शिमला।उम्मीदों के मुताबिक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी सुरेंद्र चौहान शिमला नगर निगम के महापौर बन गए हैं उनका नाम चुनावों से पहले से ही तय था। यहां तक कि वह महापौर बने इसके लिए आरक्षण रोस्टर को पहले से ही इस तरह से तैयार किया था कि छोटा शिमला वार्ड जहां से वह जीत कर आए हैं वह महिलाओं के लिए आरक्षित न हो।
हालांकि ग्रामीण व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के करीबी नरेंद्र ठाकुर उप महापौर पद का हासिल करने में नाकाम रहे हैं। उप महापौर के पद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस में जी 23 समूह के नेता आंनद शर्मा के करीबी परिवार की ऊमा कौशल की ताजपोशी हुई हैं।
महिलाओं के नाम पर हालीलाज कांग्रेस व प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी लाबिंग की थी कि निगम में ज्यादा महिलाएं जीत कर आई हैं इसलिए उप महापौर का पद महिला के लिए मिलना चाहिए। हालांकि ऊमा कौशल की हालीलाज कांग्रेस से कोई नजदीकियां नहीं रही हैं। यह परिवार आनंद शर्मा के करीब रहा हैं। इसके अलावा हालीलाज कांग्रेस के करीबी विधायक हरीश जनारथा के पक्ष में भी कौशल परिवार ने हमेशा समर्थन दिया हैं।
ऐसे में महापौर व उप महापौर के पद पर दोनों ही हालीलाज कांग्रेस के विरोधी गुट के पार्षदों ने कब्जा जमाया हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। कांग्रेस के जीतने पर अभी तक पूर्व वीरभद्र सिंह के करीबी ही महापौर वा उप महापौर के पद पर काबिज होते आए थे। लेकिन इस बार बाजी पलटी हैं। शिमला शहर में अब हालीलाज कांग्रेस के समर्थकों का दबदबा कम होने लगा हैं व इसकी नगर निगम चुनावों से यह शुरूआत भी हो गई हैं।
सुक्खू व हालीलाज कांग्रेस में अब तकरार के आसार
नगर निगम चुनावों में संपन हो जाने के बाद व इन चुनावों में मुख्यमंत्री सुक्खू का वरदहस्त रहने से अब हालीलाज कांग्रेस व सुक्खू कांग्रेस में तकरार बढ़ने के आसार हो गए हैं। समझा जा रहा है कि अब सुक्खू सरकार व संगठन में हालीलाज कांग्रेस के समर्थकों की जबह अपने समर्थकों काबिज करने का सिलसिला तेज कर देंगे। ऐसे में हालीलाज कांग्रेस के पास तकरार के अलावा और कोई चारा नहीं रहने वाला हैं। लेकिन देखना यह है किमुख्यमंत्री सुक्खू और उनके सिपहसलार किस तरह से दांव चलते हैं आगे अब और लोक सभा के ही चुनाव है और भाजपा बैकफुट में हैं।
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