शिमला। नाहन के सैनी बंधुओं पर हिमाचल प्रदेश सरकार की नाक के नीचे सीएम कार्यालय में बाबूओं की मदद से सरकारी मुलाजिमों के तबादले का रेेकैट चलाकर लाखों कमाने का इल्जाम लग गया हैं।जिस शख्स से इल्जाम लगाया हे उसका कहना है कि तबादला का रेट 15 हजार रुपया प्रति तबादला है। तबादले की एवज में लिया जाने वाला पैसा नाहन के बैंक अकाउंट में जमा होता है और शिमला के बैकं अकाउंट से निकाल दिया जाता है।
ये इल्जाम राजपूत सभा नाहन के अ ध्यक्ष व बिजली बोर्ड नाहन में एसडीओ के पद से रिटायर हो चुके दिनेश चौहान ने राजधानी में बकायदा संवाददाता सम्मेलन में लगाकर सीएम कार्यालय व सीएम को ही सवालों में खड़ा कर दिया है ।चौहान ने नाहन में जिस अकाउंट में ये पैसा जमा होता है वो नंबर भी मीडिया को जारी किया हैं।यह 4588000400003305 खाता नंबर पंजाब नेश्नल बैंक नाहन का है।
जिन सैनी बंधुओं पर ये तबादला रेकैट चलाने का इल्जाम लगा है उनमें से एक सीएम आफिस शिमला में दूसरा नाहन बिजली बोर्ड में काम करता हैं। इसके अलावा एक और थापा नाम के मुलाजिम का भी खुलासा किया गया है। चौहान ने कहा कि ये तीनों सरकारी मुलाजिम आपस में रिश्तेदार है।उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे से 28 मुलाजिमों में से 11 के तबादले कर दिए गए जो कि तबादला नीति के तहत हो ही नहीं सकते थे।
ये रहें वो लोग जिनके तबादले किए गए-:
चौहान ने कहा कि उन्होंने एडीजीपी विजीलेंस को 7 जनवरी 2016 को भी इस मामलेे की जांच कराने की मांग की थी व 11 मुलााजिमों के तबादलों की एक फेहरिस्त दी थी।चौहान ने विजीलेंस को लिखी चिटठी भी मीडिया को जारी की।
चौहान ने दावा किया कि 18 जुलाई को जब सीएम वीरभद्र सिंह शिलाई के दौरे पर आए थे तो वो करीब 80 लोगों के साथ उनसे रूबरू हुए व इस गोरखधंधेे से उनको अवगत कराया था । सीएम ने उनकी शिकायत को आगे मार्क भी कर दिया था लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।उनहोंने अंदेशा जताया कि ये बंधुु जोड़ी बड़ा रेकैट चल रही है।
चौहान ने सरकार से मांंग की कि इन सबकी संपतियों और बैंक खातों की जांच की जाए।अगर मैंने कोइ्र क्रप्शन किया हैं तो मेरे खिलाफ जांच करेे।
चौहान ने कहा कि अगर इस मामले में सरकार ने कुछ नहीं किया तो वो आगामी दिनों में राज्यपाल से मिलेंगे व तब भी कुछ नहीं हुआ तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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