माननीय अध्यक्ष महोदय,
1. आपकी अनुमति से, मैं वर्श 2020-21 का
बजट प्रस्तुत करता हूँ।
2. अध्यक्ष महोदय, मैं इस सदन को तथा इस
सदन के माध्यम से प्रदेष की जनता को हिमाचल प्रदेष के
पूर्ण राज्य का दर्ज़ा प्राप्त करने के 50वें वर्श के अवसर पर,
दिल की गहराईयों से बधाई देता हूँ। प्रदेष वासियों, विभिन्न
सरकारों और प्रदेष के अधिकारियों एवम् कर्मचारियों के
प्रयासों से हिमाचल प्रदेष की गणना आज देष के विकसित
राज्यों में की जाती है। षिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यावरण
संरक्षण, ग्रामीण विद्युतीकरण तथा मानव विकास के क्षेत्रों में
प्रदेष अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। हमारा राज्य पहाड़ी
राज्यों की श्रेणी में एक तवसम उवकमस ैजंजम के रूप में
विकसित हुआ है। विभिन्न केन्द्रीय प्रायोजित कार्यक्रमों के
कार्यान्वयन में श्रेश्ठ प्रदर्षन के लिए प्रदेष सरकार को कई
सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। यह उपलब्धियाँ प्रदेष के लिए
उल्लास का विशय है। मैं घोशणा करता हूँ कि हिमाचल
पद्र ेष के सम्पूर्ण राज्य का दर्ज़ा प्राप्त करने के 50वंे वर्श पर
2020-21 को ‘हिमाचल प्रदेष स्वर्ण जयन्ती वर्श’ के
रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेष में विभिन्न स्थानों
पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा तथा प्रदेष
की उपलब्धियां जनता के साथ साँझा की जाएंगी।
3. हमारी सरकार समावेषी विकास की पक्षधर है।
वर्तमान सरकार ने सत्ता सम्भालते ही अपनी प्रथम कैबिनेट
बैठक से ही यह स्पश्ट संदेष दिया था कि वो प्रदेष की
जनता, विषेश रूप से कमजोर वर्गों, के प्रति अत्यधिक
2
संवेदनषील है। विगत् दो वर्शों में हमारे द्वारा उठाये गए
सभी कदम इसी दिषा में उठे हैं। हमने प्रषासनिक सुधार
के सन्दर्भ में भी बहुत सारे पदपजपंजपअमे लिए हैं। इस कारण
प्रदेष की प्रषासनिक व्यवस्था में ेजतनबजनतंस (मूलभूत)
परिवर्तन हुए हैं एवम् ूवता बनसजनतम में उत्साहजनक वृद्धि
हुई है।
4. पिछला एक वर्श भारत में विकास की दृश्टि से
महत्वपूर्ण रहा है। देष की जनता ने भारतीय जनता पार्टी
को फिर से चुनते हुए अपना विष्वास पार्टी के नेतृत्व तथा
नीतियों में जताया है। 2019 में हुए आम चुनावों में
हिमाचल प्रदेष के सभी 68 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में
भारतीय जनता पार्टी को बढ़त प्राप्त हुई तथा अभूतपूर्व
69 मत प्रतिषत प्राप्त हुआ जो समस्त राज्यों में सर्वाधिक
मत प्रतिषत है। अक्तूबर, 2019 में हुए विधानसभा
उप-चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी दोनों सीटों पर
विजय प्राप्त करने में सफल रही है। दोनों चुनाव क्षेत्रों में
युवा प्रत्याषी निर्वाचित हुए हैं। यह भारतीय जनता पार्टी
द्वारा युवाओं और महिलाओं को आगे लाने के प्रति संकल्प
का सूचक है।
5. हमारी सरकार ने प्रदेष की जनता तथा युवाओं
के साथ कई मंचों पर सीधा संवाद स्थापित किया है।
‘जनमंच’ के माध्यम से किए गए प्रयास इस प्रतिबद्धता को
दर्षाते हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में फरवरी, 2020
तक 189 जनमंच कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें
47 हजार 848 षिकायतें व माँगे प्राप्त हुईं, इनमें से
43 हजार 548 षिकायतों का सन्तोशजनक निपटारा किया
गया। इन प्रयासों के अप्रत्याषित रूप से उत्साहजनक
परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त ‘म.ैंउंकींद’ एवम्
‘मुख्यमन्त्री सेवा संकल्प’ (ब्ड भ्मसचसपदम) प्लेटफार्मस को
3
भी लोकप्रियता मिली है। मुख्यमन्त्री सेवा संकल्प के
माध्यम से फरवरी, 2020 तक प्राप्त 37 हजार 990
षिकायतों का सन्तोशजनक निवारण किया जा चुका है।
6. 7 और 8 नवम्बर, 2019 को धर्मषाला में
आयोजित ऐतिहासिक ”भ्पउंबींस च्तंकमेी प्दअमेजवतेष् डममज“
प्रदेष के विकास की राह में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
हमारी सरकार माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का
आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद
इस आयोजन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की और
यह चिरस्मरणीय षब्द कहे ”………… मैं यहाँ मेहमान
नहीं हूँ, मैं भी एक प्रकार से हिमाचली हूँ। आप मेरे
यहाँ आए हैं, आप मेरे मेहमान हैं ……..“। यह भी
हमारे लिए गर्व का विशय है कि इस सरकार के दो वर्श के
कार्यकाल में माननीय प्रधानमन्त्री 3 बार हिमाचल आए। मैं
इस सदन के माध्यम से, प्रदेष की जनता की ओर से प्रदेष
के प्रति माननीय प्रधानमन्त्री जी के स्नेह के लिए, उनका
आभार व्यक्त करता हूँ। मैं सभी निवेषकों का भी हार्दिक
धन्यवाद व्यक्त करता हूँ जिन्होंने प्रदेष की विकास यात्रा में
सम्मिलित होने की पहल करने का निर्णय लिया है।
7. प्दअमेजवतेष् डममज प्रदेष में किसी भी सरकार द्वारा
किया गया अपनी तरह का पहला प्रयास है। वास्तव में यह
एक नई सोच और दृश्टि का परिचायक है। प्रदेष में निजी
निवेष में वृद्धि के फलस्वरूप विकास की प्रक्रिया में गति
मिलेगी तथा रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे। इस
डममज के दौरान हस्ताक्षरित किए गए 97 हजार 700
करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों में से लगभग 13 हजार
656 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन 27 दिसम्बर,
2019 तक ग्राऊंड कर लिए गए हैं। मैं इस सदन के
माध्यम से, प्रदेष की जनता की ओर से देष के माननीय
4
गृह मन्त्री, श्री अमित षाह का आभार व्यक्त करता हूँ
जिन्होंने वर्तमान सरकार का दो वर्श का कार्यकाल पूर्ण होने
के अवसर पर ळतवनदक ठतमंापदह ब्मतमउवदल में अपनी
उपस्थिति से प्रदेष का मार्गदर्षन किया। षीघ्र ही दूसरी
ळतवनदक ठतमंापदह ब्मतमउवदल आयोजित की जाएगी।
8. हमारी सरकार ने प्दवितउंजपवद ज्मबीदवसवहल की
सहायता से सरकारी कार्य-कलाप की विभिन्न व्यवस्थाओं
को और अधिक कारगर तथा प्रभावी बनाया है। ‘हिम
प्रगति’ के माध्यम से स्वयं मेरे द्वारा प्रदेष में कार्यान्वित
किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की जाती है
जिसके फलस्वरूप तमक जंचपेउ पर रोक लगी है। विभिन्न
कार्यालयों से प्राप्त होने वाली स्वीकृतियों में लगने वाले
समय में भी कमी आई है। निवेषक उत्साहित हैं तथा वे
भी इस पाटे र्ल का उपयागे अपनी परियाजे नाआ ंे की मॉनिटरिगं
के लिए कर रहे हैं।
9. भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेष की
जनता के प्रति अपनी जवाबदेही बारे सजग है। मेरा मानना
हैः-
अगर जिन्दगी में पाना है,
तो तरीके बदलो, इरादे नहीं।
10. हमारी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के
दृश्टिपत्र को सरकार का नीति दस्तावेज़ मानकर विकास की
प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के सार्थक प्रयत्न किए हैं एवम् कई
कल्याणकारी योजनाओं को जनता को समर्पित किया है।
निम्नलिखित योजनाओं का विषेश रूप से उल्लेख करना
चाहूँगाः-
सामाजिक सुरक्षा पेंषन प्रणाली का अभूतपूर्व
विस्तार
हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना
5
हिम केयर
सहारा
मुख्यमन्त्री चिकित्सा सहायता कोश
मुख्यमन्त्री नूतन पॉली हाऊस योजना
रोषनी
सौर सिंचाई योजना
हिमाचल पुश्प क्रान्ति योजना
विभिन्न आवास योजनाओं में अतिरिक्त अनुदान
नई राहें-नई मंजिलें
मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना
मातृ एवं षिषु कल्याण
नषे के प्रति ्रमतव जवसमतंदबम की नीति के
दृश्टिगत आवष्यक पहल
‘सबका साथ, सबका विकास और सबका
विष्वास’ की नीति के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता
को दोहराते हुए कहना चाहूँगाः-
फर्क नहीं पड़ता, अगर मैं किसी से बेहतर करुं।
फर्क बहुत पड़ता है, अगर मैं किसी का बेहतर करुं।।
11. अन्तर्राश्ट्रीय मुद्रा कोश (प्डथ्) द्वारा जनवरी,
2020 में प्रकाषित ॅवतसक म्बवदवउपब व्नजसववा में वर्श
2019 में वैष्विक अर्थव्यवस्था के 2.9 प्रतिषत की दर से
बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। वैष्विक मन्दी के
बावजूद 2019-20 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद
में 5 प्रतिषत की वृद्धि अनुमानित है। 2020-21 में यह
वृद्धि दर बढ़कर 6 प्रतिषत तथा 6.5 प्रतिषत के बीच रहने
का अनमु ान ह।ै भारतीय अथवर्् यवस्था का आकार 2019-20
में लगभग 210 लाख करोड़ रुपये (3 ट्रिलियन अमेरिकी
डॉलर) रहने की सम्भावना है। न्दपजमक ज्ञपदहकवउ एवम्
थ्तंदबम को पीछे छोड़कर भारत अब विष्व की पाँचवीं
राश्ट्रीय
अर्थव्यवस्था।
6
अर्थव्यवस्था बन गई है। केन्द्र सरकार द्वारा किए गए
आर्थिक सुधारों के फलस्वरूप विष्व बैंक की श्म्ंेम व िक्वपदह
ठनेपदमेेश् रिपोर्ट के अनुसार भारत, जो कि 2017 में
100वें स्थान पर था, 2018 में 77वें स्थान तथा 2019
में 63वें स्थान पर पहुँच गया है। केन्द्र सरकार की
प्रभावषाली नीतियों की वजह से मंहगाई नियन्त्रण में है।
माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय
अर्थव्यवस्था को 2024-25 तक 360 लाख करोड़ रुपये
(5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने के
लिए हिमाचल प्रदेष भी अपना पूरा योगदान देगा।
12. केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम
से प्रदेष की जनता लाभान्वित हुई है। किसानों तथा
कामगारों के लिए आरम्भ की गई क्रमषः ”प्रधानमन्त्री
किसान सम्मान निधि“ तथा ”प्रधानमन्त्री श्रम योगी
मानधन योजना“ के अन्तर्गत किसानों तथा कामगारों को
सीधा लाभ पहुँचा है। इसके अतिरिक्त ”प्रधानमन्त्री आवास
योजना“, ”सौभाग्य योजना“ , ”उज्जवला योजना“ ,
”प्रधानमन्त्री रोज़गार सृजन योजना“, ”मुद्रा योजना“,
”जन-धन योजना“, ”प्रधानमन्त्री कृशि सिंचाई योजना“,
”प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना-आयुश्मान भारत“,
”किसानों की आय दोगुनी करने का कार्यक्रम“, ”स्वच्छ
भारत मिषन“, से समाज के प्रत्येक वर्ग के समान
विकास को सुनिष्चित किया जा रहा है। मैं इस सदन के
माध्यम से केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का
आभार व्यक्त करता हँ ू जिन्हांने े हिमाचल प्रदेष एवं उत्तराखण्ड
को, सभी केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं में, वही अनुदान
प्रदान किया जो पूर्वोत्तर राज्यों (छवतजी म्ंेज) एवं जम्मू और
कष्मीर को मिल रहा है।
13. अध्यक्ष महोदय, वर्तमान सरकार ने प्रदेष का
आर्थिक प्रबन्धन कुषलतापूर्वक किया है। इसके लिए हमारी
प्रदेष की
अर्थव्यवस्था।
7
सरकार ने केन्द्र सरकार से बेहतर समन्वय बनाया है।
केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के अन्तर्गत सहायता प्राप्त होने
के अतिरिक्त अन्तर्राश्ट्रीय फण्डिंग एजेंसीज़ से पोशित कई
योजनायें विगत् दो वर्शों में आईं हैं। 2020-21 में कई
योजनाओं के लिए सवंद ंहतममउमदज हस्ताक्षरित किए जाएंगे
एवम् नई योजनाओं के प्रस्तावों को अनुमोदन के लिए
भारत सरकार को भेजा जाएगा।
14. वित्तीय वर्श 2019-20 में प्रदेष की आर्थिक
विकास दर 5.6 प्रतिषत रहने का अनुमान है, जो कि
राश्ट्रीय विकास दर से अधिक है। 2019-20 के अग्रिम
अनुमानों के अनुसार हिमाचल प्रदेष का सकल घरले ू उत्पाद
प्रचलित दरों पर 1 लाख 65 हजार 472 करोड़ रुपये
रहेगा जो कि पिछले वर्श की तुलना में 11 हजार 627
करोड़ रुपये अधिक है। हिमाचल प्रदेष की प्रति व्यक्ति आय
2019-20 के दौरान 1 लाख 95 हजार 255 रुपये रहने
का अनुमान है जो कि राश्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय से
60 हजार 205 रुपये अधिक है।
15. वर्तमान सरकार ने अपनी विकास नीति का
निर्धारण सतत् विकास लक्ष्यों (ैनेजंपदंइसम क्मअमसवचउमदज
ळवंसे) के अनुरूप किया है। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी
सरकार ने गत् वर्श ‘दृश्टि 2030’ के नाम से विज़न
डाक्यूमेंट जारी किया था। अध्यक्ष महोदय, दिसम्बर, 2019
में नीति आयोग द्वारा जारी की गई ‘ैक्ळ प्दकपं त्मचवतज
2019-20’ के अनुसार हिमाचल प्रदेष को ैनेजंपदंइसम
क्मअमसवचउमदज ळवंसे (सतत् विकास लक्ष्य) प्राप्त करने में,
केरल के बाद द्वितीय स्थान मिला है। हिमाचल प्रदेष ने
षिक्षा, लिंग समानता, षहरी विकास, असमानताओं को
घटाने तथा आर्थिक विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में श्रेश्ठ
प्रदर्षन किया है। मैं सतत् विकास लक्ष्यों के साथ-साथ
सुषासन, पारदर्षिता तथा विकास के अन्य आयामों को
सतत् विकास
लक्ष्य एवं नीति।
8
ध्यान में रखते हुए 2020-21 का बजट प्रस्तुत कर रहा
ह।ूँ
16. 2020-21 के लिये वार्शिक योजना का परिव्यय
7 हजार 900 करोड़ रुपये है, जो कि 2019-20 के
योजना आकार (7 हजार 100 करोड़ रुपये) से लगभग
11 प्रतिषत अधिक है। प्रस्तावित 7 हजार 900 करोड़
रुपये में से 1 हजार 990 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति
उप-योजना, 711 करोड़ रुपये जन-जाति उप-योजना तथा
88 करोड़ रुपये पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना के लिये प्रस्तावित
ह।ै
17. अध्यक्ष महादे य, वार्शिक याजे ना आकार म ंे वित्तीय
वर्श 2020-21 में 800 करोड़ रुपये की वृद्धि के लिए
अतिरिक्त संसाधनों की आवष्यकता रहेगी। भारत सरकार
की विभिन्न योजनाओं तथा बाह्य अन्तर्राश्ट्रीय परियोजनाओं
से आवष्यक संसाधनों की पूर्ति की जाएगी।
18. 15वें वित्तायोग की 2020-21 की रिपोर्ट में
हिमाचल प्रदेष के लिए समुचित वार्शिक अनुदान की संस्तुति
की गई है। 13वें वित्तायोग ने प्रदेष को औसतन 4,388
करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान दिया था जो कि 14वें
वित्तायोग में बढ़कर 14,407 करोड़ रुपये हो गया था।
15वें वित्तायोग ने 2020-21 के लिए 19,309 करोड़
रुपये वार्शिक अनुदान की सिफारिष की है। मैं भारत
सरकार तथा 15वें वित्तायोग का प्रदेष की जनता की ओर
से इसके लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
19. चम्बा जिला ।ेचपतंजपवदंस क्पेजतपबज च्तवहतंउउम
;।क्च्द्ध क े अन्तगर्त चयनित ह।ै फलस्वरूप चम्बा म ंे सामाजिक
व आर्थिक क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। अध्यक्ष महोदय, राज्य
वार्शिक योजना।
9
के पिछड़े क्षेत्रों तथा पंचायतों के समविकास के लिए पिछड़ा
क्षेत्र उप-योजना के अन्तर्गत विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित
की जा रही हैं। अब समय आ गया है कि इस कार्यक्रम
की समीक्षा की जाए तथा अन्य ऐसी पंचायतों तथा विकास
खण्डों की पहचान की जाए जो कि विकास की दृश्टि से
अभी पिछड़े हों। 2020-21 में इस कार्यक्रम की समीक्षा
की जाएगी तथा मैं राज्य के अन्य पिछड़े क्षेत्रों में पिछड़ेपन
क े पर्नु ि नर्धाि रत बतपजमतपं क े आधार पर एक नया श्।ेचपतंजपवदंस
क्मअमसवचउमदज ठसवबा च्तवहतंउउम ;।क्ठच्द्धश् षुरू करने की
घोशणा करता हूँ जिससे कि प्रदेष के सभी क्षेत्रों में
समविकास हो सके।
20. बगं लरुु स्थित च्नइसपब ।ििंपते ब्मदजतम द्वारा पक्र ाषित
ळवअमतदंदबम सम्बन्धित च्नइसपब ।ििंपते प्दकमग के अनुसार
हिमाचल प्रदेष को 12 छोटे राज्यों की श्रेणी में सुषासन के
लिए प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। हमारी सरकार ने इसी
कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रत्येक जिले के लिए ळववक
ळवअमतदंदबम प्दकमग बनाने का कार्य षुरु किया है। जिलों के
प्रषासनिक कार्यकलाप में सुधार के लिए मैं घोशणा करता
ह ँू कि क्पेजतपबज ळववक ळवअमतदंदबम प्दकमग मंे पथ््र ाम स्थान पा्र प्त
करने वाले जिले को 50 लाख रुपये, द्वितीय स्थान वाले
जिले को 35 लाख रुपये तथा तृतीय स्थान वाले जिले को
25 लाख रुपये ईनाम राषि दी जाएगी।
21. अध्यक्ष महोदय, अधिकतम केन्द्रीय प्रायोजित
योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों को मिलने वाला उपदान
सीधे उनके बैंक खाते में क्ठज् द्वारा हस्तांतरित किया जा
रहा है। राज्य सरकार की 22 योजनाओं को इस सुविधा के
द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। मैं यह घोशणा करता हूँ
कि विभाग क्ठज् सुविधा अन्य राज्य योजनाओं में चरणबद्ध
तरीके से लागू करेंगे।
प्रषासनिक सुधार।
10
22. प्रत्येक वर्श की भाँति इस वर्श भी माननीय
विधायकों के साथ आयोजित बैठकों के दौरान कई बहुमूल्य
सुझाव प्राप्त हुए हैं। मैं घोशणा करता हूँ कि 2020-21
