शिमला। ऊना के एक निजी अस्पताल को सीवरेज संयत्र को लेकर अनापति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज मे रिश्वत लेने में मामले में पकड़े गए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परवाणु स्थित प्रयोग शाल के सबसे बड़े अधिकारी मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी टी बी सिंह को आज ऊना की विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायकि हिरासत में भेज दिया है। विजीलेंस की ओर से टी बी सिंह का और पुलिस रिमांड मांगा गया था। लेकिन अदालत ने विजीलेंस की दलीलों को खारिज कर दिया।
टीबी सिंह को पिछली सुनवाई पर पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया गया था। अब विजीलेंस टीबी सिंह की संपतियों का ब्योरा खंगालने में लगी है। विजीलेंस को अभी तक देहरादून और नोएडा में कुछ संपतियों का पता चला है। टीबी सिंह के पकड़े जाने से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में हड़कंप मच गया था।
उधर, एक अन्य हाईप्राफाइल मामले में , प्रदेश के उद्योगपतियों से फर्जी आइजी बनकर अरसे से उगाही करने वाले हरियाणा के कथित उद्योगपति विनय अग्रवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की एकल खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। आज इस मसले पर सुनवाई हुई और पूरी एसआइटी आज अदालत में हाजिर रही।
इनमें एसआइटी के मुखिया एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी,एसपी गौरव सिंह, एएसपी नरवीर राठौर समेत बाकी सदस्य भी हाजिर थे। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालम ने अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में सीआइडी एक अरसे से विनय अग्रवाल की अंतरिम जमानत खारिज करने का आग्रह अदालत से कर रही है।
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