शिमला। विधानसभा में बजट सत्र का दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा व नारेबाजी हुई। भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर विपक्षी सदस्यों को बंधुआ मजदूर कहने पर रोष जताते हुए वाकआउट कर दिया।
यही नहीं प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सदस्य कार्टून लगाकर पहुंच गए।
प्रश्नकाल शुरू होते ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से भाजपा सदस्यों को बधुंआ मजदूर कहने पर आपति जताते हुए भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि बीते रोज मुख्यमंत्री ने भाजपा सदस्यों के खिलाफ सदन के बाहर बंधुआ मजदूर कहा।उन्होंने कहा कि ये विपक्ष के नेता के सम्मान के खिलाफ तो है ही साथ ये सदन के सदस्यों सम्मान पर भी कुठाराघात है।इस दौरान भाजपा सदस्यों ने एप्रेन पर कार्टून लगाकर नारेबाजी करने लगे।
इस पर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने भाजपा सदस्यों को निर्देश दिए कि वह सदन में इस तरह कार्टून नहीं दिखा सकते। ये सदन के नियमों के खिलाफ है।उन्होंने भाजपा सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर वह इस तरह काटूर्न दिखाना चाहते है तो सदन से बाहर चले जाए।
स्पीकर ने भाजपा सदस्यों से कहा कि वो प्रश्नकाल चलने दे। हंगामे व शोरगुल के बीच प्रश्नकाल चलता रहा और इस बीच भाजपा ने प्रश्नकाल का बहिष्कार करते हुए वाक आउट कर दिया।
वाकआउट के तुरंत बाद स्पीकर ने भाजपा सदस्यों को आगाह किया कि आपतिजनक सामाग्री सदन में न दिखाए।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में कहा कि उन्होंने विपक्षी नेताओं को कभी भी बंधुआ मजदूर नहीं कहा।उन्होंने भाजपा सदस्यों की ओर सदन में लगाए गए अपमानजनक नारों और टिप्पिणयों को सदन की कार्यवाही में न लाने का आग्रह किया। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन लगे आरोपों की उन्होंने खुद सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रेमकुमार धूमल और उनके दोनों बेटों,राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि का दावा किया है। विपक्षी नेता इन मसलों को सदन में उठा रहे है उनके इन मसलों को सदन के बाहर उठाने की हिम्मत नहीं है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हर सदस्य का अधिकार है कि वो सदन में अपने मुददे उठाए लेकिन ये सब संसदीय प्रक्रियाओं और नियमों के तहत होना चाहिए।
स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने मीडिया को हिदायतें दी कि वो इन मसलों को रिपोर्ट न करे। सदन में उन मसलों को नहीं उठाया जा सकता जो अदालत में लंबित हो। इस तरह के विरोध व नारेबाजी रिपोर्ट करने से जनता के मन में सदन की गरिमा व छवि पर आंच आएगी। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को भी चेतावनी दी कि वो सदन में अपने रवैये को सुधारे व स्पीकर की रूलिंग की अवहेलना न करे। अगर विपक्ष ने अपना रवैया न बदला तो ऐसे सदस्यों के खिलाफ कार्रचवाई कर दी जाएगी। हालांकि उन्हें इस बात का दुख होगा वह इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर हुए है।विपक्षी सदस्यों को भी उन्हीं की तरह सदन में मुददे उठाने का अधिकार है। संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष सदन का कीमत वक्त जाया कर रहा है और विपक्ष ने बीते रोज भी राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि सदन में बजट पास होना है और कई सारे बिलों को लाया जाना है। विपक्ष जानबूझ कर सदन की कार्यवाही में खलल डाल रहा है।
इसके बाद स्पीकर ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव को ज्वालामुखी से कांग्रेस सदस्य संजय रत्न ने पेश किया व इस पर बहस शुरू हो गई।
मर्यादा हनन का दिया नोटिस
विधानसभा में विपक्षी पार्टी भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से अपमानजनक टिप्पणी करने पर स्पीकर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि स्पीकर बी बी बुटेल को नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीते रोज भाजपा सदस्यों को एक परिवार के बंधुआ मजदूर कहा था।
भाजपा सदस्य सुरेश भारदवाज ने कहा कि नोटिस पर सभी 26 विधायकों ने दस्तख्त किए है।
पूर्व डिप्टी स्पीकर रिखी राम कौंडल और अन्य सदस्यों ने लंच के दौरान स्पीकर को नोटिस थमाया। इस बीच प्रतिक्ष के नेता प्रेमकुमार धूमल ,भाजपा अध्यक्ष व ऊना से विधायक सतपाल सत्ती और रिखी राम कौंडल ने स्पीकर से मुलाकात की ताकि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा सके।सदन के बाहर मीडिया से रूबरू हुए प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा सदस्य उस मुख्यमंत्री की बात क्या सुनेंगे जो उन्हें बंधुआ मजदूर कहता हो। कभी उन्हें गुंडा कहता हो।उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री उनपे कहे शब्दों पर माफी नहीं मांगते विपक्ष सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे।
राज्यपाल के भोज का भाजपा का बहिष्कार
राज्यपाल उर्मिला सिंह की ओर से हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र आरम्भ होने के मौके परबीती शाम राजभवन में दिए गए राज्य भोज का विपक्षी पार्टी भाजपा ने बहिष्कार किया।
मजे की बात है इस भोज में कांग्रेस पार्टी के कई संसदीय सचिव भी नहीं पहुंचे। बीते रोज भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर वाकआउट कर दिया था।राज्यपाल की ओर से हर बार बजट सत्र शुरू होने पर सभी विधायकों को भेज दिया जाता है। लेकिन इसमें भाजपा सदस्य नहीं पहुंचे।
। भोज में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अलावा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बी.बी.एल. बुटेल, मंत्रिमण्डल के सदस्य विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर, जी.एस. बाली, सुजान सिंह पठानिया, ठाकुर सिंह भरमौरी, मुकेश अग्निहोत्री, सुधीर शर्मा, धनी राम शांडिल एवं अनिल शर्मा, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष रवि ठाकुर, राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार, कई मुख्य संसदीय सचिव वविधायक भी इस मौके पर मौजूद रहे।
जांच की आंच से बौखलाए धूमल
विधानसभा में आज विपक्ष की ओर से किए वाकआउट को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी भाजपा सदस्यों को बंधुआ मजदूर नहीं कहा । वह अपने नेता के पक्ष में सदन में उठ खड़े हुए ये उनका अधिकार है। मेरे मुंह में जबरदस्ती शब्द डालने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने न ऐसे शब्द बोले है और न ही सोचे।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्ष जिन आरोपों को उठा रहा है उन पर पहले ही सीबीआई जांच कर रही है। हमने कहा कि आप एफबीआई से भी जांच करवा लो।उन्होंने कहा कि मुझ पर वो आरोप लगा रहे है जो खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए है। धूमल को इस बात का मलाल है कि उनके खिलाफ जांच चल रही है।उन्हें मलाल है कि उनके कार्याकाल में जो गलत काम हुए है उसकी कांग्रेस सरकार जांच कर रही है। जैसे जैसे जांच की आंच धूमल को लग रही है ऐसे में वो मेरे खिलाफ अनाप शनाप ब्यानबाजी कर रहे ।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता जवाब दे देगी। भाजपा की ओर उनके बेटे विक्रमादित्य के खिलाफ महरौली में फार्म हाउस के बारे में लगाए आरापों को लेकर लगाए आरोपों पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनका बेटा बालिग है व रिटर्न भरता है।
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