में विधायक प्राथमिकता योजनाओं की समीक्षा के लिए एक
अर्द्धवार्शिक बैठक का भी आयोजन किया जाएगा।
23. माननीय विधायकों के साथ हुई दो दिवसीय
बैठकों के दौरान विधायक प्राथमिकता वाली योजनाओं के
षीघ्र कार्यान्वयन हेतु एक प्रभावी समीक्षा एवम् अनुश्रवण
व्यवस्था स्थापित करने की माँग उभरकर आई है। मैं
घोशणा करता हूँ कि विधायक प्राथमिकता वाली योजनाओं
की जानकारी को आगामी वित्तीय वर्श से वदसपदम उपलब्ध
करवाया जाएगा। द्वितीय चरण में इस प्लेटफार्म को लोक
निर्माण, जल षक्ति तथा अन्य विभागों से भी जोड़ा जाएगा
जिससे कि माननीय विधायक अपने विधानसभा चुनाव क्षेत्र
में होने वाले विधायक प्राथमिकता के कार्यों की सूचना तमंस
जपउम इंेपे पर जान पाएंगे। माननीय विधायकों के अनुरोध
पर मैं वित्तीय वर्श 2020-21 में छ।ठ।त्क् तथा अन्य
योजनाओं के माध्यम से वित्त पोशित होने वाली विधायक
प्राथमिकता योजनाओं के लिए प्रति विधानसभा चुनाव क्षेत्र
धनराषि सीमा को वर्तमान 105 करोड़ रुपये से बढ़ाकर
120 करोड़ रुपये करने की सहर्श घोशणा करता हूँ।
24. माननीय विधायकों की माँग के दृश्टिगत मैं
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत प्रति
विधानसभा क्षेत्र के प्रावधान को बढ़ाकर 1 करोड़ 75 लाख
रुपये करने की घोशणा करता हूँ। इसी प्रकार माननीय
विधायकों की विवेक अनुदान राषि को बढ़ाकर 10 लाख
रुपये करने की भी घोशणा करता हूँ।
25. अध्यक्ष महोदय, 2018-19 के बजट अभिभाशण
के दौरान मैंने इस सदन के माध्यम से ।च्स् राषन कार्ड
11
धारकों से अपील की थी कि वे प्रदेष के च्क्ै के अन्तर्गत
मिलने वाली सब्सिडी का स्वेच्छा से त्याग करें। इस सदन
को मैं हर्श के साथ सूचित करना चाहूँगा कि हमारी सरकार
के सभी मन्त्रियों द्वारा इस सब्सिडी का स्वेच्छा से परित्याग
कर दिया गया है। मैं प्रदेष के सभी वर्गों से आषा करता
हूँ, विषेशकर माननीय विधायक तथा सरकारी राजपत्रित
श्रेणी-प् तथा श्रेणी-प्प् अधिकारी तथा सम्पन्न वर्ग जो खुले
बाजार से खाद्य पदार्थों को क्रय करने में सक्षम हैं, वे च्क्ै
से मिलने वाले अनुदान का स्वेच्छा से परित्याग करें। इसे
एक अभियान के रूप में षुरु किया जाएगा। इसके लिए
षीघ्र ही आवष्यक कार्रवाई हेतु रूपरेखा तैयार की जाएगी।
2020-21 में खाद्य पदार्थों पर मिलने वाले उपदान का
युक्तिकरण किया जाएगा। हमारी सरकार उन परिवारों, बच्चों
और माताओं के लिए अतिरिक्त दनजतपजपवदध्ेनचचसमउमदजे देने
के लिए कदम उठाएगी जो अभी कुपोशण के षिकार हैं।
वित्तीय वर्श 2020-21 में इस क्षेत्र पर दिए जा
रहे उपदान पर 230 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का
प्रस्ताव है। मैं कहना चाहूँगाः-
सोचने से कहाँ मिलते हैं, तमन्नाओं के षहर,
चलना भी जरूरी, है मंजिल को पाने के लिए।
26. ‘ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल’ के माध्यम से प्रदान की
जाने वाली 52 ळ2ब् ;ळवअमतदउमदज जव ब्पजप्रमदद्ध सेवाओं की
संख्या को बढ़ाकर 62 कर दिया गया है तथा अन्य सभी
सेवाओं को भी इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इस पोर्टल पर
लोक मित्र केन्द्रों द्वारा सभी सरकारी सेवाओं को चरणबद्ध
ढंग से आम जनता के द्वार पर ऑनलाईन पहुँचाया
जाएगा। सरकारी कार्यालयों के काम-काज को कम्प्यूटरीकृत
करने के उद्देष्य से 46 कार्यालयों में ई-ऑफिस का
सूचना प्रौद्योगिकी।
12
प्रावधान कर दिया गया है। चरणबद्ध तरीके से अन्य सभी
कार्यालयों में भी ई-ऑफिस का प्रावधान करने का लक्ष्य
ह।ै
27. आगामी वर्श में मंत्री परिशद् की बैठकों को
म.ब्ंइपदमज सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटरीकरण करके
पेपरलैस किया जाएगा।
28. भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार ने
केन्द्र सरकार की उज्जवला योजना के पूरक के रूप में
प्रदेष में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना, वर्श 2018-19
में आरम्भ की थी। इन दोनों योजनाओं का उद्देष्य वर्श
2019 के अन्त तक प्रदेष के सभी परिवारों को स्च्ळ गैस
कनेक्षन उपलब्ध करवाना था। अध्यक्ष महोदय, इस सदन
के माध्यम से प्रदेष की जनता को यह सूचित करते हुए
मुझे हर्श है कि प्रदेष सरकार इस लक्ष्य को दिसम्बर,
2019 तक पूरा करने में सफल रही है। अभी तक
2 लाख 76 हजार परिवारों को ‘गृहिणी सुविधा योजना’
के तहत गैस कनेक्षन दिए गए हैं। आगामी वर्शों में जो
भी नया परिवार आएगा, जिसके पास स्च्ळ गैस कनेक्षन
न हो, उसे इन योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया
जाएगा।
29. कृशक उत्पादक सगं ठन (थ्च्व्) किसानां,े बागवाना,ंे
दुग्ध उत्पादकांे, मछुआरांे आदि प्राथमिक उत्पादकां े के निकाय
है। किसान/बागवान संसाधन जुटाने में प्रायः असफल रहते
हैं। उन्हें फसल बुवाई से कटाई तक तथा कटाई के बाद
ग्रेडिंग और पैकेजिंग मषीनों, परिवहन, भण्डारण गोदाम
और पैक हाऊस जैसे बुनियादी ढाँचे तथा अन्य पदचनजे की
आवष्यकता होती है जिसके लिए दीर्घकालिक पूंजी की
जरूरत रहती है। मैं थ्च्व्े सुदृढ़ करने के लिए 20 करोड़
रुपये का ”कृशि कोश“ बनाने का प्रस्ताव करता हूँ जिससे
गृहिणी सुविधा
योजना।
कृशि एवं सिंचाई/
किसानों की आय
दोगुना।
13
थ्च्व्े को ेममक उवदमल, ब्याज ेनइअमदजपवद और क्रेडिट
गारंटी कवर प्रदान किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत
दिषानिर्देष तैयार किए जाएंगे। 2022 तक 75000 से
90000 किसानों को कृशि कोश का लाभ मिलने की
संभावना है।
30. प्देजपजनजम व िभ्पउंसंलंद ठपव ज्मबीदवसवहल ;प्भ्ठज्द्धए
पालमपुर द्वारा हींग की एक नई प्रजाति की पहचान की
गई है जो कि चम्बा, लाहौल स्पिति और किन्नौर जिलों के
ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। हींग की इस
प्रजाति की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी प्रकार कुछ
क्षेत्रों में केसर की खेती के लिए अनुकूल जलवायु एवम्
वातावरण पाया गया है। अतः केसर उत्पादन आरम्भ करने
का भी प्रस्ताव करता हूँ। इन दोनों उद्देष्यों की पूर्ति के लिए
मैं ”कृशि से संपन्नता योजना“ (ज्ञैल्) की घोशणा करता
ह।ूँ
31. किसानों की आय को दोगुना करने तथा कृशि
सम्बन्धी कठिनाईयों को दूर करने के लिए भारत सरकार ने
डवकमस अधिनियम तैयार किए हैं। इनमें से डवकमस
।हतपबनसजनतंस च्तवकनबम ंदक स्पअमेजवबा डंतामजपदह ।बज पर पहले
ही माननीय सदन की समिति ने अपनी सिफारिषें प्रदान
कर दी हैं। हमारी सरकार का प्रस्ताव है कि कृशि से
सम्बन्धित अन्य डवकमस अधिनियमों को भी माननीय सदन
के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
32. प्रदेष के बहुत से किसान परिवार निजी कारणों
से गांव छोड़कर षहर में निवास कर रहे हैं या उनके बच्चे
बाहर रहते हैं। परिणामस्वरूप उनकी कृशि भूमि खाली पड़ी
रहती है। हमारी सरकार माननीय सदन के सभी दलों के
सदस्यों की एक कमेटी बनाना प्रस्तावित करती है जो कि
14
खाली पड़ी भूमि को किसी अन्य, सिर्फ हिमाचली कृशक,
को खेतीबाड़ी हेतु देने की व्यवस्था बारे अध्ययन करके
अपने सुझाव प्रस्तुत करेगी। इससे प्रदेष में कृशि उत्पादन
को बल मिलेगा तथा किसानों की आर्थिकी भी सुधरेगी।
33. मुझे प्रसन्नता है कि दो वर्श पूर्व प्रदेष में आरम्भ
की गई ‘प्राकृतिक खेती-खुषहाल किसान’ योजना के
अन्तर्गत सुभाश पालेकर प्राकृतिक कृशि योजना को लगभग
50 हजार किसाना ंे न े अपनाया ह।ै इस पद्धति क े सकारात्मक
परिणाम सामने आये हैं। 2020-21 में इस संख्या को
1 लाख किसानों तक ले जाया जाएगा। इसके साथ ही
एक लाख किसानों को जागरूकता षिविरों एवं मार्गदर्षक
कार्यषालाओं के माध्यम से इस विधि को अपनाने के लिए
प्रेरित किया जाएगा। वर्श 2020-21 के अन्त तक कम से
कम 20 हजार हैक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक कृशि के अन्तर्गत
लाया जाएगा। इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए
मैं 25 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित करता हँू।
34. अध्यक्ष महोदय, खरीफ एवं रवी की बिजाई से
पहले पूरे राज्य के सभी ब्लॉकों में कृशक मेले आयोजित
किए जाएंगे। इन मेलों में कृशि, उद्यान, पषुपालन, मत्स्य
पालन, कृशि/बागवानी विष्वविद्यालय, बैंक के अधिकारी/
वैज्ञानिक/कर्मचारी भाग लेंगे जिससे कृशकों को तकनीकी
तथा ऋण सम्बन्धी जानकारी एक ही स्थान पर मिल सके।
35. इस समय जल संग्रहण, संरक्षण तथा प्रबन्धन
से सम्बन्धित विभिन्न योजनाआं े का कार्यान्वयन अलग-अलग
विभागों द्वारा किया जा रहा है। इन सभी प्रयासों का
समुचित लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुँचाने के उद्देष्य से
विभिन्न कार्यकारी विभागों में समन्वय की आवष्यकता है।
इस उद्देष्य से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी जल संरक्षण एवम्
15
प्रबन्धन हेतु एक समिति के गठन की घोशणा करता हूँ। इस
समिति द्वारा प्रदेष के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जल òोतों
तथा संसाधनों के सतत् प्रबन्धन के लिए आवष्यक कदम
सुझाए जाएंगे। अध्यक्ष महोदय, मैं निम्न पंक्तियों के माध्यम
से पानी की महत्ता के बारे बताना चाहूँगाः-
जिसे अब तक न समझे, वो कहानी हूँ मैं।
मुझे बर्बाद मत करो पानी हूँ मैं।।
36. अध्यक्ष महोदय, भारतीय जनता पार्टी की सरकार
के प्रयासों के फलस्वरूप नादौन मध्यम सिंचाई परियोजना
का कार्य समाप्ति पर है। षीघ्र ही इसे कमीषन कर दिया
जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से लगभग 3,000
हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
2020-21 में फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना को
प्राथमिकता के आधार पर षीघ्र पूरा करने के प्रयास किए
जाएंगे ताकि 4,000 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा
सके। 2020-21 में इस परियोजना के लिए 70 करोड़
रुपये का बजट प्रस्तावित है।
37. लघु सिंचाई योजनाओं को ‘प्रधानमन्त्री कृशि
सिंचाई योजना’ के अन्तर्गत षीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
338 करोड़ रुपये की लागत से 111 लघु सिंचाई
योजनाओं के लिए भारत सरकार से अब तक 202 करोड़
रुपये प्राप्त हो चुके हैं तथा इन सिंचाई योजनाओं का
निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है। इसके अतिरिक्त 3 हजार
534 हैक्टेयर भूमि पर 87 करोड़ 35 लाख रुपये की
लागत से 4 और लघु सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के
लिए भारत सरकार का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। इन
परियाजे नाआ ंे का निमाणर्् ा कार्य विभिन्न चरणा ंे म ंे ह।ै 2020-21
में इन परियोजनाओं का निर्माण पूरा किया जाएगा एवम्
अन्य परियोजनाओं की क्च्त्े भारत सरकार को प्रेशित की
जाएगी।
16
38. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष में सिंचाई परियोजनाओं
का बहुत विस्तारीकरण हुआ है परन्तु कमाण्ड क्षेत्र विकसित
(ब्वउउंदक ।तमं क्मअमसवचउमदज) न होने के कारण सिंचाई
के लिए उपलब्ध पानी सभी किसानों के खेतों तक नहीं
पहुँचा है। सिंचाई योजनाओं के क्षेत्र में सभी किसानों की
पैदावार एवं आय में वृद्धि करने की आवष्यकता है। अतः
मैं यह घोशणा करता हँू कि वर्तमान में जो सिंचाई क्षमता
विकसित की गई है, उसके पूरे दोहन के लिए ब्वउउंदक
।तमं क्मअमसवचउमदज ;ब्।क्द्ध योजना के अन्तर्गत किसानों के
खेतों तक पानी पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
विभिन्न सिंचाई परियाजे नाआ ंे क े लिये 2020-21
में 1,024 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव किया जाता
ह।ै
39. प्रदेष के पात्र बागवानों एवं किसानों को अनुदान
के आधार पर एण्टी हेलनेट का प्रावधान किया जा रहा है।
इस एण्टी हेलनेट के माध्यम से बागीचे के पेड़ों तथा खेत
के पौधों को ढकने के लिए बाँस अथवा स्टील की सहायता
से बनी स्थाई संरचना की आवष्यकता होती है। इस स्थाई
संरचना पर अभी तक सहायता नहीं दी जाती है। अध्यक्ष
महोदय, मैं घोशणा करता हूँ कि ”कृशि उत्पाद संरक्षण
(एण्टी हेलनेट) योजना (ज्ञन्ैभ्ल्)“ नामक नई योजना के
अन्तर्गत एण्टी हेलनेट के लिए बाँस अथवा स्टील के स्थाई
ेजतनबजनतम पर बागवानों तथा किसानों को 50 प्रतिषत
अनुदान दिया जाएगा। ।दजप भ्ंपसदमज पर मिलने वाले अनुदान
की वर्तमान व्यवस्था यथावत् रहेगी। मैं इस योजना के
दोनों घटकों के लिए 2020-21 के लिए 50 करोड़ रुपये
के प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ।
40. वर्तमान में ‘मुख्यमन्त्री मधु विकास योजना’
चल रही है परन्तु अब ठमम ॅंगए ठमम टमदवउए च्वससमद ंदक
बागवानी।
17
त्वलंस श्रमससल इत्यादि मधु उत्पादों को स्वास्थ्य उत्पाद के रूप
में विकसित करने के लिए इसे व्यवसायिक प्रोत्साहन प्रदान
करने का समय आ गया है। इसके लिए मैं ”मधु उत्पादन
एवं प्रसंस्करण योजना“ (डन्च्ल्) की घोशणा करता हूँ।
2020-21 में इसके लिए 7 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
41. ग्रामीण युवा वर्ग की भागीदारी सुनिष्चित करने
तथा कृशकों की आय को दोगुना करने की दिषा में
सुगन्धित पौधों की खेती और चतवबमेेपदह अत्यन्त महत्वपूर्ण
कदम होगा। इस उद्देष्य से मैं ”महक“ योजना की घोशणा
करता हूँ। इस योजना के अन्तर्गत कृशक एवं बागवानों को
प्रषिक्षण दिया जाएगा व सुगन्धित पौधारोपण, विकास एवं
विपणन हेतु चतवबमेेपदह इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी।
42. हिमाचल प्रदेष बागवानी विकास परियोजना के
अन्तर्गत तीन ब्। स्टोर गुम्मा, जरोल टिक्कर व रोहड़ू का
उन्नयन किया जाएगा। इस उन्नयन से ब्। स्टोरों की क्षमता
2,000 टन से बढ़कर 5,700 टन हो जाएगी। इसके
अतिरिक्त इन तीनों ब्। स्टोर के पैक हाऊसिंग की ग्रेडिंग
लाईन को भी उन्नयित किया जाएगा। प्रदेष में पहली बार
जरोल-टिक्कर में चैरी के लिए भ्लकतवबववसपदह की सुविधा भी
स्थापित की जाएगी। अध्यक्ष महोदय, मैं प्रदेष के किसान
भाईयों के विकास में योगदान को नमन करते हुए कहना
चाहूँगाः-
जिनके होठों पर हँसी, व पाँवों में छाले होंगे,
वही लोग, अपनी मन्ज़िल को पाने वाले होंगे।
बागवानी क्षेत्र पर 2020-21 बजट अनुमानों
में 536 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
18
43. प्रदष्े ा क े किसानांे एव ं बागवानांे के लिए पषपु ालन
एवं डेयरी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में
रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार ने
हाल ही में विटामिन । तथा क् से थ्वतजपपिमक दूध ‘हिम
गौरी’ उपलब्ध करवाना आरम्भ किया है। मैं डेयरी क्षेत्र के
विकास के लिए निम्नलिखित प्रस्ताव करता हूँ:-
‘राश्ट्रीय गोकुल मिषन’ के अन्तर्गत प्रदेष के
11 जिलों के 3,300 गाँवों में निःषुल्क गर्भाधान
योजना का आरम्भ किया जाएगा। इससे दुग्ध
उत्पादन में बढ़ौतरी होगी और किसानों की आय
बढेग़ ी।
उन्नत नस्लों की गायों की स्वास्थ्य समस्याओं के
समाधान के लिए काँगड़ा जिला में जर्सी गायों के
सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कार्यक्रम आरम्भ
किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित
लाभार्थियों की गायों में उच्च उत्पादन क्षमता वाले
ैमउमद ैजतंूे के माध्यम से पैदा हुई बछड़ियों पर
विषेश ध्यान दिया जाएगा।
प्रदेष के सभी गैर-जनजातीय जिलों में एक
गौ-अरण्य एवं एक बड़े गौ-सदन की चरणबद्ध
ढंग से स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेष के
आवारा पषुओं को चयनित स्थानों पर रखने तथा
उनकी उचित देखभाल करने में सहायता मिलेगी।
44. सरकार द्वारा भेड़-बकरी पालकों के लिए उपदान
पर बकरियाँ उपलब्ध करवाने की योजना कार्यान्वित की जा
रही है। अभी तक प्रजनन के लिए भेड़ पर उपदान का
प्रावधान जन-जातीय वर्ग तक सीमित है। मैं घोशणा करता
हँू कि वर्श 2020-21 से सभी वर्गों के लाभार्थी प्रजनन के
लिए भेड़ पर उपदान के पात्र होंगे।
पषुपालन विभाग/
गौ-संरक्षण।
19
45. किसानों की आय में वृद्धि के लिए मुर्गी पालन
क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। मैं ”हिम कुक्कुट पालन
योजना“ (भ्प्डज्ञन्च्ल्) आरम्भ करने की घोशणा करता हूँ।
इस योजना के अन्तर्गत अगले पाँच वर्शों में सभी वर्गों के
100 किसानों को प्रतिवर्श 5,000 तक ब्रॉयलर प्रदान किए
जाएंगे। यह लाभ उन लाभार्थियों को दिया जाएगा जिन्होंने
