शिमला।कई सालों से प्रदेश के दुर्गम व बाकी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से नियुक्त किए शिक्षकों ने प्रदेश की सुक्खू सरकार को 20 नवंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया हैं। इन शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी में 43 दिनों तक क्रमिक अनशन किया था। ये नियमितिकरण की मांग कर रहे थे।
इसके बाद सुक्खू सरकार ने इन्हें एलडीआर नीति के तहत कांट्रेक्ट के तहत लाने का फैसला किया था। इस बावत 12 मार्च2024 को संयुक्त सचिव शिक्षा सुनील वर्मा की ओर से एक चिटठी उच्च शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को लिखी गई थी जिसमें इन शिक्षकों को लिमिटेड डायरेक्ट रिक्रुटमेंट यानी एलडीआर कोटा के तहत लाने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए भर्ती नियमों में संशोधन करने के लिए भी निर्देश दिए गए थे।
मार्च 2024 से लेकर अभी तक इइन शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में कुछ भी आगे नहीं सरका हैं। सरकार ने शिक्षा बोर्ड बोर्ड धर्मशाला को इनकी योग्यता को परखने का जिम्मा सौंपा हैं।
सरकार की इस तरह कर कारगुजारियों से ये शिक्षक अब आहत हो गए हैं। एसएमसी अध्यापक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने आज सुक्खू सरकार को चेताते हुए कहा कि इन शिक्षकों के नियमिति करण और एलडीआर कोटा के तहत कोई अधिसूचना 20 नवंबर तक नहीं होती है तो एसएमसी अध्यापक संघ कक्षाओं को बहिष्कार कर संड़कों पर उतरने से गूरेज नहीं करेगा। ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार की ओर से उनके मामले को लगातार टाला जा रहा है।जबकि प्रदेश के दर्गम इलाकों में शिक्षकों के हजारों पद खाली है।
उन्होंने दावा किया कि एसएमसी शिक्षक सुक्खू सरकार को हर तरह से सहयोग कर रहे है। लेकिन सरकार ने 2023 का साल मंत्रिमंडल की उप समिति की बैठकों के फेर में निकाल दिया। अब 2024 का साल एलडीआर परीक्षा के नियमों में संशोधन करवाने में पूरा हो गया है। जबकि 2025 का साल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के जरिए परीक्षा का इंतजाम कराने में निकालने का अंदेशा लग रहा हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की सरकार जल्द अधिसूचना जारी करे और इसी साल दिसंबर में एलडीआर परीक्षा करवा के जनवरी 2025 में नियमित नियुक्ति एसएमसी शिक्षकों को दें।अन्यथा शिक्षक अब कक्षाओं का बहिष्कार करने पर मजबूर हो जाएंगे।
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