शिमला। अदाणी समूह की ओर से पिछले 55 दिनों से बिलासपुर के बरमाणा व जिला सोलन के दाडला में सीमेंट के कारखाने बंद कर देने से उपजा आपरेटरों व अदाणी समूह के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए दाडला के आपरेटरों के साथ हुई अदाणी प्रबंधन की बैठक आज फेल हो गई। उधर बिलासपुर में आपरेटरों ने आंदोलन का एलान कर दिया है। इस बावत कल दोबारा से बरमाणा में आपरेटरों की बैठक बुलाई गई हैं।
आपरेटरों के मुताबिक अदाणी प्रबंधन की ओर से मालभाडे को नौ रुपए25 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से अदा करने का प्रस्ताव दिया गया जिसे आपरेटरों ने नकार दिया हैं। आपरेटर अब बढा हुआ मालभाडा 13 रुपए से कुछ ज्यादा प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से लेने पर अड गए हैं।
इस दौरान अदाणी प्रबंधन ने आपरेटरों से मालभाडे को तय करने के फार्मूले को समझने का प्रस्ताव रखा । वार्ता फेल होने के बाद आपरेटरों की ओर से दो प्रतिनिधियों को 2010 में तय मालभाडे के फार्मूले को समझाने के लिए अदाणी प्रबंधन के पास भेजा गया । मालभाडे के फार्मूले को लेकर दोनों पक्षों में शाम तक बातचीत चली रही और दोनों ओर से अपने-अपनेे पक्ष को लेकर दलीलेंं दी जाती रही हैं। हालांकि यह काम तो कारखानों को बंद करने के फैसले से पहले लिया जाना चाहिए थे।
दाडला में काम कर रही बाघल लैंड लूसर्ज यूनियन के पूर्व प्रधान राम किशन शर्मा ने कहा कि लगता है कि अदाणी समूह को अंबुजा प्रबंधन से मालभाडा किस फार्मूला के तहत तय हुआ था यह समझ ही नहीं आया हैं। वह हिमाचल में मालभाडा पंजाब, राजस्थान व बाकी मैदानी राज्यों की तर्ज पर अदा करना चाहते हैं। उन्हें यह गलत फहमी है कि हिमाचल के ट्रक जो मैदानी राज्यों में ज्यादा है वह जो मालभाडा यहां है व वही वहां भी वसूल करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब, राजस्थान व बाकी जगहों पर कि हमाचल के आपरेटर भी कमोबेश वही मालभाडा लेते है जो वहां के आपरेटर लेते हैं।
दाडला के आपरेटरों ने 19 फरवरी तक तमाम तरह की गतिविधियां बंद कर दी हैं। केवल कोर कमटी की बैठक रोजाना हुआ करेगी। बाकी 20 फरवरी को तो महापंचायत बुला ही रखी हैं।
उधर, बिलासपुर के बरमाणा में आपरेटरों ने आंदोलन का एलान कर दिया हैं। बरमाणा ट्रक आपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि कल बैठक दोबारा से बैठक बुला रखी हैं। इसके रैलियां निकालनी है या क्रमिक अनश शुरू करना है इस बावत फैसला लिया जाएगा।
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