मुर्गी पालन में सरकारी संस्थाओं से आवष्यक प्रषिक्षण
प्राप्त किया हो।
46. पषुधन की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान
पषुपालकों के द्वार पर करने के उद्देष्य से मैं घोशणा करता
हूँ कि प्रदेष में पायलट आधार पर ”मोबाईल वैटनरी सेवा
(डव्टम्ै)“ का प्रावधान किया जाएगा।
47. समय पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के
उद्देष्य से 2020-21 में ग्राम पंचायत पषु चिकित्सा
सहायकों के 120 पद भरे जाएंगे।
48. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष में दुग्ध उत्पादन से जुड़े
परिवारों के हित को ध्यान में रखते हुए मैं दूध खरीद मूल्य
को वित्तीय वर्श 2020-21 के दौरान 2 रुपये बढ़ाने की
घोशणा करता हूँ। वर्श 2020-21 के लिए मिल्कफैड को
23 करोड़ रुपये के अनुदान का प्रस्ताव करता हूँ।
पषुपालन क्षेत्र पर 2020-21 बजट अनुमानों में
477 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
49. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष में लगभग 13,000
मछुआरे व मत्स्य कृशक परिवार इस òोत से आजीविका
कमा रहे हैं। प्रदेष सरकार 2020-21 में 100 नई ट्राऊट
इकाईयों का निर्माण करेगी। इसके अतिरिक्त ट्राऊट मछली
का उत्पादन बढ़ाने के लिए ”ट्राऊट मत्स्य पिंजरों“ का
निर्माण करवाया जाएगा। कॉर्प मछली के उत्पादन को बढ़ाने
मत्स्य पालन।
20
के लिए नालागढ़ कॉर्प मछली फार्म में त्मबपतबनसंजपदह ।ुनं
ब्नसजनतम ैलेजमउ ;त्।ैद्ध की स्थापना की जाएगी।
50. विलुप्त तथा क्षीण जल òोतों के जीर्णोद्धार तथा
ढलानदार खेतों में प्रवाह सिंचाई परियोजना के माध्यम से
सिंचाई उपलब्ध करवाने के लिए 2020-21 से एक नई
योजना ‘पर्वत धारा’ की मैं घोशणा करता हूँ। इसके
अन्तगर्त ैंजमससपजम प्उंहम क े आधार पर जल सगं ह्र ण जलाषयांे
का निर्माण किया जाएगा। इनका रख-रखाव तथा प्रबंधन
मनरेगा के अन्तर्गत किया जाएगा। इससे गर्मी के मौसम
में सिंचाई का प्रावधान हो पाएगा और भू-जल òोतों का
जीर्णोद्धार होगा। इस योजना पर 2020-21 में 20 करोड़
रुपये खर्चे जाएंगे।
51. राश्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत प्रदेष
भर में 2,000 लोकमित्र केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई
है। इन लोकमित्र केन्द्रों के लिए 100 करोड़ रुपये की
धनराषि भारत सरकार से प्राप्त होगी। इन लोकमित्र केन्द्रों
पर सुनियोजित ढंग से कार्य आरम्भ किया जाएगा। इन
केन्द्रों का निर्माण पंचायत घरों में किया जाएगा।
52. ग्रामीणों द्वारा तैयार उत्पाद जैसे बांस से निर्मित
उत्पाद, पत्तलें, मिट्टी के बर्तन आदि के प्रदर्षन एवं विपणन
के लिए प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में, जहाँ भी समुचित
सार्वजनिक स्थल उपलब्ध करवाया जाएगा, वहाँ पर इन
उत्पादों के प्रदर्षन तथा विक्रय हेतु आवष्यक सुविधा
उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेष में स्वयं सहायता समूहों के
उत्पादों की बिक्री के लिए 2020-21 में प्रत्येक जिले में
एक स्थानीय ‘सरस’ मेले का आयोजन किया जाएगा।
53. मनरेगा के अन्तर्गत ऐसे सभी कामगार, जो कि
100 दिवस का रोज़गार पा चुके हों, उनके परिवार से कम
पंचायती राज एवं
ग्रामीण विकास।
21
से कम एक व्यस्क सदस्य को कौषल विकास हेतु आवष्यक
प्रषिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए मैं एक नई योजना
”उन्नति“ को 2020-21 में आरम्भ करने की घोशणा
करता हूँ।
54. प्रदेष में बढ़ती हुई स्पमि म्गचमबजंदबल के दृश्टिगत
वरिश्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य आवष्यकताओं के लिए
2020-21 में ”पंचवटी“ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों
में पार्कों तथा बागों का निर्माण कार्य आरम्भ किया
जाएगा।
55. हमारी सरकार ने ठोस कचरा प्रबन्धन क्षेत्र में
बड़ी पहल की है। प्रथम चरण में आगामी वर्श में 500
ग्राम पंचायतों को कचरा मुक्त बनाने का कार्य आरम्भ किया
जाएगा।
56. तम्बाकू सेवन तथा धूम्रपान की प्रवृति तथा
तम्बाकू प्रयोग से होने वाले जानलेवा रोगों की रोकथाम के
लिए पंचायतों को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से मैं घोशणा
करता हूँ कि ऐसी प्रत्येक पंचायत जो तम्बाकू सेवन मुक्त हो
जाएगी उसे 5 लाख रुपये अनुदान प्रदान किया जाएगा।
57. 2019-20 में पंचायती राज संस्थाओं के लिए
पाँचवें राज्य वित्तायोग की अनुषँसा पर 210 करोड़ रुपये
का पा्र वधान किया गया था। म ैं इस पा्र वधान का े 2020-21
के लिए बढ़ाकर 228 करोड़ करने का प्रस्ताव करता हूँ।
इसके अतिरिक्त 15वें केन्द्रीय वित्तायोग की सिफारिष के
अनुरूप भारत सरकार के माध्यम से 429 करोड़ रुपये का
प्रावधान किया गया है। यह हर्श का विशय है कि भारत
सरकार ने प्रदेष सरकार का अनुरोध स्वीकार कर लिया है
और यह अनुदान पंचायत समितियों और जिला परिशदों को
22
भी दिया जाएगा। अतः इस राषि को पंचायती राज की
तीन स्तरीय संस्थाओं में वितरित किया जाएगा।
58. मैं पंचायत सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत
चौकीदारों को दिए जा रहे मानदेय को 500 रुपये प्रति
माह बढ़ाने की सहर्श घोशणा करता हूँ।
59. अध्यक्ष महादे य, 5व ंे राज्य वित्तायागे की सिफारिषांे
की समयावधि 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो जाएगी।
मैं छट्ठे राज्य वित्तायोग के षीघ्र गठन की घोशणा करता हूँ।
60. सतत् विकास लक्ष्य संख्या-15 के अनुरूप
2030 तक राज्य के कुल क्षेत्र का 30 प्रतिषत क्षेत्र वन
आवरण के अधीन लाने का लक्ष्य रखा गया है जो कि
वर्तमान में 27.72 प्रतिषत है। हमारी सरकार ने वर्श
2020-21 में 12,000 हैक्टेयर भूमि पर पौधरोपण करने
का लक्ष्य रखा है जो कि पिछले वर्श की तुलना में 3,000
हैक्टेयर अधिक है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वन
विभाग 1 करोड़ पौधे रोपित करेगा। आगामी वर्शों में इसे
चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा ताकि वर्श 2030 तक
30 प्रतिषत क्षेत्र पर वन आवरण विकसित किया जा सके।
मैं इस के लिए 2020-21 में 15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
करता हूँ।
61. हमारी सरकार ने 2018-19 में ‘सामुदायिक
वन संवर्धन योजना’ एवं ‘विद्यार्थी वन मित्र योजना’
आरम्भ की थी। ‘सामुदायिक वन संवर्धन योजना’ के
अन्तर्गत 2020-21 में साँझा वन प्रबंधन समितियों/ग्राम
वन विकास समितियों के माध्यम से 200 हैक्टेयर भूमि में
पौधरोपण व भू एवं जल संरक्षण कार्य करवाये जाएंगे। इसी
वर्श में ‘विद्यार्थी वन मित्र योजना’ के अन्तर्गत 100 नए
वन संरक्षण एवं
वनों से रोज़गार।
23
स्कूलों का चयन करके उनके नजदीक चिन्हित भूमि में
विद्यार्थियों द्वारा पौधरोपण करवाया जाएगा।
62. निजी भूमि पर व्यवसायिक वन्य प्रजातियों के
पौधों के रोपण द्वारा अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए
हमारी सरकार 2020-21 में वन विभाग की पौधषालाओं
में 50,000 चंदन के पौधे तैयार करवाएगी ताकि इन्हें
आगामी वर्शों में लोगों को निजी भूमि के लिए उपलब्ध
करवाया जा सके।
63. हिमाचल प्रदेष में वन विभाग द्वारा तीन बाह्य
सहायता पा्र प्त परियाजे नाए ं क्रमषः प्उचतवअमउमदज व िभ्पउंबींस
च्तंकमेी थ्वतमेज म्बव.ैलेजमउ डंदंहमउमदज ंदक स्पअमसपीववके,
प्दजमहतंजमक क्मअमसवचउमदज च्तवरमबज वित ैवनतबम ैनेजंपदंइपसपजल आरै
भ्च् थ्वतमेज म्बवेलेजमउ ब्सपउंजम च्तववपिदह च्तवरमबज कार्यान्वित
की जा रही हैं। आगामी वित्तीय वर्श में इन परियोजनाओं
के अन्तर्गत 2,500 हैक्टेयर भूमि से लैंटाना का निर्मूलन,
2,500 हैक्टेयर भूमि पर जल संरक्षण एवं प्रबन्धन कार्य
तथा 5,000 हैक्टेयर भूमि में वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा
गया है। इन परियोजनाओं के सुचारू रूप से कार्य हेतु
2020-2021 में 139 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
64. वन विभाग द्वारा नेचर ट्रेल, साहसिक खेल,
ट्रैकिंग गाईड इत्यादि गतिविधियों से सम्बन्धित तकनीकी
प्रषिक्षण प्रदान करवाया जाएगा जिससे 500 युवाओं को
रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे।
65. मैंने इस बजट भाशण में ‘पर्वत धारा’ योजना
की घोशणा की है। वन क्षेत्र में इस योजना का कार्यान्वयन
वन विभाग करेगा। आगामी वित्तीय वर्श में इसके लिए
20 करोड़ रुपये व्यय करना प्रस्तावित करता हूँ।
24
66. मैं कुल्लू घाटी में ग्लेषियर के प्रकोप के प्रति
संवेदनषीलता के दृष्टिगत प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली स्थापित
करने की घोशणा करता हूँ। इस प्रणाली को स्थानीय लोगों
की भागीदारी में कैचमैंट स्तर पर स्थापित किया जाएगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा राज्य और कुल्लू जिले
के आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण मिलकर इस दिषा में काम
करेंगे।
67. भ्च् ैजंजम ैचंजपंस क्ंजं प्दतिंेजतनबजनतम परियोजना
के अन्तर्गत षैक्षणिक संस्थानों और अन्य सगठनों को
ेचंजपंस डेटा उपलब्ध करवाया जाएगा जा े विभागीय याजे नाआंे
को बनाने व कार्यान्वित करने में अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा।
68. ‘बॉयोटैक्नॉलोजी में ‘कौषल विज्ञान कार्यक्रम’
परियोजना के अन्तर्गत 100 स्नातक जैव प्रौद्योगिकी छात्रों
को भ्ंदके.वद ज्तंपदपदह प्रदान की जाएगी।
69. 2020-21 में हिमाचल प्रदेष विज्ञान एवम्
प्रौद्योगिकी परिशद् द्वारा करसोग कुल्थ तथा चम्बा जिला के
पांगी की ठांगी, चम्बा धातु षिल्प, चम्बा चुख और भरमौरी
राजमाह उत्पादों के लिए कम से कम 5 ळमवहतंचीपबंस
प्दकपबंजपवदे ;ळप्द्ध पंजीकरण करवाए जाने के प्रयास किए
जाएंगे।
70. अध्यक्ष महोदय, पिछले 50 वर्शों में हिमाचल
प्रदेष ने षिक्षा के क्षेत्र के विस्तार में अनेकों उपलब्धियाँ
प्राप्त की हैं जिनकी राश्ट्रीय तथा अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर
व्यापक सराहना भी हुई है। इस विस्तारीकरण के बाद अब
गुणात्मक पहलू की ओर ध्यान देना आवष्यक है। प्रदेष के
स्वर्ण जयन्ती वर्श में प्रारम्भिक षिक्षा से लेकर महाविद्यालय
स्तर तक की षिक्षा के विभिन्न गुणात्मक आयामों के सुधार
के लिए निम्न प्रस्तावित करता हूँः-
प्रारम्भिक षिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए मैं
क्लस्टर स्कूलों को उन्नयित करने के लिए ”स्वर्ण
पर्यावरण, विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी।
गुणात्मक षिक्षा।
25
जयन्ती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेश्ठ विद्यालय योजना
(ज्ञानोदय)“ षुरु करने की घोशणा करता हूँ।
योजना के तहत 100 क्लस्टर स्कूलों में
बच्चों/अध्यापकों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान
की जाएगी जिनमें बेहतर टॉयलट, बिजली और
पंखों की व्यवस्था, स्मार्ट कक्षा, फर्नीचर, पानी,
लाईब्रेरी, खेल-कूद सुविधा षामिल है। इन स्कूलों
में षिक्षकों की तैनाती छात्रों के अनुपात से की
जाएगी। हमें आषा है कि इस प्रयास से बच्चे और
अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपना विष्वास
दर्षाएंगे। इस योजना के लिए 15 करोड़ रुपये
का प्रावधान किया गया है।
उच्च षिक्षा विभाग में नई ”स्वर्ण जयन्ती उत्कृश्ट
विद्यालय योजना ;उत्कृश्टद्ध“ षुरू करने की
घोशणा करता हूँ। प्रथम चरण में इस योजना के
अन्तर्गत 68 स्कूल, जहाँ पर विद्यार्थियों की संख्या
500 या इससे अधिक है, को प्राथमिकता के
आधार पर विकसित किया जाएगा। योजना के
तहत स्कूलों का नवीकरण किया जाएगा जिसमें
फर्नीचर का प्रावधान, विद्यालय प्रांगण विकसित
करना, खेल-कूद सुविधाओं में सुधार, जिम, स्मार्ट
क्लास तथा विज्ञान प्रयोगषालाएं, बेहतर षौचालय
आरै पानी उपलब्ध करवाना सुि नष्चित किया जाएगा।
इन विद्यालयों में आवष्यक ज्मंबीमत ज्ंनहीज त्ंजपव
को सुनिष्चित किया जाएगा। इस योजना के लिए
30 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
हमारी सरकार प्रदेष 9 महाविद्यालयों को ‘उत्कृश्ट’
महाविद्यालयों के रूप में जिम तथा अन्य सुविधाओं
सहित स्थापित करेगी। इससे इन महाविद्यालयों में
छात्रों को उन विभिन्न विशयों के चयन करने का
अवसर मिलेगा जो अन्य महाविद्यालयों में उपलब्ध
26
नहीं हैं। इनमे ं ज्मंबीपदह ज्ंनहीज त्ंजपव मानदण्डो ं के
अनुसार रखा जाएगा। मैं इस योजना के लिए
9 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ।
प्रदेष के स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए गणित में
आवष्यक कौषल और निपुणता लाने के लिए
हमारी सरकार न े 50 स्कलू ा ंे मं े गणित प्रयागे षालाएं
स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इनके माध्यम से
गणित षिक्षा का सरलीकरण किया जाएगा तथा
इसे रोचक बनाया जाएगा।
हमारी सरकार द्वारा ब्ण्टण् त्ंउंद टपतजनंस ब्संेेतववउ
ल्वरंदं आरम्भ की गई है। इस योजना के
माध्यम से ऐसे महाविद्यालयों तथा विद्यालयों में
टपतजनंस ब्संेेतववउ के माध्यम से पढ़ाई करवाई
जाती है, जहाँ कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के
कारण षिक्षकों की कमी है। इस योजना की
आरम्भिक सफलता के बाद 106 नये षैक्षणिक
सस्ं थाना ंे म ंे टपतजनंस ब्संेेतववउ स्थापित किए जाएगं ।े
मैं यहाँ माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
षिक्षा की गुणवत्ता पर कहे गए वाक्यों को दोहराना
चाहूँगाः-
”गुणवत्ता षिक्षा को साक्षरता के साथ प्राथमिकता दी
जानी चाहिए। हम परिव्यय पर ध्यान केन्द्रित कर रहे
हैं, अब हमारे लिए अपनी षिक्षा प्रणाली के परिणाम
पर ध्यान केन्द्रित करने का समय आ गया है।“
71. ठण्टवब को प्रायोगिक स्तर पर राज्य के
12 महाविद्यालयों में षुरु किया गया है। मैं 2020-21 से
ठण्टवब डिग्री प्रोग्राम को 6 नये महाविद्यालयों में षुरु करने
का प्रस्ताव करता हूँ। वर्तमान में 703 विद्यार्थी ठण्टवब के
अन्तिम वर्श में पढ़ रहे हैं। इन विद्यार्थियों की प्लेसमेंट के
लिए व्यवस्था की जाएगी।
27
72. हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘मेधा
प्रोत्साहन योजना’ के अन्तर्गत प्रदेष के मेधावी छात्रों को
व्यावसायिक षैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेष हेतु आवष्यक
प्रषिक्षण दिया जा रहा है। व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेष के
लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दृश्टिगत् मैं एक नई योजना ”स्वर्ण
जयन्ती सुपर 100“ आरम्भ करने की घोशणा करता हूँ।
इस योजना के अन्तर्गत 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने
वाले 100 विद्यार्थियों को व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेष हेतु
आवष्यक प्रषिक्षण के लिए 1 लाख रुपये प्रति विद्यार्थी
अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी। मैं प्रदेष के विद्यार्थियों
को यह कहना चाहूँगा किः-
यह आसमां का इषारा है,
कल का सूरज तुम्हारा है।
73. प्रदेष के युवाओं को खेल-कूद एवम् व्यायाम के
लिए बेहतर सुविधायें देने के उद्देष्य से मैं घोशणा करता हूँ
कि सरकारी मैडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा
अन्य राजकीय व्यावसायिक षैक्षणिक संस्थानों में चरणबद्ध
तरीके से जिम/ओपन जिम की सुविधा उपलब्ध करवाई
जाएगी।
74. हमारी सरकार ने पिछले दो वर्शों में षिक्षण
संस्थानों में 10,700 पद भरने की स्वीकृति दी है। अभी
तक 4,000 षिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं। षेश पद जल्द
भर दिए जाएंगे। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि
किसी भी स्कूल में षिक्षक के पद खाली न रहें ताकि बच्चों
की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके लिए विभाग अग्रिम रूप
से खाली पदों का मूल्याँकन करके षिक्षकों की भर्ती इस
ढंग से करेगा ताकि स्कूलों में खाली पदों की समस्या
समाप्त हो जाए। इससे षिक्षा में गुणात्मक सुधार होगा।
आवष्यकतानुसार स्कूलों के युक्तिकरण का भी प्रस्ताव है
ताकि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
28
75. मैं षिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर
सेवायें दे रहे प्ज् षिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिषत बढ़ौतरी
की सहर्श घोशणा करता हूँ।
76. वर्तमान में पार्ट टाईम जलवाहक पूरी दिहाड़ी पर
आने के बाद 6 वर्श की सेवा के बाद नियमित होने के लिए
