शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी आयकर रिटर्न के विरूद्ध अनावश्यक हाय-तौबा मचाई जा रही है और पी.के. धूमल व उनके पुत्र निहित स्वार्थों के तहत दुर्भावना से ग्रस्त होकर उनके विरूद्ध झूठा प्रचार कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में प्रकाशित समाचार पक्षपातपूर्ण एवं राजनीति से प्रेरित हैं, जिनका उद्देश्य गलत और भ्रामक जानकारी फैलाकर लोगों को भ्रमित करना है। पिछले कुछ दिनों से उनके आयकर रिटर्न को लेकर मीडिया को चुनिंदा एवं विकृत जानकारियां देकर उनकी छवि को खराब करने प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर पीड़ा है हो रही है कि चुनिंदा जानकारियां इस तरीके से पेश की जा रही हैं जिससे यह धारणा बन सके कि अवश्य ही कुछ गलत हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि मीडिया के कुछ लोगों को इस मामले में न केवल उनके आयकर रिटर्न के संदर्भ में अंशों में सूचना है बल्कि इस विषय में आयकर अधिकारियों की कार्रवाई के बारे में भी जानकारी है, जो आर.टी.आई. के अन्तर्गत भी हासिल नहीं की जा सकती हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित मामले पर कोर्ट की राय से पहले ही कोई निर्णय पारित करना अनुचित तथा अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दिल्ली माननीय उच्च न्यायालय ने 6 अगस्त को दिए आदेश में अतिरिक्त महा न्यायावादी के कथित टिप्पणियों का कोई उल्लेख नहीं है, जिसे मीडिया में प्रस्तुत किया जा रहा है और उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा जिसका जिक्र किया जा रहा है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि श्रीखंड बागीचे की कृषि आय से सम्बन्धित मुद्दा आयकर अधिकारियों के समक्ष लंबित है। आयकर अधिकारियों ने वर्ष 2009-10 में मामले का आकलन करते हुए विस्तृत पड़ताल की है। उसके पश्चात् आकलन अधिकारी ने आदेश पारित किया और कृषि आय को मिलाकर घोषित आय को संशोधित रिटर्न के अनुरूप स्वीकार किया गया था। जबकि वर्ष 2008-2009 और वर्ष 2010-2011 से सम्बन्धित मामला आयकर अधिकारियों के समक्ष अभी तक निर्णय,मूल्यांकन के लिए लंबित है।
वर्ष 2011-12 के मूल्यांकन से सम्बन्धित आनंद चैहान, जो श्रीखंड बागीचे के प्रबन्धक हैं, के मामले पर 25 मार्च 2014 को मूल्यांकन अधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लिया जा चुका है। चौहान द्वारा मूल्यांकन अधिकारी के आदेशों को सीआईटी अपील शिमला के समक्ष चुनौती दी गई है और मामला विचाराधीन है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि संशोधित आयकर रिटर्न से सम्बन्धित मामलों को आयकर अधिकारियों द्वारा विस्तृत जांच की गई और कुछ मामलों में इसे आंशिक रूप में स्वीकार किया गया है। आयकर अधिकारियों द्वारा आज दिन तक यह नहीं कहा गया है कि आनंद चौहान ने मेरी ओर से कृषि उपज को नहीं बेचा था जबकि आयकर अधिकारियों द्वारा आयकर अधिनियम 1962 की धारा 263 के तहत जो कार्यवाही की गई है उसे उपयुक्त प्राधिकरण के समक्ष चुनौती दी गई है, इसलिए मामला विचाराधीन है।
विधानसभा को भंग करने की भाजपा की मांग न केवल हास्यास्पद है । धूमल के नेतृत्व में भाजपा सदन के अंदर एवं बाहर अपने प्रायोजित एवं घटिया तरीकों से राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित बहुमत प्राप्त कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।मेरे खिलाफ व्यक्तिगत प्रहार करना धूमल एवं उनके परिवार का एक-सूत्रीय कार्यक्रम है।राज्य भाजपा के हाल ही में सोलन में आयोजित सम्मेलन का मुख्य एजेंडा मेरे खिलाफ प्रस्ताव पास करना और मुझे निशाना बनाना था। उन्होंने कहा कि धूमल मेरे तथा कांग्रेस सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल हैं और चालाकी से मीडिया ट्रायल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धूमल परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक मामलों पर जांच चल रही है, जिससे वह हताशा और घबराहट महसूस कर रहे हैं। अपने गलत कार्यों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वह मेरे खिलाफ चरित्र हनन के अभियान में शामिल हैं।
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