर, इस मसले पर भाजपा विधायक व चीफ विधायक सुरेश भारदवाज ने सदन के बाहर मीडिया से कहा कि इस खरीद में धांधलियां हुई है।ये बसें जेएनआरयूएम के तहत खरीदी गई है,जो शहरों के लिए आई है। सरकार अपने खाते से कोई बसें नहीं खरीद रही है। ये बसें पहाड़ों पर चलने के काबिल नहीं है।ये लंबी व लो फ्लोर की है।उन्होंने कहा कि सरकार ने घपला किया है।जो बसे यहां चलने के लायक ही नहीं है, वो खरीदी क्यों गई। शिमला भी ये बसें जाम का सबब बन गई है।
मंत्री का ये जवाब हैरान करने वाला है। आश्चर्यजनक ये है कि प्रदेश में बसें आ गई है लेनि उन्हें चला नहीं सकते। ये सरकार पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। बाली ने ये भी कहा कि कंडक्टरों की भर्ती का मामला अदालत में लंबित है। सदन में टेंपरेरी तौर पर रखे जाने वाले कंडक्टरों/सहायकों को विकास भते देने के चलन पर भी सवाल उठाया।
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