पात्र होते हैं। मैं इसे 5 वर्श करने की घोशणा करता हूँ।
हमारी सरकार ने उन प्राथमिक स्कूलों में, जहाँ पर कोई
भी पार्ट टाईम या दैनिक भोगी जलवाहक न हो, वहाँ पर
पार्ट टाईम मल्टीटास्क वर्कर नियुक्त करने का भी निर्णय
लिया है ताकि पठन-पाठन का कार्य सुचारु रूप से चल
सक।े
77. मण्डी में ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्टर
विष्वविद्यालय’ ने काम करना आरम्भ कर दिया है। प्रदेष
में वर्तमान में कुल 138 सरकारी महाविद्यालय तथा 69
निजी महाविद्यालय कार्यरत हैं। मैं सहर्श घोशणा करता हूँ
कि मण्डी एवं निकटवर्ती जिलों के महाविद्यालयों को इस
विष्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा जिससे कि यह
विष्वविद्यालय पूर्ण रूप से ।ििपसपंजपदह विष्वविद्यालय के रूप
में विकसित हो सके। मेरी सरकार का यह संकल्प है कि
यह विष्वविद्यालय निसस.सिमकहमक विष्वविद्यालय के रूप में
विकसित हो। इसके लिए सभी आवष्यक कदम उठाए
जाएंगे।
78. हिमाचल प्रदेष के युवाओं ने भारतीय सेना को
गौरवान्वित किया है और अभूतपूर्व सेवाएं दी हैं। छब्ब्
युवाओं को फौज/पैरामिलिटरी और पुलिस सेवाओं में भर्ती
के लिए प्रोत्साहन देने हेतु आवष्यक बटालियन और
कम्पनियां खोली जाएंगी ताकि और अधिक कैडेट छब्ब् के
ठ और ब् प्रमाण पत्र का लाभ ले सकें।
29
79. अध्यक्ष महोदय, मैं मिड-डे-मील वर्करज़ तथा
वाटर कैरियरज को मिलने वाले मासिक मानदेय को
300 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने की सहर्श घोशणा करता हूँ।
षिक्षा पर 2020-21 में 8,016 करोड़ रुपये
का खर्च करने का प्रस्ताव करता हूँ।
80. हमारी सरकार ने स्वास्थ्य क े क्षत्रे म ंे विस्तारीकरण
के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया है।
‘हिम केयर’ तथा ‘सहारा’ जैसी योजनाओं से प्रदेष की
जनता को लाभ पहुँचा है। ‘हिम केयर’ योजना के अन्तर्गत
अब तक 68 हजार 222 लाभार्थियों को लगभग
63 करोड़ रुपये तथा ‘आयुश्मान भारत’ के अन्तर्गत
52 हजार 922 लाभार्थियों को लगभग 53 करोड़ रुपये
की चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध करवाई गईं हैं।
81. प्रदेष सरकार केन्द्र द्वारा तय सीमा से पहले क्षय
रोग के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। राश्ट्रीय क्षय रोग
उन्मूलन कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए ‘क्षय रोग
निवारण योजना’ लागू की जा रही है। पिछले वर्श क्षय
रोग के क्षेत्र में उत्कृश्ट कार्य के लिए राज्य को पूरे देष में
प्रथम पुरस्कार दिया गया था। मेरा प्रस्ताव है कि इस
याजे ना क े अन्तगर्त दवा प्िर तराध्े ाी तपेि दक क े लिए कपंहदवेजपब
सुविधाओं को और बढ़ाया जाए। इस के लिए सपदम चतवइम
ंेेंले की सुविधा, जो कि अब तक केवल प्त्स्, धर्मपुर में
ही उपलब्ध थी, को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, टाण्डा में भी
षुरु किया जाएगा। इसके अतिरिक्त दवा प्रतिरोधी क्षय
रोगियों के लिए पोशण बढ़ाने के लिए, मैं उपचार के दौरान
सभी मल्टी ड्रग प्रतिरोधी क्षय रोगियों को इस योजना के
तहत 1,500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता देने की
घोशणा करता हूँ।
स्वास्थ्य, स्वच्छता
एवं चिकित्सा
षिक्षा/नषामुक्ति।
30
82. पिछले कुछ वर्शों में प्रदेष में महिलाओं में ब्रेस्ट
कैंसर की षिकायत में वृद्धि हुई है। षायद यही एक ऐसा
कैंसर है जिसका यदि आरम्भिक अवस्था में ही पता चल
जाए तो इसका पूर्ण इलाज़ सम्भव है। मैं घोशणा करता हूँ
कि प्रदेष के सभी जिला अस्पतालों में 2020-21 के
दौरान ही डंउवहतंचील मषीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
इसके साथ ही महिलाओं में बमतअपबंस कैंसर की रोकथाम
तथा महिलाओं में जागरुकता के लिए एक नया कार्यक्रम
अभियान के रूप में आरम्भ किया जाएगा। बच्चियों तथा
किषोरियों के अंबबपदम टीकाकरण के लिए सभी बिन्दुओं पर
अध्ययन के बाद एक विस्तृत कार्य नीति बनाई जाएगी।
इन दोनों उद्देष्यों के लिए मैं एक नई योजना ”स्वस्थ और
सषक्त किषोरित्व एवं मातृत्व“ (ैज्ञड) प्रारम्भ करने की
घोशणा करता हूँ।
83. हमारी सरकार ने पिछले वर्श ‘सहारा’ योजना
आरम्भ की थी। इस योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों
से ग्रस्त व्यक्तियों को 2,000 रुपये प्रति माह देने का
प्रावधान है। इस योजना के अन्तर्गत 8 हजार 188
पंजीकृत लाभार्थियों में से 5 हजार 580 लाभार्थियों को
उपदान प्रदान किया जा रहा है तथा षेश बचे लाभार्थियों
की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होते ही उन्हें भी यह लाभ देना
आरम्भ कर दिया जाएगा। इस सहायता को मैं बढ़ाकर
3,000 रुपये प्रतिमाह करने की घोशणा करता हूँ।
84. भ्प्ट पीड़ित लोगों को पूरे जीवनकाल में एंटी
रेट्रोवायरल थैरेपी लेनी पड़ती है जो कि ।त्ज् केन्द्रों के
माध्यम से सभी भ्प्ट रोगियों को मुफ्त दी जा रही है।
राज्य में 6 ।त्ज् केन्द्र हैं और रोगियों को अक्सर अपने
इलाज के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। इन्हें घरों
के समीप ।त्ज् की सुविधा प्रदान करने के लिए मैं
31
डॉ0 यषवन्त सिंह परमार मेडिकल कॉलेज, नाहन, पण्डित
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, चम्बा और लाल
बहादुर षास्त्री मेडिकल कॉलेज, नेरचौक में भी यह सुविधा
षुरु करने की घोशणा करता हूँ।
85. राज्य सरकार एनीमिया से निपटने के लिए सभी
प्रयास कर रही है। राज्य में कई बच्चे हीमो-ग्लोबिनो-पैथी
;भ्ंमउवहसवइपदवचंजीलद्ध जैसे कि थैलासीमिया या सिक्कल
सैल कपेमंेम से पीड़ित हैं, जो कि एक आनुवंषिक विकार
है। इस विकार का आरम्भिक अवस्था में ही पता लगाने के
लिए राज्य सरकार सभी स्कूलों में बच्चों की सामूहिक जाँच
करवाने के लिए कार्य करेगी।
86. बच्चों की मृत्यु दर (प्डत्) को और कम करने के
उद्देष्य से मैं डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद मैडिकल कॉलेज, टाण्डा में
डंजमतदंस ंदक छमव.दंजंस प्दजमदेपअम ब्ंतम न्दपज की सुि वधा सहित
एक आधुनिकतम बाल चिकित्सा केन्द्र स्थापित करने की
घोशणा करता हूँ।
87. मुख्यमन्त्री निरोग योजना के तहत छवद
ब्वउउनदपबंइसम क्पेमंेमे ;छब्क्द्ध के तपेा ंिबजवते के लिए
15 लाख से अधिक लोगों का आकलन किया गया है।
स्क्रीनिंग के बाद पाए गए रोगियों की संख्या के दृश्टिगत मैं
राज्य भर में 10 अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में ‘एकीकृत
निरोग क्लीनिक’ खोलने का प्रस्ताव करता हूँ।
88. अब तक 11 अलग-अलग श्रेणियों के रोगियों
को 56 परीक्षणों के लिए निःषुल्क कपंहदवेजपब सुविधाएं
प्रदान की जा रही हैं। मैं इस सुविधा को सभी तक पहुँचाने
का प्रस्ताव रखता हूँ।
32
89. मैं नषामुक्ति एवम् पुनर्वास के प्रयासों को बल
देने के उद्देष्य से ैजंजम डमदजंस भ्मंसजी ।नजीवतपजल को अनुदान
के रूप में समुचित प्रावधान की घोशणा करता हूँ।
90. मैं घोशणा करता हूँ कि स्वास्थ्य विभाग एक
व्यापक प्ज् आधारित प्रणाली ‘भ्प्ड।त्व्ळल्।’ विकसित करेगा
जिसमें सभी नागरिकों को नदपुनम स्वास्थ्य प्क् दी जाएगी।
इस नदपुनम स्वास्थ्य प्क् के माध्यम से प्रदेष वासियों को
विभिन्न स्वास्थ्य सेवायें मिलने में आसानी होगी।
91. राज्य में कुछ दूरस्थ क्षेत्र हैं जहाँ स्वास्थ्य
सेवाओं का अभाव है। मैं 10 ”मोबाइल हैल्थ सैंटर“ षुरु
करने की घोशणा करता हूँ। इनका उद्देष्य दूर-दराज़ और
अल्पसेवित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी श्रृंखला
मोबाईल वैन के द्वारा प्रदान करना है।
92. अध्यक्ष महोदय, वर्तमान में हिमाचल प्रदेष में
108 सेवा के अन्तर्गत 198 एम्बुलैंस चल रहीं हैं। हाल
ही में पुरानी हो गई 46 एम्बुलैंस के स्थान पर नई
एम्बुलैंस प्रदान की गईं हैं। मैं घोशणा करता हूँ कि
100 अतिरिक्त पुरानी एम्बुलैंस को षीघ्र बदला जाएगा।
93. मेरे ध्यान में यह बात है कि कभी-कभी कुछ
बेसहारा लोग गम्भीर अवस्था में अस्पतालों में छोड़ दिए
जाते हैं। अस्पताल प्रषासन को उनकी देखभाल करने में
कई मुष्किलें आती हैं। ऐसे लोगों को मुफ्त ईलाज़ तथा
कपंहदवेजपब सेवायें प्रदान करने के उद्देष्य से एक नई योजना
”सम्मान“ आरम्भ करने की घोशणा करता हूँ। अध्यक्ष
महोदय, मैं प्रदेष के सभी वासियों को संदेष देना चाहूँगा
किः-
घर के बुजुर्ग अगर मुस्कुराते मिलें,
तो समझ लेना कि आषियाना अमीरों का है।
33
94. प्रदेष वासियों का स्वास्थ्य हमारी सरकार की
सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। प्रदेष के विभिन्न स्वास्थ्य
संस्थानों में मुफ्त दवाईयाँ वितरित की जा रही हैं। इस
उद्देष्य के लिए मैं 2020-21 में 100 करोड़ रुपये का
प्रस्ताव करता हूँ।
95. आषा वर्करज़ को ‘जननी सुरक्षा योजना’ के
अन्तर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति और ठच्स् परिवारों की
गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच और संस्थागत प्रसव
के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये और षहरी क्षेत्रों में
400 रुपये की प्रोत्साहन राषि प्रदान की जा रही है। मैं
घोशणा करता हूँ कि अन्य सभी वर्गों की गर्भवती महिलाओं
की प्रसव पूर्व जाँच एवम् संस्थागत प्रसव के लिए भी ऐसी
ही प्रोत्साहन राषि आषा वर्करज़ को दी जाएगी। इस पर
राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इसके
साथ ही आषा वर्कर को प्रदेष सरकार द्वारा दिये जाने वाले
मानदेय में राज्य अँषदान को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने
की घोशणा करता हूँ।
96. मैं 2020 मे ं प्रदेष के सरकारी आयुर्वेद संस्थानों
में 60 वर्श या इससे अधिक आयु वाले वरिश्ठ नागरिकों के
लिए निःषुल्क आयुर्वेदिक दवाईयां देने का प्रस्ताव करता हूँ।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये
2020-21 में स्वास्थ्य विभाग को 2,702 करोड़ रुपये
तथा आयुर्वेद विभाग को 307 करोड़ रुपये का प्रावधान
किया गया है।
सभी प्रदेष वासियों के स्वस्थ जीवन की कामना
करते हुए मैं कहना चाहूँगाः-
ऐ सुबह तुम जब भी आना,
सबके लिए खुषियाँ लाना।
हर चेहरे पर हँसी सजाना,
हर आँगन में फूल खिलाना।।
34
97. प्रदेष में सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण
तथा उनके कार्यकलाप में पारदर्षिता लाने के उद्देष्य से
राज्य में सहकारिता कानून में आवष्यक संषोधन किया
जाएगा। सहकारी समितियों को इन संषोधनों के माध्यम
से आय वृद्धि के अवसर प्राप्त होंगे और इनकी कार्यक्षमता
बढेग़ ी।
98. अध्यक्ष महादे य, षिमला षहर म ंे बढत़ ी जनसख्ं या
के कारण भारी ट्रैफिक, संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ,
अत्यधिक भीड़ इत्यादि समस्याओं से हम अवगत हैं। इन
समस्याआं े से निपटन े के लिए कुछ संस्थाआ ंे तथा अभिकरणांे
के वर्तमान स्थान में परिवर्तन आवष्यक है। हमारी सरकार
ने निर्णय लिया है कि गंज बाजार स्थित अनाज मण्डी तथा
भðा कुफर स्थित काठ मण्डी को टूटीकण्डी बाईपास पर
दाड़नी का बागीचा में स्थानान्तरित किया जाएगा। इस नई
मण्डी में आधुनिक सुविधाओं जैसे कि ई-षौचालय, ब्ब्ज्ट,
आधुनिक लदान सुविधाएं, पार्किंग, सोलर पैनल इत्यादि का
प्रावधान किया जाएगा।
99. मण्डी षहर में पार्किंग के लिए जगह की
नितान्त कमी के दृश्टिगत मैं घोशणा करता हूँ कि मण्डी में
एक बहुमंजलीय पार्किंग तथा बवउउमतबपंस बवउचसमग का
च्च्च् मोड में निर्माण किया जाएगा। वर्तमान राजकीय
प्री-प्राईमरी तथा प्राईमरी स्कूल को स्मार्ट कक्षाओं सहित
मॉडल स्कूल के रूप में पुर्नस्थापित किया जाएगा।
100. हिमाचल प्रदेष प्राकृतिक आपदाओं की दृश्टि से
संवेदनषील क्षेत्र है। भूकम्प तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं
से बचाव तथा उनसे होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने
क े उद्दष्े य स े हमारी सरकार 2020-21 म ंे डवकमस डनदपबपचंस
ठनपसकपदह ठलसंूे अधिसूचित करेगी।
सहकारिता।
षहरी विकास।
35
101. षहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों
द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादनों की बिक्री के लिए उन्हें
म.डंतामजध्म.ब्वउउमतबम च्संजवितउे के साथ जाडे ऩ े की प्रक्रिया
आरम्भ की जाएगी। इससे इन समूहों को अपने उत्पादन
को उचित मूल्य पर बेचने के लिए बाजार उपलब्ध हो
जाएगा।
102. 2020-21 में ‘क्ममद क्ंलंस ।दजवकंलं ल्वरदं.
छंजपवदंस न्तइंद स्पअमसपीववके डपेेपवद ;क्।ल्.छन्स्डद्ध’ के
अन्तर्गत 1,000 लाभार्थियों को प्लाम्बिंग का प्रषिक्षण
दिया जाएगा तथा 500 कामगारों को ूंहम मउचसवलउमदज
उपलब्ध करवाया जाएगा।
103. हिमुडा द्वारा धर्मषाला, जाठिया देवी और देहरा
में नई टाऊनषिप बनाने का कार्य प्रगति पर है। इन जगहों
के विकास के लिए आवष्यक परियोजना तैयार की जा रही
है और आगामी वर्श में इन पर कार्य षुरु किया जाएगा।
104. स्मार्ट सिटी मिषन के अन्तर्गत षिमला एवं
धर्मषाला को चयनित किया गया है। इस योजना को और
गति प्रदान करने के लिए प्रदेष सरकार अनुदान के रूप में
50 प्रतिषत वित्तीय सहायता राषि जारी करेगी। इस मिषन
के लिए 2020-21 के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट
प्रस्तावित है।
105. हिमाचल प्रदेष सरकार ने ‘अटल श्रेश्ठ षहर
पुरस्कार’ आरम्भ किया है। इस पुरस्कार के सकारात्मक
परिणाम सामने आए हैं। इस पुरस्कार की परिधि का मैं
विस्तार करने की घोशणा करता हूँ। इस उद्देष्य से नगर
परिशदों तथा नगर पंचायतों के लिए प्रथम, द्वितीय तथा
तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
36
106. मुझे यह बताते हुए हर्श हो रहा है कि केन्द्र
सरकार ने 15वें वित्तायोग की सिफारिषों को मानते हुए
षहरी स्थानीय निकायों को अनुदान राषि 61.74 करोड़
रुपये से बढ़ाकर 207 करोड़ रुपये कर दी गई है। इस
तीन गुणा बढ़ौतरी के लिए मैं इस सदन के माध्यम से
वित्तायोग तथा केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ।
इस राषि से पहली बार छावनी क्षेत्रों को भी सीधा लाभ
मिलेगा। षहरी स्थानीय निकायों तथा छावनी क्षेत्रों में इस
राषि का प्रयोग सड़कों को पक्का करने, नालियों, गलियों,
जल प्रबन्धन, जल संरक्षण, स्वच्छता और सार्वजनिक
षौचालयों पर किया जाएगा।
107. मैं प्रस्ताव करता हूँ कि प्रदेष वासियों के लिए
मकान बनान े की प्िर क्रया स े सम्बन्धित नियमा ंे म ंे सरलीकरण
के उद्देष्य से राज्य के च्संददपदहध्ैचमबपंस ।तमंे ंदक न्स्ठे में
भ्पउंबींस च्तंकमेी ज्वूद – ब्वनदजतल च्संददपदह त्नसमेए 2014
;ंउमदकमक नच जव 2016द्ध के प्रावधानों के अन्तर्गत पंजीकृत
वास्तुकारों को 500 वर्ग मीटर तक के रिहायषी प्लाटों की
स्वीकृति की षक्तियाँ प्रदत्त करने पर सरकार विचार करेगी।
108. हमारी सरकार ने पायलट आधार पर षिमला
जिला की दो तहसीलों, षिमला षहरी तथा कुमारसेन में
सभी राजस्व सम्बन्धी लेन-देन का ऑनलाईन पंजीकरण
छंजपवदंस ळमदमतपब क्वबनउमदज त्महपेजतंजपवद ैलेजमउ के माध्यम
से करना आरम्भ किया है। इन दो तहसीलों में सफल
परिणामों के बाद 2020-21 में प्रणाली को सभी तहसीलों
में लागू किया जाएगा।
109. वर्तमान में भूमिहीन एवम् आवास रहित परिवारों
को भूमि आबंटन करने के लिए आय सीमा 50 हजार
रुपये वार्शिक है। इस आय सीमा को बढ़ाकर 1 लाख
रुपये वार्शिक तक किया जाएगा।
नगर व ग्राम
नियोजन।
भू-प्रषासन एवं
आपदा प्रबन्धन।
37
110. अध्यक्ष महोदय, मैं भारत सरकार का आभार
व्यक्त करता हूँ कि 15वें वित्तायोग की सिफारिषों को मानते
हुए ैजंजम क्पेंजमत त्पेा डंदंहमउमदज थ्नदक ;ैक्त्डथ्द्ध के
अन्तर्गत हिमाचल प्रदेष के लिए 2020-21 में
454 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है। यह आबंटन
पिछले वर्श की तुलना में 158 प्रतिषत अधिक है। इसमें से
50 करोड़ रुपये की राषि त्पेा डपजपहंजपवद के लिए भी
आबंटित की गई है। मैं इस फण्ड के गठन की घोशणा
करता हूँ। हमारी सरकार इस कोश का उपयोग भू-स्खलन
से क्षतिग्रस्त परिसम्पतिया ंे का पुनर्निमाणर्् ा, महत्वपणर््ू ा बुनियादी
ढाँचे को मजबूत करने व प्राकृतिक आपदाओं के प्रति
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए करेगी।
111. मैं राजस्व विभाग में कार्यरत अँषकालिक कर्मियों
का मानदेय 300 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने की घोशणा करता
हूँ। इसके साथ ही नम्बरदारों के मासिक मानदेय को 500
