शिमला। विजीलेंस ब्यूरो ने विवादास्पद व चर्चित वेमलोई डवलपमेंट एंड इंफ्ररस्ट्रक्चर कंपनी के खिलाफ आईपीसी धोखाधड़ी व साजिश रचने समेत आधा दर्जन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। मामला विजीलेंस के शिमला थाने में दर्ज किया गया है।एडीजीपी विजीलेंस पृथ्वीराज के मुताबिक प्रारंभिक जांच में ये सामने आया है इस मामले में सरकार को धोखा देने और बिल्डिर्स को लाभ दिलाने की मंशा से जाली अर्जी व जाली दस्तावेज तैयार किए गए।विजीलेंस ने प्रारंभिक जांच केबाद धारा 420,465,467,468,471,120बी व वन अधिनियम की धारा 33 के तहत मामला दर्ज कर दिया है।
इस मामले में सरकार को साजिश रच कर करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का प्रयास किा गया है। राजधानी में वेमलोई में वेमलोई बिल्डर्स की ओर से फलैटस का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए यहां पर एक सड़क बनाई गई कहा गया कि स्थानीय लोगों ने सड़क बनाने के लिए एक अर्जी तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को दी थी व इस पर यहां सड़क बनाने के लिए मंजूरी दे दी गई।
एडीजीपी ने कहा कि जांच में सामने आया कि स्थानीय लोगों की ओर से ये सड़क इस्तेमाल ही नही की जाती थी। स्थानीय लोगों ने विजीलेंस को दिए ब्यान में कहा कि उन्होंने कभी भी इस फारेस्ट रोड की मरम्मत करने औ रइसकी देखभाल के कभी भी अर्जी पर दस्तख्त नहीं किए।प्रथम दृष्टया सड़क बनने से केवल और केवल वेमलोई डवलपमेंट व इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ही लाभ मिला है। वेमलोई बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के लिए इस कच्चे रास्ते को खूब चौड़ा किया गया ताकि इस पर गाडि़यां चल सके।ये फारेस्ट लॉ का उल्लंघन है। ये इसलिए किया गया कि इस पर इस रोड को कमर्शियल कामोंके लिए इस्तेमाल किया जाए।
इस जमीन पर इस कंपनी की ओर से फलैट बनाए जा रहे है।
पूर्व की धूमल सरकार में वेमलोई में डीएलएफ कंपनी कीसहयोगी कंपनी की ओर से पेड़ोंकेबीच जमीन खरीदी गई और यहां पर फलैट बनाने कीइजाजत भी दी गई थी। कांग्रेस पार्टी के अलावा माकपा ने इसपरखूब हल्ला मचाया था। येमामला कांग्रेस की चार्जशीट मेंभीयेमामला शामिल हुआ था वविजीलेंस एक अरसे से इस मामले की जांच में जुटा था। आज विजीलेंस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर दी है।
जानकारों के मुताबिक इस मामले में फलैट बनाने के लिए जिन लोगों से पैसा लिया गया दर्शाया है उनमें से जांच में कई अस्त्तिव में ही ही नहीं गए । बताया जा रहा है कि विजीलेंस ने पंजाब में से जुड़े उन लोगों के नाम पतो पर भी छापेमारी की थी। इन पतों पर कोई नहीं मिला था। बताया जा रहा है कि हिमाचल और पंजाब की बड़ी हस्तियों के इस मामले में शामिल होने की संभावना है।
(0)