शिमला। प्रदेश में पहली से दसवीं कक्षा के छात्रों को पिछले दो सालों में बांटी गई करोड़ों रुपयों की घटिया वर्दी के मसले पर विधानसभा में खूब सवाल जवाब हुए। पिछले दो सालों में स्कूली बच्चों के लिए वर्दी सप्लाई करने वाले सप्लायर ने इतनी घटिया वर्दी सप्लाई की कि सरकार ने उस पर एक बार 4 करोड़ 56 लाख रुपए और एक बार तीन करोड़ 88 लाख रुपए की पैनाल्टी ठोक दी।ये खुलासा सदन में किसी और ने नहीं खुद सिविल सप्लाई मंत्री जी एस बाली ने किया ।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक ईश्वर दास धीमान की ओर से पूछ गए सवालों व बाकी विधायकों के पूरक सवालों के जवाब में ये खुलासा हुआ। भाजपा विधायक धीमान ने सवाल किया कि वर्दी में पॉलिस्टर और कॉटन का क्या अनुपात था।वर्दी का वितरण करने से पहले सेंपल क्यों नहीं लिए गए। सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि 193 सैंपल लिए गए।जिनमें से 27 फेल पाए गए।उन्होंने कहा कि सप्लायर को तीन करोड़ 88 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।
भाजपा विधायक धीमान ने फिर सवाल उठाया कि प्रक्रिया किसने बदली और जिम्मेदार कौन है। इस पर सीएम ने कहा कि विधायक के सुझावों का ध्यान रखा जाएगा। इस बीच भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर ने पूरक सवाल करते से सीएम से जानना चाहा कि क्या वो इस मामले में अगर इसमें अधिकारी या मंत्री शामिल है तो क्या उनके खिलाफ जांच की जाएगी। इस पर सिविल सप्लाई मंत्री जीएस बाली बोले कि ये शॉकिंग है कि विधायक हर बात को सकैंडलाइज करने का प्रयास करते हैबाली ने कहा कि इस खरीद के लिए वही कमेटी है जो बीजेपी के समय थी।इस प्रक्रिया में फाइल तो मंत्री के पास आती ही नहीं। शिक्षा विभाग और सिविल सप्लाइ निगम के अफसर कमेटी में होते है।सेंपल फेल पाए गए और सप्लायर्स को तीन करोड़ 88 लाा रुपए का जुर्माना लगाया।
बाली को घेरते हुए नेता प्रतिपक्ष धूमल ने पूरक सवाल कि किया क्या इस मामले की जांच की जाएगी और जिन बच्चों को घटिया वर्दी मिली है उन्हें क्या कंपंनसेट किया जाएगा।जो जुर्माना लगाया गया है वो सरकार के खजाने में आएगा।बच्चों को क्या मिलेगा। इस पर बाली ने कहा कि अगर कोई बच्चा नई वर्दी के लिए दावा करेगा तो उसे नई वर्दी दी जाएगी।
धूमल ने फिर सवाल उठाया कि ये जिम्मेदारी तो सरकार की बनती है कि वो शिक्षा विभाग को बोले कि हर स्कूल से रिपोर्ट मंगाएं । बाली ने कहा कि वो मानते है की कमी रही हे। यह पहली बार नहीं हुआ है। ये सप्लायर्स बीजेपी के समय का है।वो कमेटी के परचेज कमेटी के अध्यक्ष को निर्देश देंगे कि अगर सप्लायर्स आदतन डिफाल्टर पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए।
धूमल ने फिर सवाल किया कि अगर ये आदतन डिफाल्टर है तो उसे फिर आर्डर क्यों दिया । धूमल ने कहा कि इसकी जांच कराई जाए। इस पर बाली बोले बीजेपी सरकार में इस पर 12 से 16 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई थी।इसके बाद 4 करोड़ 56 लाख की पेनाल्टी लगाई गई।
आखिर में विपक्ष के दबाव के आगे झुकते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली ने सदन को भरोसा दिलाया की वो इस मामले की जांच कराकर रिपोर्ट इसी सेशन में सदन में रखेंगे । सारी जांच कराई जाएगी।
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