रुपये बढ़ाने की मैं घोशणा करता हूँ।
112. भारत सरकार ने महत्वकाँक्षी योजना ‘जल
जीवन मिषन’ के माध्यम से वर्श 2024 के अन्त तक पूरे
देष में सभी घरों में नल द्वारा षुद्ध पेयजल की सुविधा
पहुँचाने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेष के 56 प्रतिषत घरों
में पानी का कनेक्षन दिया गया है। हमारी सरकार का
प्रयत्न रहेगा कि वर्श 2024 से पूर्व ही इस योजना के
अन्तर्गत प्रदेष के सभी घरों में पीने के पानी की व्यवस्था
उपलब्ध करवा दी जाए। प्रथम चरण में इस योजना के
अन्तर्गत लगभग 2 हजार 900 करोड़ रुपये की लागत से
327 परियोजनाएं कार्यान्वित किए जाने का लक्ष्य है।
इसके अतिरिक्त इस योजना के अन्तर्गत लगभग 211
करोड़ रुपये की लागत से 209 निर्माणाधीन पेयजल
परियोजनाओं का निर्माण तथा सुदृढ़ीकरण भी सुनिष्चित
किया जाएगा। मैं 2020-21 में 1 लाख से अधिक घरेलू
नल कनेक्षन प्रदान करने के लक्ष्य का प्रस्ताव करता हूँ।
पेयजल।
38
113. अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों
के साथ-साथ षहरी क्षेत्रों में भी सुचारु पेयजल आपूर्ति
सुनिष्चित करने के लिए मध्यवधि कार्यक्रम बनाया है।
षिमला षहर में 24 घंटे जल आपूर्ति सुनिष्चित करने के
लिए कोल डैम से उठाऊ पेयजल योजना का कार्य प्रगति
पर है तथा तय समय सीमा के अन्दर यह कार्य पूरा कर
लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 14 अन्य षहरी क्षेत्रों के
कलस्टर्ज़ में भी पेयजल आपूर्ति तथा प्रबन्धन को और
प्रभावी बनाने के लिए महत्वकाँक्षी योजना बनाई गई है।
प्रथम चरण में चार कलस्टर्ज़ के 14 षहरी क्षेत्रों तथा
पर्यटक क्षेत्रों में क्रमषः धर्मषाला क्लस्टर में काँगड़ा,
पालमपुर, डलहौजी तथा ज्वालाजी नगर परिशद्; मण्डी
क्लस्टर में मण्डी, सुन्दरनगर, नेरचौक तथा रिवालसर नगर
परिशद्; कुल्लू-मनाली क्लस्टर में भुन्तर, कुल्लु तथा मनाली
नगर परिशद्; और षिमला क्लस्टर में षिमला नगर निगम
के साथ-साथ, सोलन नगर परिशद् सम्मिलित हैं। इन
सभी क्लस्टर्ज़ का तीव्रता से षहरीकरण हो रहा है तथा यह
सभी षहरी क्षेत्र पर्यटन की दृश्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान हैं।
114. मैं जल गार्डों, पैरा फिटर्ज़ और पम्प ऑपरेटर्ज़
के मानदेय में 300 रुपये प्रति माह बढ़ौतरी करने की
घोशणा करता हूँ।
2020-21 मं े पये जल प्रबन्धन के लिय े 2,213
करोड़ रुपये बजट राषि प्रस्तावित है।
115. निजी निवेष को प्रोत्साहित करने के लिए
विभिन्न विभागों में समन्वय की आवष्यकता है। इसके लिए
आवष्यक है कि एक समर्पित संस्था प्रदेष में सभी क्षेत्रों में
निवेष लाने हेतु कार्य करे तथा बड़े निवेष प्रस्तावों का षीघ्र
अनमु ादे न सुि नष्चित कर।े अतः म ैं इस पय्र ाजे न हते ु ”हिमाचल
प्रदेष निवेष प्रोत्साहन अभिकरण (भ्पउंबींस च्तंकमेी
उद्योग/निजि
निवेष।
39
प्दअमेजउमदज च्तवउवजपवद ।हमदबल)“ की स्थापना की घोशणा
करता हूँ। यह अभिकरण सभी सम्बन्धित विभागों से
वाँछित क्लीयरेंसिस एकल खिड़की के माध्यम से उपलब्ध
करवाएगा। इस उद्देष्य के लिए आवष्यक बिल विधानसभा
में षीघ्र लाया जाएगा।
116. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष के युवाओं को रोज़गार
अवसर प्रदान करने की दृश्टि से हमारी सरकार ने कई
महत्वकाँक्षी योजनाएं आरम्भ की हैं। इन योजनाओं के
अन्तर्गत आवष्यक प्रषिक्षण, ऋण सुविधा, पूंजीगत उपदान,
ब्याज उपदान इत्यादि की व्यवस्था की गई है। अपना स्वयं
का उद्यम आरम्भ करने के लिए आवष्यक सहायता की
दृश्टि से मैं ”हिम स्टार्टअप योजना (भ्प्डैन्च्)“ की सहर्श
घोशणा करता हूँ। आरम्भिक चरण में स्टार्टअप उद्यमियों की
सहायता के लिए 10 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फण्ड
स्थापित किया जाएगा।
117. अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेष के हस्तषिल्प
उत्पाद राश्ट्रीय तथा अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। इनमें
चम्बा रुमाल, कुल्लू षॉल, किन्नौरी षॉल, चाँदी के गहने,
थान्का एपलिक, पूलें, धातु हस्तषिल्प इत्यादि षामिल हैं।
इन उत्पादों से जुड़े चर्मकारों, बुनकरों और अन्य षिल्पियों
तथा दस्तकारों के कौषल में विकास, क्मेपहद क्मअमसवचउमदज
तथा प्ददवअंजपवद और इन उत्पादों के लिए उचित बाजार की
उपलब्धता सुनिष्चित करने के लिए मैं एक नई योजना
”पारम्परिक हथकरघा एवं हस्तषिल्प क्लस्टर प्रोत्साहन
परियोजना (परम्परा)“ आरम्भ करने की घोशणा करता हूँ।
इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जिले में संकुल (ब्सनेजमत)
आधार पर षिल्पकारों तथा दस्तकारों और उनके उत्पादों को
प्रोत्साहित किया जाएगा। इस परियोजना के कार्यान्वयन के
लिए 58 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
40
118. प्रदेष सरकार स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के
लिए व युवाओं को स्वरोज़गार के साधन उपलब्ध करवाने
के लिए ‘मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना’ को कार्यान्वित
कर रही है। इस योजना के अन्तर्गत 18 से 45 वर्श की
आयु वर्ग के युवा/युवतियों को अनेक सुविधाएं प्रदान की
जा रही हैं। उद्योग में 60 लाख रुपये तक के निवेष पर
संयन्त्र/मषीनरी के निवेष पर पुरूश उद्यमियों को
25 प्रतिषत तथा युवतियांे/ महिलाओं को 30 प्रतिषत
उपदान दिया जा रहा है। मैं इस योजना के अन्तर्गत
45 वर्श तक की विधवाओं को आजीविका उपलब्ध करवाने
के लिए 35 प्रतिषत उपदान देने की घोशणा करता हँू।
अध्यक्ष महोदय, समाज के इस वर्ग के सम्मान में मैं निम्न
पंक्तियाँ कहना चाहूँगाः-
हर षख्स, मुझे जीने का तरीका बताता है,
उन्हें कैसे समझाऊं, कि इक ख्वाब अधूरा है मेरा,
वरना जीना तो मुझे भी आता है।
119. जल विद्युत दोहन प्रदेष के लिए आय का
महत्वपूर्ण òोत है। 2020-21 में लगभग 515 मैगावाट
क्षमता की परियोजनाएं चालू होने की संभावना है जिसमें
180 मैगावाट की बजोली होली, 24.6 मैगावाट की वांगर
होमते और 100 मैगावाट की सोरंग तथा हि0 प्र0 पावर
कार्पोरेषन द्वारा कार्यान्वित की जा रही 111 मैगावाट की
सावड़ा कुड्डु षामिल हैं। 100 मैगावाट क्षमता की ऊहल
का े भी मइर्, 2020 तक चाल ू कर दिया जाएगा। 2020-21
में लूहरी चरण-1 210 मैगावाट, धौलासिद्ध 66 मैगावाट,
चान्जू-तृतीय चरण 48 मैगावाट और दियोथल चान्जू
30 मैगावाट परियोजनाआंे पर कार्य आरम्भ करना पस््र तावित
ह।ै
ऊजार्/ बहुउद्देषीय
परियोजनाएं।
41
120. रेणुकाजी परियोजना 40 मैगावाट को भारत
सरकार द्वारा राश्ट्रीय महत्व की परियोजना घोशित किया
गया है जिसकी अनुमानित लागत 6,947 करोड़ रुपये है।
इस परियोजना का कार्य 2020-21 में आरम्भ होने की
संभावना है।
121. प्रदेष में विद्युत उत्पादन में गति लाने तथा गैर
परम्परागत ऊर्जा के समग्र विकास के लिए हमारी सरकार
द्वारा प्रस्तावित लगभग 3 हजार 200 करोड़ रुपये की
परियोजना को भारत सरकार ने विष्व बैंक से वित्त पोशण
हेतु अनुमति प्रदान कर दी है। इस परियोजना के अन्तर्गत
विष्व बैंक द्वारा विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिषन तथा वितरण
क्षेत्रों में निवेष के माध्यम से प्रदेष के दूर-दराज के इलाकों
में बिजली की समस्या का समाधान हो सकेगा।
122. हमारी सरकार प्रदेष में काफी समय से अधर में
लटकी जल विद्यतु परियोजनाआ ंे को जल्द स े जल्द कार्याि न्वत
करने के उद्देष्य से परियोजना निर्माताओं को एकमुष्त
रियायत देने हेतु एक नीति का निर्धारण करेगी ताकि इन
परियोजनाओं के निर्माण कार्य को गति मिल सके।
123. पांगी घाटी में बिजली की समस्या को कम
करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 2020-21 में 1,000 घरों
में 250 वॉट क्षमता प्रति घर के ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा
संयंत्र स्थापित करने प्रस्तावित हैं।
124. सरकार ने गैर परम्परागत ऊर्जा क्षेत्र में तथा
त्च्व् ;त्मदमूंइसम च्नतबींेम व्इसपहंजपवदद्ध को पूरा करने के
लिए हिमाचल प्रदेष के स्थाई निवासियों को सौर ऊर्जा
उत्पादन हेतु 250 किलोवाट से लेकर 500 किलोवाट तक
की परियोजनाएं आबंटित की हैं। इन परियोजनाओं से
42
उत्पन्न बिजली को क्रय करने हेतु सरकार ने हिमाचल प्रदेष
विद्युत बोर्ड लि0 के साथ ऊर्जा क्रय अनुबन्ध करना
अनिवार्य किया है। मैं इन परियोजनाआंे के षीघ्र कार्यान्वयन
हेतु 2,000 रुपये प्रति किलोवाट का उपदान देने की
घोशणा करता हूँ।
125. हिमाचल पद्र ेष राज्य विद्यतु बार्डे द्वारा 2020-21
में 8 अतिरिक्त म्भ्ज् परियोजनाओं क्रमषः कोठीपुरा (।प्प्डै),
नडख्ू ार, नीरथ, दुधली (षिमला), मागे ीनदं , कसालै ी, वाकनाघाट
और चकवां खन्नी औद्योगिक पार्क तथा विद्युतिकरण एवं
प्रणाली सुधार/संवर्धन से सम्बन्धित 65 ीपहीध्सवू वोल्टेज़
परियोजनाओं का कार्यान्वयन प्रस्तावित है। बिजली बोर्ड
की संयुक्त उद्यम कम्पनी भ्पउंबींस त्मदमूंइसमे स्जकण् तथा
भारत सरकार के सौर ऊर्जा निगम द्वारा संयुक्त रूप से
50 प्रतिषत इक्विटी भागीदारी के अन्तर्गत बैटरी भण्डारण
की सुविधा के साथ काजा में बनने वाले 2 मैगावाट के
सौर ऊर्जा संयंत्र का कार्य जून, 2021 तक पूरा कर लिया
जाएगा।
126. प्रदेष के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को
कम वोल्टेज़ की समस्या से जूझना पड़ता है। इस समस्या
को दूर करने के उद्देष्य से हिमाचल प्रदेष बिजली बोर्ड ने
कम वोल्टेज़ वाले क्षेत्रों की पहचान की है और 158 करोड़
रुपये की एक परियोजना प्रारम्भ की है जिसे 2020-21
के अन्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
127. वर्तमान में लगभग 65,000 लकड़ी के बिजली
के खम्बे विभिन्न एच.टी./एल.टी. लाईनों में विद्यमान हैं। इन
सभी खम्बों को 2020-21 में बदला जाएगा।
128. बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की कमी के मद्देनजर
2020-21 मंे लगभग 3,000 कर्मचारियां,े जिनम ंे मुख्यतः
तकनीकी कर्मचारी होंगे, को नियुक्त करने की योजना है।
43
129. प्रदेष में बिजली के संचारण के लिए सुदृढ़ एवं
कारगर प्रणाली का होना आवष्यक है। हमारी सरकार द्वारा
1 हजार 381 करोड़ रुपये की लागत से 6 सब-स्टेषन व
6 ट्रांसमिषन लाईन पूरी कर ली गई है। 2020-21 में
हि0 प्र0 विद्युत संचार निगम द्वारा पॉवर ट्रांसमिषन नेटवर्क
में 820 डट। क्षमता के 6 सब-स्टेषन और 200 सर्किट
किलोमटर ट्रांसमिषन लाईनों को जोड़े जाने का लक्ष्य है।
इन परियोजनाओं के निमाणर्् ा पर लगभग 350 करोड़ रुपये
खर्च किए जाएंगे।
130. घरेलू और कृशि उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर
बिजली देने के लिए 2020-21 में 480 करोड़ रुपये
सब्सिडी प्रस्तावित है। प्रदेष के ग्रामीण तथा दूर-दराज के
क्षेत्रों में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों
को बिजली की सुचारु आपूर्ति हेतु अतिरिक्त प्रयास करने
की आवष्यकता है। इसके लिए आवष्यकतानुसार उपदान
का युक्तिकरण किया जाएगा।
131. अध्यक्ष महोदय, स्वरोज़गार एवम् रोज़गार की
दृश्टि से पर्यटन क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं के दोहन के
लिए सरकार प्रयत्नषील है।
132. ‘नई राहें-नई मंज़िलें’ योजना के अन्तर्गत
सोलंग वैली, अटल सुरंग के साऊथ पोर्टल और नॉर्थ पोर्टल
(सिस्सू) को नए पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने
का कार्य आरम्भ किया जाएगा। दो नए टूरिस्ट सर्किट
विकसित किए जाएंगे। इन नए पर्यटक सर्किटों में इको
एडवेंचर और जलक्रीड़ा पर्यटन गतिविधियों पर बल दिया
जाएगा। इन सर्किटों को समर्पित बस सेवा से भी जोड़ा
जाएगा। बिजली महादेव तथा रोहतांग पास के लिए रोप-वे
बनाने के लिए सभी आवष्यक अनुमतियों तथा सम्बन्धित
प्रक्रियाओं को षीघ्र पूरा करके इन पर कार्य आरम्भ किया
पर्यटन का
विस्तार।
44
जाएगा। मैं ‘नई राहें नई मंजिलें’ योजना के लिए
2020-21 में 50 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव
करता हूँ।
133. केन्द्रीय प्रायोजित स्वदेष दर्षन हिमालयन सर्किट
के अन्तर्गत 73 करोड़ रुपये की योजना का कार्यान्वयन
किया जा रहा है। माँ चिन्तपूर्णी मन्दिर को 45 करोड़ रुपये
की लागत से ‘प्रसाद योजना’ के अन्तर्गत लाने बारे भारत
सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों
पर बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए भारत सरकार के
सहयोग से ‘स्वदेष दर्षन योजना’ के अन्तर्गत अध्यात्मिक
सर्किट के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की परियोजना
का प्रस्ताव रखा गया है। यह परियोजना मण्डी में षिवधाम
की स्थापना और रिवालसर का सौंदर्यकरण, बिलासपुर में
बाबा नाहर सिंह मन्दिर का सौंदर्यकरण, डाडा सीबा स्थित
कालेष्वर मन्दिर, हमीरपुर में अवाह देवी मन्दिर, कुल्लू में
मणिकरण और सिरमौर में त्रिलोकपुर मन्दिर के लिए बनाई
गई है।
134. अध्यक्ष महोदय, इस वर्श सूरजकुण्ड मेले में
हिमाचल प्रदेष ने पार्टनर स्टेट के रूप में भाग लिया। इससे
प्रदेष व उसके उत्पादों की जानकारी देष-विदेष तक पहुँची।
प्रदेष में कई प्रकार के हस्तषिल्प व सुन्दर उत्पाद तैयार
किए जाते हैं परन्तु विपणन के अभाव में षिल्पियों को
पर्याप्त आमदनी नहीं होती। अतः मैं प्रस्तावित करता हँू कि
प्रदेष में भी सूरजकुण्ड मेले की तर्ज़ पर क्राफ्ट तथा पर्यटन
मेले का आयोजन किया जाएगा।
135. पर्यटन क्षेत्र में मानव संसाधनों को बेहतर बनाने
के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से धर्मषाला में ‘इंस्टीटयूट
ऑफ होटल मैनेजमैंट’ (प्भ्ड) और सुन्दरनगर में ‘फूड
क्राफ्ट इंस्टीच्यूट (थ्ब्प्)’ की स्थापना की जाएगी।
45
136. राज्य में पेषेवर रूप से प्रषिक्षित और कुषल
पर्यटक गाइडों का एक पूल बनाने के लिए एक व्यवस्था
षुरु की जाएगी जिसके तहत सम्बन्धित संस्थानों के साथ
मिलकर इतिहास, संस्कृति, कला, हस्तकला, संचार कौषल
आधारित व्यापक प्रषिक्षण माड्यूल विकसित किया जाएगा।
कौषल विकास निगम और अन्य सम्बन्धित विभागों के
सहयोग से इन गाइडों को प्रषिक्षित कर राज्य के विभिन्न
क्षेत्रों में प्रमाणित और सूचीबद्ध किया जाएगा।
137. प्रदेष के युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के
उद्देष्य से सरकार द्वारा 2020-21 में 9 रोज़गार मेले
तथा 120 कैम्पस साक्षात्कार आयोजित करने का लक्ष्य
रखा गया है। इन आयोजनों के माध्यम से प्रदेष के
लगभग 5,000 बेरोजगार युवाओं को निजी औद्योगिक
इकाईयों में रोज़गार प्रदान किया जा सकेगा।
138. अध्यक्ष महादे य, पद्र ष्े ा म ंे सडक़ यातायात सुि वधाआंे
के विस्तार के साथ-साथ बसों तथा अन्य सुविधाओं की
माँग में भी लगातार वृद्धि हुई है। मैं घोशणा करता हूँ कि
नाहन बस अड्डे पर बहुमंजलीय पाकिर्गं स्थल तथा काटे खाई,
बरछवाड़, थुनाग, करसोग, भंजराड़ू, ठियोग तथा अम्ब में
निर्माणाधीन बस अड्डों का कार्य षीघ्र पूरा किया जाएगा।
दाड़लाघाट, ननखड़ी तथा बालीचौकी में बस अड्डों का
निर्माण किया जाएगा। बंजार में पार्किंग ब्लॉक का निर्माण
करवाया जाएगा। मैं 2020-21 में बस अड्डों के निर्माण के
लिए 17.50 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित करता हूँ।
मौजूदा बस अड्डों के रख-रखाव और उनके उन्नयन के लिए
10 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
139. प्रदेष के विभिन्न षहरों तथा कस्बों के बीच की
बस सेवा को उन्नत करने के लिए बड़े षहरों के बीच
वातानुकूलित तथा सुपर डीलक्स बसें आरम्भ की जाएंगी।
श्रम एवं रोज़गार।
परिवहन।
46
परिवहन निगम द्वारा 100 नई विद्युत संचालित बसों सहित
250 बसों का क्रय किया जाएगा। षिमला की तर्ज़ पर
धर्मषाला, बिलासपुर तथा मण्डी में निगम द्वारा पर्यटक
परिपथ (ज्वनतपेज ब्पतबनपजे) आरम्भ किए जाएंगे।
140. मैं हमीरपुर में एक ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने
का प्रस्ताव करता हूँ। इस ट्रांसपोर्ट नगर में आधुनिक
सुविधाएं जैसे कि ड्राईविंग टैस्ट ट्रैक, ट्रैफिक पार्क, प्रषिक्षण
केन्द्र तथा वाहन रख-रखाव एवं मुरम्मत पार्क उपलब्ध
रहंगे ।े
141. प्रदष्े ा के दूर-दराज़ के क्षेत्रा ंे मं े परिवहन सुविधाआंे
को सुचारू रूप से चलाने के लिए हिमाचल पथ परिवहन
निगम में कुछ पदों को भरा जाना अत्यन्त आवष्यक है।
निगम में 2020-21 में विभिन्न श्रेणियों के 1,327 पद
भर े जाएगं ।े हिमाचल पथ परिवहन निगम का े वर्श 2020-21
