शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू को एक बर फिर से राहत देते हुए हाईकोर्ट के उस आदेश को रदद कर दिसा है जिसमें हाईकोर्ट ने कुंडू को डीजीपी के पद से हटाने के आदेश दिए थे। रिकॉल याचिका खारिज होने के बाद कुंडू ने बीते रोज दोबारा से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
आज मामले की सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने प्रदेश हाईकोर्ट के कुंडू को पद से हटाने के आदेश को रदद कर दिया। मुख न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले के यहां आने के बाद जब दोबारा मामला हिमाचल हाईकोर्ट गया तो हाईकोर्ट ने नए सिरे से दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया। कायदे से हाईकोर्ट को कुंडू की रिकाल याचिका को मंजूर करना चाहिए था। लेकिन हाईकोर्ट ने ऐसा नहीं किया। हाईकोर्ट एसपी शिमला की पुरानी स्टेटस रपटों पर ही निभर्र रहा ।
सीजेआइ ने कहा कि वह इस आदेश को रदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने जो एसआइटी गठित करने को कहा सुप्रीम कोर्ट उसमें दखल नहीं देता हैं। सीजेआइ ने कहा कि हम कुंडू को निर्देश देते है कि वह बतौर डीजीपी एसआइटी की जांच पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सुक्खू सरकार को निर्देश दिए कि वह निशांत मामले व जुडी एफआइआर में जांच के लिए एसआइटी गठित करे और जांच अधिकारी कुंडू से नहीं मिलेंगे ।
सुप्रीम कोर्ट ने निशांत शर्मा की सुरक्षा देने का हाईकोर्ट का आदेश बहाल रखा।
कुंडू कीओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पैरवी की व कहा कि हाईकोर्ट के पास डीजीपी कुंडू को हटाने का क्षेत्राधिकार ही नहीं हैं। अखिल भारतीय पुलिस व प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस तरह नहीं हटाया जा सकता।
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