शिमला। ट्राजिंट पास न होने की वजह से प्रदेश के हजारों ठेकेदारों के ढाइ सौ करोड़ से ज्यादा बिलों का भुगतान न होने के विरोध में तमाम ठेकेदार आज से राज्यव्यापी हड़ताल पर चले गए है। इन ठेकेदारों ने तमाम काम रोक दिए है और सरकार को आगाह किया है कि जब तक उनके लंबित बिलों का भुगतान नहीं किया जाता तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे व कोई काम नहीं करेंगे।
राज्य ठेकेदार कल्याण संघ के बैनर तले तमाम ठेकेदार यूनियनों ने आज से तमाम काम रोक दिया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश विज ने कहा कि सरकार खनन अधिनियम में संशोधन कर ठेकेदारों को राहत पहुंचाई जानी चाहिए और ।
विज ने कहा कि ट्राजिंट पास की वजह से बिलों का भुगतान न होने से पिछली दीपाावली से लेकर अब तक भारी वितीय संकट में आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि वह पत्थर, गटका, रेत व रोड़ी के ट्राजिंट पास अनिवार्य तौर पर बनाए जाते रहे है । इसके अलावा क्रैशर पर सरकार ने सीमित संख्या में ही एक्स व डब्ल्यू फार्म मुहैया करा रखे है। जबकि वह माल ज्यादा निकाल कर ठेकेदारों को देते हैं। ऐसे में जब इन फार्मों को क्रशर मालिक ठेकेदारों को देंगे तो ही वह इन्हें सरकार को जमा करा सकते है। अब तक जिन लोगों के पास ट्राजिंट पास नहीं हाते थे वह रायल्टी अदा करे थे।
यही नहीं उन्हाकेंने कहा कि ठेकेदारों ने जीएएसटी का भी भुगतान किसा है तो उसी के आधार पर भुगतान कर दिया जाए। 2017 से यह बिल भी लंबित हैं।
विज ने कहा कि ठेकेदार संघ व विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों ने इस मसले को बार -बार सरकार के सामने उठाया। यही नहीं मुख्यमंत्री के समक्ष भी इस मसले को उठाया गया लेकिन उन्हें भरोसे के अलावा कुछ नहीं मिला। ऐसे में अब ज्ञापन देने से कुछ होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये की वजह से ठेकेदारों को दो फरवरी को बोली में भाग न लेने जैसे फैसला लेना पड़ा ।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों ने आज से प्रदेश भर में तमाम निर्माण कार्य रोक दिए हैं और विभान विभ्उगों के कर्यालयों के बाहर धरने देने पर आ गए व कल से ये धने व नारेबाजी बढ़़ाई जाएगी।
उधर दूसरी ओर राजधानी में पत्रकाारों से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आंदोलनरत ठेकेदारों का आहवान किया कि वह हड़ताल पर न जाए और काम जारी रखे। इस मामले में सरकार की ओर से कुछ नहीं किया गया है। । प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश है । सरकार इस मसले को सुलझाने का प्रयास कर रही है।
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