के लिए 343 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
142. आम जनता की सुविधा के लिए परिवहन विभाग
का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा जिससे कि सभी सेवायें
जनता को ऑनलाईन उपलब्ध हो सकें। 2020-21 में
परिवहन विभाग में ैजंहम ब्ंततपंहमए ब्वदजतंबज ब्ंततपंहम तथा
क्तपअपदह स्पबमदबम डंदंहमउमदज ैलेजमउ की स्थापना की जाएगी
ताकि इन सेवाओं के लिए आवेदकों को कार्यालयों के चक्कर
न लगाने पड़ें।
143. अध्यक्ष महोदय, सड़कों का निर्माण, गुणवत्ता
एवम् सड़क सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है।
राज्य में वर्तमान में 37 हजार 374 किलोमीटर वाहन
योग्य सड़कें बना ली गई हैं। चालू वित्तीय वर्श में 67 गाँवों
को सड़कों से जोड़ने का कार्य पूर्ण किया गया है। 595
किलोमीटर वाहन योग्य सड़कों, 1 हजार 227 किलोमीटर
सड़क परिवहन।
47
पक्की सड़कों, 38 पुलों और 730 किलोमीटर सड़कों में
जल निकास निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है।
144. 2 हजार 598 करोड़ रुपये की लागत से केन्द्र
सरकार की सहायता से दो राश्ट्रीय उच्च मार्ग, पांवटा
साहिब-गुम्मा-फीडस पुल तक और हमीरपुर-मण्डी ग्रीन
नेषनल हाईवे के रूप में विकसित किए जाएंगे। इन दोनों
राजमार्गां पर भू-अधिग्रहण तथा निर्माण कार्य 2020-21
के दौरान आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त
नेषनल हाईवे इंटर-कनेक्टिविटी इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्टस चरण-1
के अन्तर्गत कीरतपुर साहिब – मनाली, षिमला – परवाणू
और धर्मषाला – गगरेट पर, 35 करोड़ रुपये से छंजपवदंस
भ्पहीूंल ैंमिजल ैलेजमउ का कार्य आरम्भ किया जाएगा।
145. परवाणू-सोलन और कीरतपुर-मनाली राश्ट्रीय
राजमार्गों पर विनत संदपदह के कार्य को षीघ्र पूरा करने का
प्रयास किया जाएगा तथा पिंजौर – बद्दी – नालागढ़,
षिमला – मटौर और पठानकोट – चक्की – मण्डी सड़कों
की विनत संदपदह के लिए भूमि अधिग्रहण और क्च्त् बनाने
की प्रक्रिया को षीघ्र पूर्ण करने का लक्ष्य है।
146. विष्व बैंक पोशित हिमाचल प्रदेष ैजंजम त्वंके
ज्तंदेवितउंजपवद च्तवरमबज के तहत 650 किलोमीटर लम्बे
सड़क मार्ग को उन्नत किया जाएगा तथा 1 हजार 350
किलोमीटर सड़क मार्गों पर समय-समय पर रख-रखाव
और अन्य संस्थागत विकास कार्य किए जाएंगे। प्रथम चरण
में 130 किलोमीटर लम्बी चार सड़कों के उन्नयन का कार्य
आरम्भ किया जाएगा।
147. राज्य में कुल 3,226 पंचायतों में से 3,138
पंचायतों को मोटर योग्य सड़क से जोड़ा गया है। षेश बची
88 पंचायतों में से 49 को सड़कों से जोड़ने का कार्य
48
च्डळैल्, भारत निमाणर्् ा, नाबाडर्, राज्य की अपनी परियाजे नाआंे
के अन्तर्गत प्रगति पर ह ै तथा इनका निर्माण षीघ्र सुनिष्चित
किया जाएगा। मैं प्रदेष के सम्पूर्ण राज्य दर्जा प्राप्त करने
की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर घोशणा करता हूँ कि षेश
बची 39 पंचायतों को भी सड़कों से षीघ्र ही जोड़ दिया
जाएगा। इन पंचायतों को सड़कों से जोड़ने हेतु निजी भूमि
तथा पर्यावरण सम्बन्धित स्वीकृतियों के लिए मैं सम्बन्धित
माननीय विधायकों से आह्वान करता हूँ कि वे सड़क
निर्माण के लिए आवष्यक भूमि हेतु स्थानीय जनता के
साथ संवाद स्थापित करें ताकि जल्दी इन सड़कों पर
निर्माण कार्य आरम्भ किया जा सके। पंचायतों के अतिरिक्त
100 से 249 तक की जनसंख्या वाली बस्तियों को भी
सड़क से जोड़ना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमारी
सरकार द्वारा आरम्भ की गई ‘मुख्यमन्त्री ग्राम सड़क
योजना’ के अन्तर्गत 55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया
गया है जिससे छूटे हुए गाँव व बस्तियों को सड़क से जोड़ा
जाएगा।
148. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष में बन रही सड़कों एवम्
भवनों की गुणवत्ता तथा कार्य सुनिष्चित समय में पूरा
करने के लिए पायलट आधार पर भवनों एवम् पुलों के
निर्माण के लिए म्दहपदममतपदहए च्तवबनतमउमदज – ब्वदेजतनबजपवद
;म्च्ब्द्ध प्रणाली आरम्भ की जाएगी। इसके अतिरिक्त सड़कों
से बर्फ को सुनियोजित तरीके से साफ करने के लिए
आधुनिक मषीनरी जैसे स्नो ब्लोअर, स्नो प्लोअर, आइस
ब्रेकर, साल्ट एण्ड सैंड स्प्रेअर्स खरीदे जाएंगे। भवन निर्माण
तथा पार्किंग स्थलों के लिए चतम.ंिइतपबंजमक उंजमतपंस का
प्रयोग भी प्रस्तावित है। मैं आपातकाल की अवस्था में
तुरन्त राहत के दृश्टिगत इंपसमल इतपकहमे की पदअमदजवतल
बनाने का भी प्रस्ताव करता हूँ।
49
149. राज्य सरकार द्वारा सड़कों की गुणवत्ता हेतु
व्च्ठडब् ;व्नजचनज ंदक च्मतवितउंदबम ठंेमक डंपदजमदंदबम
ब्वदजतंबजद्धध्च्ठडब् ;च्मतवितउंदबम ठंेमक डंपदजमदंदबम ब्वदजतंबजद्ध
के तहत 2020-21 में 25.89 करोड़ रुपये का बजट
प्रस्तावित है। सड़कों को पक्का करने के लिए 2020-21 में
500 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों पर नई प्रौद्योगिकी के
तहत ठण्डे तारकोल का इस्तेमाल किया जाएगा।
150. सड़क सुरक्षा की दृश्टि से 2020-21 में स्टील
क्रैष बैरियर, सड़कों को चौड़ा करना तथा सड़कों और पुलों
की सुरक्षा जाँच आदि के लिए 44 करोड़ रुपये खर्च किए
जाएंगे।
151. 2020-21 में वार्शिक रख-रखाव योजना के
तहत 2,278 किलोमीटर सड़कों की तम.ेनतंिबपदह के लिए
306 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। सड़कों के रख-रखाव के
लिए प्लास्टिक वेस्ट का भी प्रयोग किया जाएगा।
152. प्रदेष में राश्ट्रीय तथा राज्य उच्च मार्गों पर
षौचालयों तथा अन्य सुविधाओं को अनिवार्य करने के लिए
सरकार द्वारा एक ॅंल ैपकम ।उमदपजपमे च्वसपबल बनाई जाएगी।
इस च्वसपबल के माध्यम से प्रदेष के राजमार्गों पर यात्रियों के
लिए आवष्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिष्चित की
जाएगी।
153. 2020-21 में 925 किलोमीटर वाहन योग्य
कच्ची सड़कों, 900 किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज,
1,800 किलोमीटर पक्की सड़कों, 75 पुलों का निर्माण तथा
90 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया
ह।ै
मैं सड़क निर्माण तथा रख-रखाव के लिए
2020-21 में 3,986 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव
करता हूँ।
50
154. प्रदेष सरकार ळैज् प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करेगी
ताकि कर राजस्व में आवष्यक बढ़ौतरी हो और जरूरी
संसाधन लोक हित में उपलब्ध हो सकें। आबकारी व्यवस्था
को पूरी तरह ऑनलाईन और सरल किया जा रहा है ताकि
पूरी प्रक्रिया पारदर्षी बने और राजस्व में ठनवलंदबल बनी
रहे।
155. अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार प्रदेष के युवाओं
के लिए बाजार की माँग पर आधारित क्षेत्रों में आधुनिकतम
प्रषिक्षण हेतु निरन्तर प्रयास कर रही है ताकि उन्हें समुचित
रोज़गार मिल सके। ऐसे ही प्रयास के अन्तर्गत प्रदेष में
एक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने का प्रयत्न
किया जा रहा है। वर्श 2020-21 के दौरान कौषल
विकास निगम तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की भागीदारी
से एषियन डवेल्पमेंट बैंक द्वारा पोशित परियोजना के
अन्तर्गत वाकनाघाट (सोलन) में लगभग 155 करोड़ रुपये
(20 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की लागत से एक ‘सेंटर
ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र में
मुख्यतः सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित कौषल, अनुसन्धान
इत्यादि में प्रषिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।
156. भारत सरकार के माध्यम से कार्यान्वित की जा
रही ष्ैापसस ैजतमदहजीमदपदह वित प्दकनेजतपंस टंसनम म्दींदबमउमदज
च्तवरमबजे ;ैज्त्प्टम्द्धष् परियोजना के अन्तर्गत 2020-21 में
प्रदेष के 19 आद्यै ाेि गक प्िर षक्षण संस्थानां े ;प्ज्प्ेद्ध म ंे आवष्यक
बदलाव किए जाएंगे। इन बदलावों में चयनित प्ज्प्े में
अधोसंरचना का उन्नयन, षिक्षण एवम् अध्यापन में सुधार,
।चचतमदजपबमेीपचए ज्तंपदपदह व िज्तंपदमते इत्यादि गतिविधियां
सम्मिलित हैं।
157. हमारी सरकार ब्.क्।ब् मोहाली, ब्मदजतंस ज्ववस
त्ववउ स्नकीपंदंए छंजपवदंस प्देजपजनजम व िथ्पदंदबपंस डंदंहमउमदज
कर एवं आबकारी।
तकनीकी षिक्षा एवं
कौषल विकास।
51
थ्ंतपकंइंक तथा हि0 प्र0 विष्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेष
कौषल विकास निगम की भागीदारी में 10,000 युवाओं
को म्दहसपेी ेचमंापदहए प्देनतंदबमए ळैज् इत्यादि विशयों में
प्रषिक्षण देकर बाजार की माँग के अनुसार रोज़गार योग्य
बनाएगी। इसके अतिरिक्त प्रदेष के असंगठित क्षेत्र में लगे
10,000 कामगारों के कौषल को भी चरणबद्ध तरीके से
ठतपकहम ब्वनतेमे तथा त्ंचपक स्मंतदपदह ब्वनतेमे के माध्यम से
उन्नत किया जाएगा। इससे उनको बेहतर रोज़गार अवसर
मिलगंे ।े
यूँ ही नहीं होती, हाथ की लकीरों से आगे ऊंगलियाँ,
रब ने भी, किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।
158. कौषल विकास भत्ता की सहायता से प्रदेष के
हजारों युवाओं को लाभ मिला है। 2020-21 में 80,000
युवाओं को इस भत्ते का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।
मैं 2020-21 के लिए कौषल विकास भत्ता प्रदान करने
के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान पस््र तावित करता हूँ।
159. हमारी सरकार प्रदेष की समृद्ध लोक संस्कृति,
कला, धरोहर व लिपियों को संरक्षित व प्रोन्नत करने के
लिए नई सांस्कृतिक नीति बनाएगी।
160. प्रदेष में विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाएं और व्यक्ति
सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं।
सांस्कृतिक गतिविधियों और पारम्परिक वेषभूशा, आभूशण
एवं वाद्य यन्त्रों की खरीद के लिए वर्तमान में दिए जा रहे
सहायतानुदान को दोगुना करने की मैं घोशणा करता हूँ।
161. हिमाचल क े पाचँ मन्दिरा ंे – श्री ज्वालाजी, बज्र ष्े वरी
देवी, श्री चामुण्डा नंदीकेष्वर, श्री नयना देवी जी एवं
भाशा, कला
एवं संस्कृति।
52
चिन्तपूर्णी देवी में भारत और विदेष से साल भर लोग आते
हैं। हमने न्यासों के माध्यम से इन स्थानों पर लघु
संग्रहालय एवं कला केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया
है। इससे श्रद्धालु इन मन्दिरों के इतिहास, धार्मिक आस्था
और स्थानीय परम्पराओं की झलक बेहतर ढंग से ले
पाएंग।े
162. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए राज्य/जिला स्तर
पर स्कूली बच्चों के लिए संस्कृत भाशा से सम्बन्धित
प्रतियोगिताएं व कार्यषालाएं करवाई जाएंगी। पंजाबी भाशा
को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेष के पंजाबी भाशी क्षेत्रों के
स्कूलों में आवष्यकतानुसार पंजाबी अध्यापन का विस्तार
किया जाएगा।
163. प्रदेष में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने
तथा प्रदेष के खिलाड़ियों को राश्ट्रीय तथा अन्तर्राश्ट्रीय
प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए आवष्यक प्रषिक्षण के
उद्देष्य से राज्य की खेल नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया
गया है। राज्य की खेल नीति-2020 को अन्तिम रूप
देकर राज्य के खिलाड़ियों को षीघ्र समर्पित कर दिया
जाएगा।
खाली पड़ा है, मेरे पड़ोस का मैदान,
एक मोबाईल, बच्चों की गेंद ले गया।
164. राज्य में खेल-कूद गतिविधियों के लिए पहले से
बने बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए तथा नई
अधोसंरचना स्थापित करने हेतु हमारी सरकार द्वारा प्रयत्न
जारी हैं। स्पोर्टस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 70
करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गए हैं।
युवा सेवाएं
एवं खेल।
53
165. अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेष में खेल पर्यटन
के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस उद्देष्य की पूर्ति हेतु
हमारी सरकार द्वारा बीड़ बिलिंग में प्री-वर्ल्ड कप एवं
इण्डियन नैषनल ओपन पैराग्लाईडिंग प्रतियोगिता अप्रैल,
2020 में आयोजित की जाएगी। इसी कड़ी में ब्यास नदी
पर प्रथम एषियन रॉफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन अक्तूबर,
2020 में करने का प्रस्ताव है।
166. प्रदेष में आने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन तथा
अन्य क्षेत्रों से सम्बन्धित आवष्यक सूचना की दृश्टि से
राजमार्गों के दोनों ओर खाली पड़ी सरकारी भूमि पर
विभिन्न विज्ञापनों हेतु स्थान चिन्हित किए जाएंगे। इन
चयनित स्थानों पर ीवंतकपदहे लगाने के लिए आवष्यक
नीति बनाई जाएगी।
167. पिछले वर्श के बजट में मैंने राज्य तथा जिला
स्तर के ।बबतमकपजमक पत्रकारों को एक-एक लैपटाप देने की
घाश्े ाणा की थी। इसी श्रख्ृं ाला को आगे बढ़ात े हुए 2020-21
के दौरान उप-मण्डल स्तर के ।बबतमकपजमक पत्रकारों को भी
एक-एक लैपटाप देने की घोशणा करता हूँ।
168. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष की महिलाओं तथा बच्चों
में कुपोशण को समाप्त करने के लिए हमारी सरकार ने
कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों को जारी रखते
हुए मैं एक नई योजना ”स्वर्ण जयन्ती पोशाहार योजना“
आरम्भ करने की घोशणा करता हूँ। यह योजना एक
नउइतमससं योजना की तरह कार्यान्वित की जाएगी जिसके
निम्न घटक प्रस्तावित हैंः-
हमारी सरकार द्वारा प्रदेष में चलाए जा रहे
आँगनबाड़ी केन्द्रों में षिषुओं के लिए वितजपपिमक
आहार का प्रावधान किया जा रहा है। इन
सूचना एवं
जन-सम्पर्क।
पोशण।
54
षिषुओं में कुपोशण की प्रवृति को जड़ से
समाप्त करने के लिए आँगनबाड़ी केन्द्रों में
दिए जाने वाले आहार को और पौश्टिक बनाने
के लिए ”बाल पोशाहार टॉप-अप योजना“
का आरम्भ किया जाएगा। इसके लिए योजना
के अन्तर्गत बच्चों को फल, दूध, रेषायुक्त
अतिरिक्त पौश्टिक आहार प्रदान किया जाएगा।
इस उद्देष्य के लिए 2020-21 में 30 करोड़
रुपये खर्च किए जाएंगे।
सरकार ने प्रदेष की प्राथमिक पाठषालाओं में
प्री-प्राईमरी कक्षाएं आरम्भ करने का निर्णय
लिया है। मैं इन प्री-प्राईमरी कक्षाओं के छात्रों
के लिए मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था के लिए
एक नई योजना ”स्वस्थ बचपन“ का प्रस्ताव
करता हूँ जिस के अन्तर्गत पाठषालाओं में ही
भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही पहली से आठवीं तक के सभी
बच्चों को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पाैि श्टक
आहार जैसे कि दूध अथवा स्थानीय फल की
व्यवस्था के साथ टॉप-अप किया जाएगा।
इसके लिए 11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त
प्रावधान किया जाएगा। स्कूलों में मध्यान्ह
भाजे न म ंे कवनइसम वितजपपिमक नमक तथा वितजपपिमक
मकपइसम वपस (विटामिन । – क्) यक्तु भोजन उपलब्ध
करवाया जाएगा। अध्यक्ष महोदय मैं कहना
चाहूँगा किः-
फल, सब्जी और अनाज,
का सेवन बढ़ायें।
फास्ट फूड से बचें,
और षरीर को स्वस्थ बनायें।।
55
169. अध्यक्ष महोदय, मैं, इस सदन के माध्यम से,
8 मार्च को मनाये जाने वाले अन्तर्राश्ट्रीय महिला दिवस पर
प्रदेष की सभी माताओं तथा बहनों को हार्दिक षुभकामनायें
देता हूँ। समाज की उन्नति में नारी विभिन्न रूपों में महत्वपूर्ण
भूमिकायें निभाती हैं। मैं निम्न पंक्तियाँ प्रदेष की महिलाओं
को समर्पित करना चाहता हूँः-
दुनिया की पहचान है औरत,
हर घर की जान है औरत।
बेटी, बहन, माँ और पत्नी बनकर,
घर-घर की षान है औरत।।
170. मासिक धर्म के समय माताओं, बहनों तथा
किषोरियों को प्रायः परिवार तथा समाज की उपेक्षा का
सामना करना पड़ता है। इसके लिए किषोरियों, महिलाओं
तथा समाज को जागरूक करने की आवष्यकता है। इस
उद्देष्य से प्रदेष के 20 चयनित खण्डों में जागरुकता
कार्यक्रम ”वो दिन“ एक अभियान के रूप में आरम्भ
करने की मैं घोशणा करता हूँ। इस योजना के लिए
2020-21 में 3 करोड़ 24 लाख रुपये के प्रावधान का
प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम को स्वास्थ्य, आयुर्वेद, बाल एवं
महिला विकास विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा
संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। अध्यक्ष महोदय, मैं याद
दिलाना चाहूँगाः-
नारी है तरक्की का आधार,
इनके प्रति बदलो अपने विचार।
171. हमारी सरकार द्वारा विेजमत बीपसकतमद की देखभाल
