शिमला। दो फरवरी को जिला सोलन के बददी पुलिस थाने के तहत झाड़माजरी में ईत्र बनाने के कारखाने एन आर अरोमा कंपनी में लगी आग की जांच के लिए एसएफएल (फारेंसिक लैब) जुन्गा से गई टीम क्यों बैरंग लौट आई थी, इसका जवाब नहीं मिल रहा हैं। यहां के तमाम जांच व नमूने फारेंसिक केंद्रीय फारेसिंक लैब चंडीगढ़ की टीम ने लिए व बाकी कार्यवाही भी उसी ने की हैं।
यह अपने आप में हैरान करने वाला वाक्या है कि जब एशिया की बेस्ट फारेंसिक लैब में से एक का तमगा लिए जुन्गा की फारेंसिक लैब प्रदेश में कार्यरत है तो चंडीगढ़ से टीम क्यों बुलाई गई। समझा जा रहा है कि सुक्खू सरकार की मशीनरी में अंदरखाते बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा हैं।
राजधानी में हिमाचल रसोई में रसोई गैस लीक मामले में जब से प्रदेश के पुलिस प्रमुख पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट में यह दावा किया कि यहां पर आइइडी और आरडीएक्स था उसके बाद से जुन्गा फारेंसिक लैब को लेकर यह दूसरी बड़ी घटना हैं। हालांकि फारेंसिक जुन्गा की टीम को क्यों बैरंग लौटना पड़ा इस बावत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व गृह सचिव को जाहिर तौर पर जानकारी होंगी । चूंकि ये बेहद गंभीर व संवेदनशील मामला है ऐसे में मुख्यमंत्री सुक्खू को इस मामले में पर जरूर गौर फरमाना चाहिए।
यह भी अभी रहस्य बना हुआ है कि केंद्रीय फारेंसिक लैब चंडीगढ़ की टीम को किसके निर्देशों पर मौका- ए- वारदात पर बुलाया गया । क्या मुख्यमंत्री सुक्खू जिनके पास गृह महकमा भी है कि जानकारी में यह सब वाक्या है भी या उनकी जानकारी के बगैर ही चंडीगढ़ से टीम बुला ली गई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस दिन भीषण आगजनी की ये घटना घटी थी उस दिन जुन्गा से फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची थी। लेकिन पता चला कि चंडीगढ़ फारेंसिक लैब की टीम को यहां के लिए बुला लिया गया और जुन्गा की टीम को चंडीगढ़ की टीम को सहयोग देने के लिए कहा गया था। इसके बाद जुन्गा की टीम लौटआई थी।
बददी की एसपी इल्मा अफरोज से जब एसएफएल जुन्गा की टीम के लौट जाने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने एसआइटी का गठन कर रखा। इस बावत एसआइटी प्रमुख ही कुछ बता सकते हैं।
एसआइटी प्रमुख व बददी के एएसपी अशोक वर्मा ने कहा कि केंद्रीय फारेंसिक लैब चंडीगढ़की टीम ने तमाम जांच की हैं। जुन्गा फारेंसिक लैब की टीम को क्या बैरंग लौटना पड़ा इस बावत एएसपी वर्मा ने कहा कि इस बावत वह फोन पर क्या बता सकते हैं। इसके अलावा अब विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है ऐसे में वह ज्यादा कुछ नहीं बता सकते।
साफ है कि इस बावत तमाम अधिकारी ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं।
गौर हो कि शिमला में 18 जुलाई 2023 को रसोई गैस लीकेज मामले में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में यह दावा करना कि यहां पर आरडीएक्स था,तब से एसएफएल जुन्गा को लेकर अलग तरह का मत पुलिस के एक खेमे की ओर से आगे बढ़ाया जा रहा हैं।
डीजीपी कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट में यह दावा एनएसजी व एनआइए की टीमों की ओर से हिमाचल रसोई से लिए नमूनों के दूसरी एसएफएल लैब्स में कराए जांच की रपट के आधार पर किया हैं। लेकिन इन रपटों को सार्वजनिक नहीं किया गया हैं। ये भी सार्वजनिक नहीं किया गया है कि क्या वो प्रयोगशालाएं जुन्गा की एसएफएल लैब से ज्यादा उन्नत हैं ।
झाड़माजरी अग्निकांड से फारेंसिक लैब जुन्गा को अलग रखना अपने आप में कई सवाल खड़े कर गया है व जिसके जवाब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिनके पास गृह विभाग भी है से अपेक्षित हैं।
बड़ा सवाल यह भी है कि कहीं सरकारी मशीनरी में अंदरूनी तौर पर कोई बड़ा घमासान तो नहीं मचा हैं। ऐसे बड़े घमासान ही कई बार तख्ता पलट का कारण भी बन जाते हैं। संभवत: अब सुक्खू विधानसभा सत्र के दौरान ही ये राज खोल पाएंगे कि झाड़माजरी में चंडीगढ़ से फारेंसिक टीम को क्यों बुलाया गया । ये राज जाहिर तौर पर खुलना ही चाहिए।
याद रहे इस भीषण अग्निकांड में अभी भी तीन लोगों के शव बरामद नहीं हुए हैं। दर्जनों महिलाओं ने कूद कर अपनी जान बचाई थी। तीस से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हादसे की दहशत अभी भी लोगों के जेहन में हैं।
मामले की जांच के लिए पुलिस ने एसआइटी का गठन भी कर रखा हैं ।
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