नई दिल्ली, 6 मार्च: संयुक्त राष्ट्र बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ ने आज कहा कि पिछले दस सालों में भारत में बाल विवाह में तेज गिरावट आई है। जहां 27 फीसदी लड़कियां अपने 18 वें जन्मदिन से पहले शादी कर रही हैं वहीं आज इसकी दर में गिरावट आई है।
भारत में इस गिरावट ने बाल विवाहों में वैश्विक गिरावट के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, कुल मिलाकर, विवाहित लड़कियों की संख्या पिछले दशक में 15 प्रतिशत तक की गिरावट आई है जिसमें 1-4 में से लगभग 1-5 में।
भारत में सबसे आगे होने वाले दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी कमी देखी गई।यूनिसेफ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, पिछले 10 सालों (2005-06 और 2015-16) में विश्व स्तर पर 25 मिलियन बाल विवाह को रोक दिया गया था।
यूनिसेफ ने कहा “दक्षिण एशिया में पिछले 10 सालों में दुनिया भर में बाल विवाह में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है, क्योंकि एक लड़की की शादी 18 साल के होने से पहले एक तिहाई से भी कम हो गई है। यह गिरावट लगभग 50 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक हुई है।भारत में प्रगति की यह सबसे बड़ी हिस्सेदारी का कारण है।
संयुक्त राष्ट्र बच्चों की एजेंसी ने लड़कियों की शिक्षा, किशोरों में सक्रिय सरकार के निवेश की बढ़ती दरें और बाल विवाह की अवैधता के बारे में मजबूत जन जागरूकता को जिम्मेदार ठहराया और इसका कारण यह नुकसान गिरावट के कारणों में से एक है।
जब एक लड़की को एक बच्चे के रूप में शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है, तब उस लड़की को तत्काल और आजीवन परिणाम का सामना करना पड़ता है। स्कूल खत्म करने की उनकी बाधाएं कम हो जाती हैं जबकि उनकी वैवाहिक परेशानियों के बावजूद भी गर्भावस्था में वृद्धि के दौरान उसके पति द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है।
यूनिसेफ के प्रिंसिपल जेंडर एडवाइजर अंजू मल्होत्रा ने कहा, “गरीबी के अंतर-चक्र के चक्रों का भी बड़ा सामाजिक परिणाम और उच्च जोखिम है।”
उसने कहा जीवन-परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए बाल विवाह के बाद एक युवा लड़की की जिंदगीबहुत प्रभाव पड़ता है। परन्तु जीवन-बदलने वाले प्रभाव बाल विवाह को देखते हुए एक जवान लड़की के जीवन पर किसी भी कमी का स्वागत खबर है, लेकिन हमें एक लंबा रास्ता तय करने के लिए मिल गया है।
मल्होत्रा ने कहा “प्रत्येक बच्चे की शादी को रोकने से एक और लड़की को अपनी क्षमता को पूरा करने का मौका मिलता है।”
लाखों लड़कियों को उनके बचपन से इस विनाशकारी अभ्यास के माध्यम से चोरी होने से रोकने के प्रयासों को सामूहिक रूप से दोहराया जाना है। हमने दुनिया को 2030 तक बाल विवाह को खत्म करने का वचन दिया गया है।
साभार आई.ए.एन.एस
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