के लिए प्रतिमाह 300 रुपये प्रति बच्चे के नाम पर सावधि
जमा किये जाते हैं। यह राषि भारत सरकार द्वारा ब्ीपसक
महिला एवं बाल
विकास एवं कमजोर
वर्गों का कल्याण।
56
च्तवजमबजपवद ैमतअपबमे के अन्तर्गत दी जाने वाली राषि के
अतिरिक्त है। मैं इस राषि को बढ़ाकर 500 रुपये प्रति
माह करने का प्रस्ताव करता हूँ।
172. भारत सरकार के सहयोग से 2020-21 में
प्रदेष के पाँच जिलों में स्वयं सेवी संस्थाओं की भागीदारी
म ंे प्दजमहतंजमक त्मींइपसपजंजपवद ब्मदजमते वित ।ककपबजे ;प्त्ब्।द्ध खाले े
जाएंगे जिससे कि नषा प्रवृति से पीड़ित व्यक्तियों का
पुनर्वास सुनिष्चित किया जा सके।
बिखरने के बहाने, तो बहुत मिल जाएंगे,
आओ हम जुड़ने के अवसर खोलें।
173. हमारी सरकार ने पिछले दो वर्शों में सामाजिक
सुरक्षा पेंषन का अभूतपूर्व विस्तार किया। बुढ़ापा पेंषन अब
70 वर्श से अधिक आयु वाले वरिश्ठ नागरिकों को बिना
आय की सीमा के दी जा रही है जिससे 1 लाख 50
हजार से अधिक लोगों को पेंषन का लाभ मिलना षुरु
हुआ है। इस समय प्रदेष में 5 लाख 34 हजार लोगों को
सामाजिक सुरक्षा पेंषन का लाभ मिल रहा है। प्रदेष के
अस्तित्व की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर इस योजना के
दायरे को बढ़ाते हुए मैं घोशणा करता हूँ कि आगामी वर्श
में 50 हजार और पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंषन
के दायरे में लाया जाएगा। अध्यक्ष महोदय, विधवायें और
दिव्यांगजन समाज के सबसे अनसदमतंइसम वर्ग हैं। ऐसी सभी
विधवायें तथा दिव्यांगजन जो कि अभी 850 रुपये की दर
से सामाजिक सुरक्षा पेंषन पा रहे हैं, उन्हें अब 1,000
रुपये प्रतिमाह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंषन दी
जाएगी। बढ़ी राषि का लाभ लगभग 1 लाख 25 हजार
लोगों को मिलेगा। सामाजिक पेंषन दायरे के इस विस्तार
के फलस्वरूप 100 करोड़ रुपये वार्शिक अतिरिक्त व्यय
57
किए जाएंगे। इस तरह से कुल 1 लाख 75 हजार लोगों
को इसका लाभ मिलेगा। इस वर्श सामाजिक सुरक्षा पेंषन
के लिए 766 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
घर के बाहर, रास्ते में भी जला लो कुछ दीये।
यह न सोचो कि, कौन गुज़रेगा उधर से।।
174. अटल पैंषन योजना के तहत 31-03-2020
तक पंजीकृत अंषदायियों को सरकार की ओर से 50
प्रतिषत या 2,000 रुपये तक का अंष, जो भी कम हो,
दिया जा रहा है। इस योजना से अभी 86,000 लोग
जिसमें मनरेगा कार्यकर्ता, कृशि/बागवानी मज़दूर कामगार,
आँगनबाड़ी/सहायक, आषा कार्यकर्ता, मिड-डे मील कार्यकर्ता
इत्यादि लाभ ले रहे हैं। मैं वर्तमान लाभार्थियों को और नए
लोगों को पैंषन सुविधा का लाभ लेने के लिए इस योजना
को सहर्श 31-3-2021 तक बढ़ाने की घोशणा करता हूँ।
वर्श 2020-21 में इसके लिए 15 करोड़ रुपये खर्चे
जाएंगे।
175. इस समय आँगनबाड़ी, आषा, जल वाहक, वाटर
गार्ड, मिड-डे मील, सिलाई अध्यापिका, इत्यादि बीमा
योजना में षामिल नहीं हैं। हमारा प्रस्ताव है कि इन वर्गों
को भी बीमा योजना के अन्तर्गत लाया जाएगा।
176. हिमाचल पद्र ेष अनुसूचित जाति/जन-जाति निगम
के उन लाभार्थियों के लिए जिन्हें कर्जा वापिस करने में
वास्तविक कठिनाईयां हैं, उनको राहत देने के लिए वदम
जपउम ेमजजसमउमदज की योजना लाई जाएगी।
177. अध्यक्ष महोदय, मैं आँगनबाड़ी कार्यकत्ताओं को
दिए जाने वाले मानदेय को 500 रुपये प्रति माह, मिनी
58
आँगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय को 300 रुपये प्रति माह
तथा आँगनबाड़ी सहायिका के मानदेय को 300 रुपये प्रति
माह बढ़ाने की सहर्श घोशणा करता हूँ।
178. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली वर्तमान
सरकार क े लिए अनसु ूि चत जन-जाति कल्याण तथा अनसु ूि चत
जन-जातीय क्षत्रे ा ंे का सतत ् एवम ् समावष्े ाी विकास, पा्र थमिकता
रही ह।ै जन-जातीय क्षत्रे ा ंे क े विकास क े लिए वर्श 2020-21
में 1,758 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
179. अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेष की जनता का
देष की रक्षा हेतु सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों में योगदान
वन्दनीय है। हमारी सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण
के लिए कई आवष्यक निर्णय लिए हैं। आगे भी प्रयास
रहेगा कि उनके कल्याण के लिए यथासम्भव प्रयत्न जारी
रखे जाएं। मैं घोशणा करता हूँ कि युद्ध जागीर के
लाभार्थियों को मिलने वाली वार्शिक अनुदान राषि को
5,000 रुपये वार्शिक से बढ़ाकर 7,000 रुपये वार्शिक
किया जाएगा।
180. प्रदेष के उन स्थानों में जहाँ भूतपूर्व सैनिकों के
लिए आर्मी कैंटीन की व्यवस्था नहीं है, वहाँ पर कैंटीन तथा
विस्तार काऊंटर खोलने हेतु प्रदेष सरकार द्वारा केन्द्रीय
सरकार से अनुरोध किया जाएगा। इसके लिए बुनियादी
ढाँचा (अस्थाई लागत सहित) राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध
करवाया जाएगा। अध्यक्ष महोदय, मैं कहना चाहूँगाः-
समर्पित कर दिया जीवन, जिन्होंने देष के लिए,
चलो, उनके लिए कुछ करते हैं।
181. प्रदेष की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में
कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। कानून व्यवस्था बनाये
जन-जातीय
विकास।
भूतपूर्व सैनिक तथा
स्वतन्त्रता सेनानी
कल्याण।
गृह/कानून
व्यवस्था।
59
रखने तथा यातायात प्रबन्धन के दौरान व्यवस्था बनाये
रखने के लिए सतर्कता आवष्यक है। इस उद्देष्य से मैं
176 पुलिस वाहनों में माऊंटिड कैमरे लगाने की घोशणा
करता हूँ। इन कैमरों को पुलिस नियन्त्रण कक्ष के साथ
जोड़ा जाएगा ताकि अवाँछित गतिविधियों पर पैनी नज़र
रखी जा सकेगी। इनसे ड्रग्स तस्करी पर भी नकेल कसने
में सहायता मिलेगी।
182. अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने प्रदेष की
पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण पर विषेश बल दिया है।
ठवकल ूवतद कैमरों की मदद से असामाजिक तत्त्वों तथा
उल्लंघनकर्ताओं पर कड़ी निगरानी करने में बहुत सहायता
मिली ह।ै इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मैं वर्श 2020-21
के दौरान 500 अतिरिक्त ठवकल ॅवतद कैमरे क्रय करने का
प्रस्ताव करता हूँ। इसके अतिरिक्त 500 ब्ब्ज्ट कैमरे पुलिस
की सहायता के लिए लगाये जाएंगे।
183. साईबर अपराधों की रोकथाम तथा इनसे निपटने
के उद्देष्य से प्रदेष में वर्तमान में कार्यरत ‘साईबर समन्वय
केन्द्र’ को आधुनिकतम तकनीक पर आधारित उपकरणों से
लैस किया जाएगा।
184. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष में अवैध खनन पर्यावरण
एवम् किसानों की आजीविका के लिए एक बड़े खतरे के
रूप में उभर कर सामने आया है। अवैध खनन पर पैनी
नजर रखने हेतु मैं प्रदेष के ऐसे स्थानों, जहाँ से अवैध
खनन की षिकायतें आती हैं, में 10 क्मकपबंजमक डपदपदह
ब्ीमबा च्वेजे स्थापित करने की घोशणा करता हूँ ताकि अवैध
खनन् को रोका जा सके। इन ब्ीमबा च्वेजे का संचालन
संयुक्त रूप से उद्योग तथा पुलिस विभाग द्वारा किया
जाएगा।
60
185. अपराध जाँच में फॉरेंसिक सेवाओं का महत्वपूर्ण
योगदान है। प्रदेष में क्छ। कंजंइंेम तैयार किया जाएगा
जिससे कि अपराधों की बेहतर छानबीन हो सके। फॉरेंसिक
सेवाओं का आधुनिक तकनीकों से सुदृढ़ीकरण एवम् विस्तार
किया जाएगा और आवष्यकतानुसार तकनीकी पदों का
सृजन किया जाएगा।
186. अध्यक्ष महोदय, भ्रश्टाचार के प्रति हमारी सरकार
र्की मतव ज्वसमतंदबम की नीति है। बद्दी में टपहपसंदबम के थाने
की स्थापना का प्रस्ताव है। प्रदेष के टपहपसंदबम डंदनंस को
ब्मदजतंस टपहपसंदबम ;ब्टब्द्ध डंदनंस 2017 के आधार पर
संषोधित किया जाएगा।
187. अग्निषमन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मैं
5 थ्पतम च्वेजे को नचहतंकम करके ैनइ थ्पतम ैजंजपवद बनाने की
घोशणा करता हूँ।
188. अध्यक्ष महोदय, पिछले बजट में मैंने 1,063
कांस्टेबल के पद भरने की घोशणा की थी। आरक्षी बल
षक्ति को और अधिक सषक्त करने के लिए मैं आगामी वर्श
पुलिस कांस्टेबल के 1,000 पद भरने का प्रस्ताव करता
ह।ूँ
मैं गृह विभाग, जिसमें पुलिस, गृह रक्षक,
अग्नि षमन तथा कारागार षामिल हैं, के लिये 1,729
करोड़ रुपये का बजट प्रावधान प्रस्तावित करता हूँ।
189. कर्मचारियों से लगातार आ रही माँग के
दृश्टिगत र्नइ पंेषन योजना क े अन्तर्गत आन े वाले कर्मचारियांे
को, जो दिनांक 22-09-2017 से पूर्व सेवानिवृत हुए हैं,
को मृत्यु एवं सेवानिवृति उपदान देने का मामला कुछ समय
कर्मचारी कल्याण।
61
से सरकार के विचाराधीन था। मैं ऐसे कर्मचारियों, जो नई
पेंषन प्रणाली में आते हैं को ग्रेच्युटी देने की घोशणा करता
हूँ। इस निर्णय से नई पेंषन प्रणाली के अन्तर्गत आने वाले
5,500 से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस प्रयोजन
हेतु 110 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
190. हमारी सरकार कमर्च ारियां े आरै पष्ंे ानरा ंे क े कल्याण
के लिए हमेषा से ही प्रयासरत रही है। 25 जनवरी को
मैंने कर्मचारियों/पेंषनरों के लिए 5 प्रतिषत क्।ध्क्त् की
घोशणा की थी जिस पर सरकार सालाना 300 करोड़ रुपये
अतिरिक्त खर्च करेगी। हमारी सरकार कर्मचारियों और
पेंषनरों को नये वेतनमान/संषोधित पेंषन देने के लिए
प्रतिबद्ध है।
191. अनुबन्ध कर्मचारियों को मूल वेतन जमा ग्रेड पे
जमा 125 प्रतिषत ग्रेड पे की दर से वेतन दिया जा रहा
है। मैं सहर्श घोशणा करता हूँ कि आगामी वर्श उन्हें मूल
वेतन जमा ग्रेड पे जमा 150 प्रतिषत ग्रेड पे की दर से
वेतन दिया जाएगा। इससे 22 हजार अनुबन्ध कर्मचारियों
को लाभ मिलेगा।
192. दिहाड़ीदारों को मिलने वाली न्यूनतम दिहाड़ी
250 रुपये से 275 रुपये प्रतिदिन किए जाने की मैं
घोशणा करता हूँ। अन्य दिहाड़ीदारों की इसी अनुपात में
दिहाड़ी बढ़ाई जाएगी। अंषकालिक कर्मियों की प्रति घंटा
दरों में भी बढ़ौतरी की जाएगी।
193. मैं सरकारी विभागों/बोर्डों/निगमों/ विष्वविद्यालयों
व स्वायत निकायों के नियमित, अंषकालिक, अनुबन्ध व
दैनिक भोगी कर्मचारियों की ‘व्यक्तिगत समूह दुर्घटना
बीमा योजना’ के बीमा कवर को बढ़ाने की घोशणा करता
62
हूँ। दुर्घटना होने पर सुनिष्चित बीमा राषि को मृत्यु अथवा
पूर्ण विकलांगता पर 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये
बढ़ाया जाएगा। आँषिक क्षति की दषा में यह राषि
1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किये जाने का
प्रस्ताव है। इसके लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को
थोड़ा सा अधिक प्रीमियम देना होगा।
194. वर्तमान में 70 प्रतिषत से अधिक अस्थिबाधित
विकलागं (वतजीवचंमकपबंससल ींदकपबंचचमक) एव ं दृि श्टहीन (इसपदक)
सरकारी कर्मचारियों को 500 रुपये की दर से वाहन भत्ता
दिया जा रहा है, मैं वाहन भत्ते की दर को 500 रुपये
प्रतिमाह से बढ़ाकर 750 रुपये प्रतिमाह करने की सहर्श
घोशणा करता हूँ।
195. वर्तमान सरकार द्वारा गत दो वर्शों में विभिन्न
श्रेणियों के 4 हजार 278 नए पद सृजित किए गए और
विभिन्न विभागों में 15 हजार 315 पदों को भरने की
अनुमति प्रदान की गई है। हमारी सरकार विभिन्न विभागों
के 20,000 निदबजपवदंस पदों को भी भरेगी जिनमें डॉक्टर,
अध्यापक, पैरा मैडिकल स्टाफ, नर्सें, पुलिस कान्सटेबल,
बिजली बोर्ड के तकनीकी पद, भ्त्ज्ब् में ड्राईवर एवं
कण्डक्टर, कनिश्ट अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, राजस्व
विभाग के कर्मी, पषुपालन विभाग के कर्मी, षिक्षा विभाग
में पार्ट टाईम वर्कर इत्यादि षामिल हैं।
196. अध्यक्ष महोदय, लगभग 50 साल के सफर में
हिमाचल प्रदेष ने आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरण के
क्षेत्र में अनेकों उपलब्धियां प्राप्त की हैं। अब समय आ
गया है जब प्रदेष को निजी निवेष के लिए उवेज ंिअवनतमक
कमेजपदंजपवद के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए
आवष्यक है कि प्रदेष में सड़क यातायात के साथ-साथ
यातायात के अन्य विकल्पों को भी विकसित किया जाए।
वैकल्पिक यातायात
सुविधा।
63
197. प्रदेष में वर्तमान में दो रेल परियोजनाएं क्रमषः
भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी तथा चण्डीगढ़-बद्दी कार्यान्वित की
जा रही हैं। भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाईन के प्रथम
20 किलोमीटर पर भू-अधिग्रहण पूरा हो चुका है तथा इस
पर निर्माण कार्य आरम्भ कर दिए गए हैं। षेश बची
ंसपहदउमदज पर भी भू-अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य षीघ्र
ही आरम्भ कर दिया जाएगा। इस परियाजे ना पर निर्माणाधीन
कार्यों के लिए 2019-20 मे ं बजटीय प्रावधान के अतिरिक्त
105 करोड़ रुपये राज्य अँषदान के रूप में दिए गए हैं।
चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाईन पर भू-अधिग्रहण का कार्य प्रगति
पर है। इसे षीघ्र ही पूरा करके इस पर निर्माण कार्य
आरम्भ करन े का प्रयत्न किया जाएगा। यह रेल परियोजनायंे
राज्य तथा भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोशित
की जाएंगी।
198. पद्र ेष मं े अन्तदषर््े ाीय जल परिवहन की संभावनाआंे
के दृश्टिगत इस क्षेत्र में यातायात आरम्भ करने के लिए
निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। षरुु आती चरण में तत्तापानी
स े सलापड ़ तक अन्तदषर््े ाीय जल यातायात सुि वधाय ंे 2020-21
में जनता को समर्पित की जाएंगी।
199. मैं बगलामुखी (मण्डी) तथा नारकण्डा से हाटू
माता मन्दिर तक दो रोप-वेज़ की निर्माण प्रक्रिया को
2020-21 में च्च्च् मोड में षुरु करने का प्रस्ताव करता हूँ।
यदि आवष्यकता हुई तो टपंइपसपजल ळंच थ्नदकपदह ;टळथ्द्ध के
लिए राज्य बजट से आवष्यक राषि प्रदान की जाएगी।
200. इसी प्रकार राज्य में हेली टैक्सी को गति देने के
लिए, 5 नये हैलीपोर्टस का निर्माण किया जाएगा। इसके
अलावा चम्बा षहर को भी उड़ान-2 के तहत षामिल किया
जाएगा। इन पाँच हैलिपोर्टस को चलाने के बाद प्राप्त
64
अनुभव के आधार पर चरणबद्ध तरीके से सभी जिला
मुख्यालयों पर हैलिपोर्टस निर्मित किए जाएंगे।
201. वर्तमान में प्रदेष में स्थित काँगड़ा (गग्गल) और
षिमला हवाई अड्डों के विस्तार के लिए आवष्यक कदम
उठाए जाएंगे। राज्य सरकार काँगड़ा तथा षिमला के हवाई
अड्डों के विस्तारीकरण के लिए आवष्यक भूमि उपलब्ध
करवाएगी। मण्डी में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण हेतु
।पतचवतज ।नजीवतपजल व िप्दकपं क े साथ समझातै ा ज्ञापन हस्ताक्षरित
करने के बाद भू-अधिग्रहण प्रक्रिया षीघ्र ही आरम्भ की
जाएगी। इन हवाई अड्डों के विस्तार तथा मण्डी में नए
हवाई अड्डे के निर्माण से प्रदेष में पर्यटकों को यातायात के
लिए वैकल्पिक साधन उपलब्ध होंगे।
हवाई अड्डों के विस्तार, निर्माण तथा हैलिपोर्टस
के निर्माण हेतु मैं 2020-21 के दौरान 1,013 करोड़
रुपये के बजट का प्रस्ताव करता हूँ।
अपनी लम्बाई का, गरूर है रास्तों को,
लेकिन वो मेरे कदमों के, मिज़ाज नहीं जानते।
202. अध्यक्ष महोदय, प्रदेष के लिए यह हर्श की बात
है कि प्रत्येक प्रदेषवासी के पास रात गुजारने के लिए छत
उपलब्ध है। फिर भी एक खुषहाल प्रदेष की यह पहचान है
कि प्रदेषवासी उन्नत एवं आवष्यक सुविधाओं से युक्त
आवासों में रहें। हमारी सरकार प्रदेष के पूर्ण राज्य का दर्जा
प्राप्त करने के 50वें वर्श के उपलक्ष्य में संकल्प करती है
कि प्रदेष के गरीब एवम् पात्र वासियों को नल, बिजली
एवम् षौचालय की सुविधा सहित एक घर उपलब्ध करवाया
जाएगा। इसके लिए ‘जल जीवन मिषन’ और ‘रोषनी’
योजनाओं के साथ तालमेल बिठाकर आवष्यक संसाधनों
की व्यवस्था की जाएगी। मैं 2020-21 के लिए निम्न
प्रस्ताव रखता हूँः-
आवास सुविधाएं।
65
हमारी सरकार ने पिछले बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए
सभी आवास योजनाओं के अन्तर्गत 20 हजार रुपये
प्रति लाभार्थी अतिरिक्त अनुदान देने की घोशणा की थी।
हमारी सरकार की इस पहल से प्रदेष की गरीब जनता
को लाभ पहुँचा है। अब मैं 20 हजार रुपये अतिरिक्त
अनुदान प्रधानमन्त्री आवास योजना (षहरी) के अन्तर्गत
भी प्रदान करने की घोशणा करता हूँ।
आवास हेतु उपदान के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के
आवेदन लम्बित हैं। मैं घोशणा करता हूँ कि 2022
तक इन सभी लम्बित पात्र आवेदकों को इस योजना
के अन्तर्गत लाभान्वित कर दिया जाएगा।
2020-21 में प्रदेष के ग्रामीण तथा षहरी क्षेत्रों में
विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत 10 हजार नए
लाभार्थियों को लाभ पहुँचाया जाएगा जो कि पिछले वर्श
के लक्ष्य से दोगुना से भी अधिक है। इन आवासों का
निर्माण निम्न घटकों से किया जाएगाः-
अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों के लिए 51 सौ
आवास जिसके लिए मैं नई ”स्वर्ण जयन्ती
आश्रय योजना“ की घोशणा करता हूँ।
मुख्यमन्त्री आवास योजना के अन्तर्गत 31 सौ
आवास।
प्रधानमन्त्री आवास योजना (षहरी) के अन्तर्गत
1,000 आवास।
प्रधानमन्त्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत
800 आवास।
203. आवास के क्षेत्र में प्रदेष सरकार का यह एक
महत्वकाँक्षी पदपजपंजपअम है। इस उद्देष्य के लिए 160 करोड़
रुपये खर्चे जाएंगे।
हम वादे नहीं इरादे लेकर आए हैं।
66
204. अध्यक्ष महोदय, अब मं ै 2019-20 क े संषोधित
अनुमानों पर आता हूँ। वर्श 2019-20 के संषोधित
अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 32 हजार 330
करोड़ रुपये हैं। 2019-20 के संषोधित अनुमानों के
अनुसार कुल राजस्व व्यय 36 हजार 337 करोड़ रुपये
रहने का अनुमान है। राजस्व घाटा 4 हजार 7 करोड़
अनुमानित है।
205. अध्यक्ष महोदय, 2020-21 का कुल बजट 49
हजार 131 करोड़ रुपये का है। वर्श 2020-21 में राजस्व
प्राप्तियां 38 हजार 439 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है
तथा कुल राजस्व व्यय 39 हजार 123 करोड़ रुपये
अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 684 करोड़
रुपये अनुमानित है। राजकोशीय घाटा 7 हजार 272 करोड़
रुपये अनुमानित है जो कि प्रदेष के सकल घरले ू उत्पाद का
4 प्रतिषत है।
206. वित्तीय वर्श 2020-21 के लिये प्रस्तुत बजट
अनुमानों में नए कर का प्रस्ताव नहीं है। 2019-20 के
बजट अनुमान के मुकाबले प्रदेष के अपने राजस्व में
2020-21 में 11 प्रतिषत की बढ़ौतरी अनुमानित है। मुझे
विष्वास है कि प्रभावी कर प्रबंधन, भारत सरकार के
सहयोग, अन्तर्राश्ट्रीय फण्डिंग एजेन्सी एवं युक्तिकरण से नई
और पहले से चालू योजनाओं हेतु संसाधनों की व्यवस्था
कर ली जाएगी।
207. 2020-21 के बजट अनुसार प्रति 100 रुपये
में से, वेतन पर 26.66 रुपये, पैंषन पर 14.79 रुपये,
ब्याज अदायगी पर 10.04 रुपये, ऋण अदायगी पर
7.29 रुपये, जबकि षेश 41.22 रुपये विकास कार्यों
सहित अन्य गतिविधियों पर व्यय किए जाएंगे। अगले वर्श
बजट अनुमान।
67
के बजट का पूर्ण विवरण इस मान्य सदन में प्रस्तुत किए
जा रहे विस्तृत बजट दस्तावेज़ों में उपलब्ध है।
208. अब मैं बजट के मुख्य सारांष प्रस्तुत कर रहा
ह।ूँ
प्रदेष के सम्पूर्ण राज्य दर्जा प्राप्त करने के 50वें
वर्श पर 2020-21 को हिमाचल प्रदेष स्वर्ण
जयन्ती वर्श के रूप में मनाया जाएगा।
फरवरी, 2020 तक 189 जनमंच कार्यक्रम
आयोजित किए गए जिनमें 47 हजार 848
षिकायतें व माँगे प्राप्त हुईं, इनमें से 43 हजार
548 षिकायतों का सन्तोशजनक निपटारा किया
गया।
‘मुख्यमन्त्री सेवा संकल्प’ के माध्यम से फरवरी,
2020 तक 37 हजार 990 षिकायतों का
सन्तोशजनक निवारण किया गया।
2019-20 में विकास दर 5.6 प्रतिषत रहने का
अनमु ान।
पिछड े़ क्षत्रे ा ंे म ंे एक नया श्।ेचपतंजपवदंस क्मअमसवचउमदज
ठसवबा च्तवहतंउउम ;।क्ठच्द्धश् षुरू होगा।
क्पेजतपबज ळववक ळवअमतदंदबम प्दकमग में प्रथम, द्वितीय,
तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले जिलों को ईनाम
दिये जाएंगे।
2020-21 की वार्शिक योजना 7,900 करोड़
रुपये की होगी।
विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए प्रति
विधानसभा चुनाव क्षेत्र धनराषि सीमा 120 करोड़
रुपये होगी।
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत
अब 1 करोड़ 75 लाख रुपये तथा विवेक अनुदान
राषि 10 लाख रुपये होगी।
68
माननीय विधायकों, राजपत्रित श्रेणी प् – प्प् के
सरकारी अधिकारियों तथा अन्य संपन्न वर्ग से
च्क्ै के अन्तर्गत मिलने वाले उपदान को स्वेच्छा से
त्याग करने की अपील।
‘गृहिणी सुविधा योजना’ के तहत नये पात्र परिवारों
को भी लाभान्वित किया जाएगा।
किसानों/बागवानों के थ्च्व्े के लिए 20 करोड़
का कृशि कोश।
हींग तथा केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए
”कृशि से संपन्नता योजना“ (ज्ञैल्) आरम्भ होगी।
2020-21 के अन्त तक कम से कम 20 हजार
हैक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक कृशि के अन्तर्गत लाया
जाएगा।
नादौन मध्यम सिंचाई परियोजना को कमीषन कर
दिया जाएगा।
प्रधानमन्त्री कृशि सिंचाई याजे ना क े अन्तर्गत 338
करोड़ की लागत से 111 लघु सिंचाई योजनाओं
का कार्य पूरा किया जाएगा तथा 87 करोड़ की
लागत से 4 नई योजनायें भारत सरकार द्वारा
अनुमोदित।
ब्वउउंदक ।तमं क्मअमसवचउमदज ;ब्।क्द्ध योजना के
अन्तर्गत किसानों के खेतों तक पानी पहुँचाने पर
बल।
”कृशि उत्पाद संरक्षण (एण्टी हेलनेट) योजना
(ज्ञन्ैभ्ल्)“ के अन्तर्गत हेल नेट के लिए बाँस
अथवा स्टील के स्थाई ेजतनबजनतम पर 50 प्रतिषत
अनुदान देय होगा।
मधुमक्खी पालन से सम्बन्धित गतिविधियों के
लिए मध ु उत्पादन एवम् प्रसस्ं करण योजना (डन्च्ल्)
पा्र रम्भ।
69
सुगन्धित पौधों के लिए एक नई योजना ‘महक’
का आरम्भ।
11 जिलों के 3,300 गाँवों में निःषुल्क गर्भाधान
योजना आरम्भ होगी।
काँगड़ा जिला में जर्सी गायों की बछड़ियों के
सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कार्यक्रम।
गैर-जनजातीय जिलों में एक गौ-अरण्य एवं एक
बड़े गौ-सदन की स्थापना।
सभी वर्गों के लाभार्थी प्रजनन के लिए भेड़ पर
उपदान के पात्र होंगे।
मुर्गी पालन क्षेत्र में ”हिम कुक्कुट पालन योजना“
(भ्प्डज्ञन्च्ल्) आरम्भ होगी।
पषुपालकों के लिए प्रदेष में पॉयलट आधार पर
”माबे ाइर्ल पषुि चकित्सा सवे ा (डव्टम्ै)“ का पा्र वधान।
दूध खरीद मूल्य को 2 रुपये बढ़ाया जाएगा।
जल संग्रहण, प्रबन्धन एवम् संरक्षण के लिए नई
योजना ‘पर्वत धारा’ का आरम्भ किया जाएगा।
वन क्षेत्र में इस योजना का कार्यान्वयन वन
विभाग द्वारा किया जाएगा।
प्रदेष भर मंे 2,000 लोकमित्र केन्द्रां े की स्वीकृति।
मनरेगा कामगारों को कौषल प्रषिक्षण के लिए
नई योजना ‘उन्नति’ तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पार्क एवं
बाग बनाने के लिए ‘पंचवटी’ योजना आरम्भ की
जाएगी।
500 ग्राम पंचायतों को कचरा मुक्त बनाने का
लक्ष्य।
तम्बाकू सेवन मुक्त पंचायत को 5 लाख रुपये
अनदु ान।
12,000 हैक्टेयर भूमि पर पौधरोपण।
70
वन विभाग की पौधषालाओं में 50,000 चंदन के
पौधे तैयार किए जाएंगे।
बजट में षिक्षा की गुणवत्ता पर बल। प्रारम्भिक
षिक्षा में गुणवत्ता हेतु ”स्वर्ण जयन्ती ज्ञानोदय
क्लस्टर योजना (ज्ञानोदय)“ षुरु होगी।
”स्वर्ण जयन्ती उत्कृश्ट विद्यालय योजना ;उत्कृश्टद्ध“
के अन्तर्गत 68 स्कूल जहाँ पर विद्यार्थियों की
संख्या 500 या इससे अधिक है, को उन्नयनित
किया जाएगा।
9 महाविद्यालयों को उत्कृश्ट महाविद्यालयों के रूप
में स्थापित किया जाएगा।
50 स्कूलों में गणित प्रयोगषालाएं स्थापित की
जाएंगी।
ठण्टवब डिग्री प्रोग्राम 6 नये महाविद्यालयों में षुरु।
”स्वर्ण जयन्ती सुपर 100“ योजना आरम्भ हागे ी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्टर विष्वविद्यालय
को ।ििपसपंजपदह विष्वविद्यालय के रूप में विकसित
किया जाएगा।
छब्ब् युवाओं को फौज/पैरामिलिटरी और पुलिस
सेवाओं में भर्ती को प्रोत्साहन देने हेतु आवष्यक
बटालियन और कम्पनी खोली जाएगी।
डक्त् तपेदिक रोगियों के लिए 1,500 रुपये प्रति
माह की दर से सहायता दी जाएगी।
महिलाओ ं में इतमंेज बंदबमत का आरम्भिक अवस्था
में ही पता लगाने के लिए प्रदेष के सभी जिला
अस्पताला ंे म ंे डंउउवहतंचील मषीन ंे उपलब्ध करवाई
जाएंगी।
‘सहारा’ योजना की राषि बढ़ाकर 3,000 रुपये
प्रतिमाह की जाएगी।
71
मुफ्त 56 कपंहदवेजपब टैस्टों की सुविधा सभी वर्गों
के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी।
दूरस्थ क्षेत्रों के लिए 10 ”मोबाइल हेल्थ सेन्टर“
षुरु किए जाएंगे।
108 सेवा के अन्तर्गत 100 पुरानी एम्बुलैंस को
षीघ्र बदला जाएगा।
बेसहारा लोगों को मुफ्त ईलाज तथा कपंहदवेजपब
सेवायें प्रदान करने के उद्देष्य से एक नई योजना
”सम्मान“ का भारम्भ।
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त दवाईयों के
वितरण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
किया जाएगा।
60 वर्श से अधिक आयु वाले वृद्धों को आयुर्वेदिक
दवाईयां मुफ्त दी जाएंगी।
स्मार्ट सिटी मिषन के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपये
का प्रावधान किया जाएगा।
स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए नगर परिशदांे
तथा नगर पंचायतों के लिए पुरस्कार।
षहरी स्थानीय निकायों को अनुदान राषि 61.74
करोड़ रुपये से बढ़ाकर 207 करोड़ रुपये तथा
छावनी क्षेत्रों के लिए पहली बार यह अनुदान दिया
जाएगा।
जल जीवन मिषन के अन्तर्गत 2024 से पहले
प्रदेष के सभी घरों में षुद्ध पेयजल की व्यवस्था
की जाएगी।
2020-21 में एक लाख घरों को षुद्ध पीने के
पानी के कुनेक्षन दिए जाएंगे।
प्रथम चरण में 14 षहरी क्लस्टर्ज़ में पेयजल
आपूर्ति को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्था
स्थापित की जाएगी।
72
नया निवेष आकर्शित करने के लिए ”हिमाचल
पद्र ष्े ा निवष्े ा पा्र त्े साहन अभिकरण (भ्पउंबींस च्तंकमेी
प्दअमेजउमदज च्तवउवजपवद ।हमदबल)“ की स्थापना।
नये उद्यमों के लिए ”हिम स्टार्टअप योजना
(भ्प्डैन्च्)“ षुरु।
चर्मकारों, बुनकरों, दस्तकारों और अन्य षिल्पियों
तथा दस्तकारों के लिए नई योजना ”पारम्परिक
हथकरघा एव ं हस्तषिल्प क्लस्टर परियाजे ना (परम्परा),
षुरु“। इसके लिए 58 करोड़ रुपये व्यय किए
जाएंगे।
स्वावलम्बन याजे ना के अन्तर्गत 45 वर्श तक की
विधवाओं को आजीविका के लिए 35 प्रतिषत बढ़ा
हुआ उपदान।
प्रदेष में वर्श 2020-21 के दौरान 515 मैगावाट
की विभिन्न जल विद्युत परियोजनायें कार्य करना
आरम्भ कर देंगी व 394 मैगावाट की नई
परियोजनाओं पर कार्य आरम्भ किया जाएगा।
प्रदेष के निवासियों को 250 से 500 किलोवाट
की सौर परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु 2,000
रुपये प्रति किलोवाट का उपदान दिया जाएगा।
पांगी घाटी के 1,000 घरों में 250 वॉट के ऑफ
ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होंगे।
धर्मषाला में ‘इंस्टीटयूट ऑफ होटल मैनेजमैंट
(प्भ्ड) और सुन्दरनगर में ‘फूड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट
(थ्ब्प्)’ की स्थापना।
बीड़ बिलिंग में प्री-वर्ल्ड कप एवं इण्डियन नैषनल
ओपन पैराग्लाईडिंग प्रतियोगिता तथा ब्यास नदी
पर पथ््र ाम एषियन रॉफ्टिगं प्िर तयोगिता का आयोजन
किया जाएगा।
षेश बची 39 पंचायतों को भी सड़क से जोड़ा
जाएगा तथा कोई भी पंचायत बिना सड़क के नहीं
रहेगी।
73
राजमार्गों पर पर्यटकों के लिए आवष्यक सुविधायें
पद्र ान करने के लिए आवष्यक नीति बनाई जाएगी।
925 किलोमीटर वाहन योग्य कच्ची सड़कों, 900
किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज, 1,800
किलामे ीटर पक्की सड़कांे, 75 पुलों का निर्माण तथा
90 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़े जाएंगे।
वाकनाघाट (सोलन) में 155 करोड़ (20 मिलियन
अमेरिकी डॉलर) की लागत से एक ‘सेंटर ऑफ
एक्सीलेंस’ की स्थापना।
19 औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थानों ;प्ज्प्ेद्ध का
अधुनिकीकरण।
उप मण्डल स्तर पर ।बबतमकपजमक पत्रकारा ंे का े स्ंचजवच
दिये जाएंगे।
प्री-प्राईमरी में बच्चों के लिए ”स्वस्थ बचपन“
योजना के अन्तर्गत भोजन की व्यवस्था।
आँगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए नई ”बाल
पोशाहार टॉप अप योजना“ लागू होगी।
डमदेजतनंस ीलहमपदम के बारे जागरुकता हेतु ”वो
दिन“ कार्यक्रम चलाया जाएगा।
राज्य में भारत सरकार की सहायता से पाँच
प्दजमहतंजमक त्मींइपसपजंजपवद ब्मदजतमे व ि।ककपबजे स्थापित
किए जाएंगे।
50 हजार अतिरिक्त पात्र लोगों को सामाजिक
सुरक्षा पेंषन दी जाएगी तथा विधवा, दिव्यांगजन
की पेंषन राषि को 850 रुपये से बढ़ाकर
1,000 रुपये प्रतिमाह किया गया। इससे कुल 1
लाख 75 हजार लोगों को लाभ पहुँचेगा।
आगँ नबाडी़ कायर्क ताआ,ें मिनि आगँ नबाड़ी कार्यकतार्,
आँगनबाड़ी सहायिका, सिलाई अध्यापिका, मिड डे
मील वर्कर, वाटर गार्ड, पैरा फिटर, पैरा पम्प
74
आपरेटर, पंचायत चौकीदार इत्यादि के मानदेय में
बढ़ौतरी की गई।
षिक्षा विभाग के प्ज् षिक्षकों के मानदेय में 10
प्रतिषत वृद्धि की जाएगी।
युद्ध जागीर के लाभार्थियों की वार्शिक अनुदान
राषि में बढ़ौतरी।
अवैध खनन की रोकथाम हेतु 10 क्मकपबंजमक
डपदपदह ब्ीमबा च्वेजे स्थापित की जाएंगी।
5 अग्निषमन पास्े ट का े स्तरान्ने त करक े अग्निषमन
उप-केन्द्र बनाया जाएगा।
छच्ै के तहत 22-09-2017 से पहले सेवानिवृत
कर्मियों को ग्रेच्युटी दी जाएगी।
अनुबन्ध कर्मचारियों के वेतन में बढ़ौतरी।
दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी 275 रुपये की गई।
दृश्टिहीन एवम् 70 प्रतिषत से अधिक
व्तजीवचमकपबंससल कपेंइसमक कर्मचारियों के लिए यात्रा
भत्ता बढ़ाकर 750 रुपये किया जाएगा।
2020-21 में 20,000 खाली पदों को भरे जाने
का लक्ष्य जिसमें 3,000 पद राज्य विद्युत बोर्ड,
1,000 पद कान्सटेबल, लगभग 5,000 पद
षिक्षा विभाग, 1,300 पद भ्त्ज्ब्, तथा लोक
निर्माण, राजस्व, वन, पषुपालन तथा अन्य विभागों
के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी षामिल हैं।
तत्तापानी स े सलापड़ तक अन्तर्दष्े ाीय जल यातायात
सुविधायें प्रदान की जाएंगी।
बगलामुखी (मण्डी) तथा नारकण्डा से हाटू माता
मन्दिर तक दो रोप-वेज़ की निर्माण प्रक्रिया को
2020-21 में च्च्च् मोड में षुरु किया जाएगा।
राज्य में हेलीटैक्सी को गति देने के लिए, 5 नये
हेलीपोर्टस का निर्माण किया जाएगा।
75
काँगड़ा (गग्गल) और षिमला हवाई अड्डों के
विस्तार के लिए आवष्यक कदम उठाए जाएंगे।
मण्डी में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण हेतु
भू-अधिग्रहण प्रक्रिया षीघ्र ही आरम्भ की जाएगी।
हवाई अड्डों के विस्तारीकरण, मण्डी हवाई अड्डे के
निर्माण तथा हेलिपोर्टस के निर्माण के लिए 1,013
करोड़ रुपये का प्रावधान।
स्वर्ण जयन्ती आश्रय योजना के अन्तर्गत अनसु ूचित
जाति के 5,100 परिवारों को घर। इसके अतिरिक्त
अन्य वर्गों के लाभार्थियों को षहरी तथा ग्रामीण
आवास योजनाओं के अन्तर्गत 4,900 घर।
209. अध्यक्ष महोदय, सभी आर्थिक क्षेत्रों को सम्बोधित
करते हुए यह बजट समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने का
एक प्रयास है। इसके अधिकतर प्रस्ताव कौषल विकास
एवम् उद्यमिता को प्रोत्साहित करके युवाओं को एक बेहतर
भविश्य उपलब्ध करवाने के प्रति समर्पित हैं। कृशि, अन्य
सम्बद्ध क्षेत्रों तथा सिंचाई में नवाचारों के माध्यम से
किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु विषेश प्रयास प्रस्तावित
किए गए हैं। हमने सामाजिक क्षेत्र में गरीब तथा अन्य
कमज़ोर वर्गों के लिए, सामाजिक सुरक्षा के दायरे में
अभूतपूर्व विस्तार किया है व साथ ही गरीबों, विषेशतः
अनुसूचित जनजातियों के लिए आवास संख्या को भी
दोगुना कर दिया है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए
बच्चों में कुपोशण की समस्या को सुलझाने हेतु सभी को
समुचित पोशण उपलब्ध करवाना हमारा प्रयास रहा है। एक
ज्ञान आधारित समाज को बढ़ावा देते हुए, हमने प्राथमिक
पाठषालाओं से महाविद्यालय स्तर तक, षिक्षा में गुणवत्ता
सुधार हेतु ‘तवंक.उंच’ लागू किया है। बजट में सड़क
निर्माण, सिंचाई योजनाओं, पेयजल आपूर्ति व गैर सड़क
यातायात जैसे पूंजीगत अधोसंरचना कार्यों के लिए समुचित
प्रावधान किया गया है। विभिन्न संवर्गों के कर्मचारियों एवं
76
अधिकारियों, जो कि राज्य की आर्थिकी एवं प्रषासन की
रीढ़ हैं, के लिए इस बजट में बहुत से प्रावधान किए गए
हैं। हम ऐसे समावेषी, विकासोन्मुखी हिमाचल प्रदेष के
निर्माण के लिए प्रयासरत हैं, जो निवेष एवं रोज़गार के
लिए नये द्वार खोले।
मान्यवर अन्त में, इन षब्दों के साथ मैं इस
बजट को माननीय सदन को संस्तुत करना चाहूँगा:-
सफ़र की हद है यहाँ तक की, कुछ निषान रहें,
चले चलो के जहाँ तक, ये आसमान रहे।
ये क्या उठाये कदम, और आ गई मंजिल,
मज़ा तो जब है, के पैरों में कुछ थकान रहे।।
जय हिन्द – जय हिमाचल
(16)