शिमला।प्रदेश में नियुक्तियों में धांधलियां कांग्रेस के राज में फिर से बड़े पैमाने में शुरू हो गयी है । भारतीय जनता पार्टी के पास इस विषय में पुख्ता सबूत सिफारशी पत्र , ऑडियो वार्तालाप प्राप्त हुए हैं जिसे तुरंत जांच के लिए चार्जशीट कमेटी को सौंप दिया जायेगा । हिमाचल में जब भी कांग्रेस आती है फिर चिटों पर भर्तियां होने लग पड़ती हैं। ये आरोप प्रदेश कांग्रेस सरकार पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ताओं विक्रम ठाकुर, महेंद्र धर्माणी , हिमांशु मिश्रा ने साझे बयान में लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी व अर्द्ध सरकारी नौकरियों के चयन में धांधलियों की उन्हें जानकारी मिल रही है। ये रौंगटे खड़े कर देने वाली है। निष्पक्ष जांच होने पर प्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला सामने आएगा।
बीजेपी ने चुनावों के पहले भर्ती घोटाले के नाम पर सनसनी फैलाने की कोशिश की है लेकिन 1998 से 2003 तक के धूमल के शासन काल में जिस चिटोंं पर भर्ती मामले में जांच हुई थी उसमें धूमल सरकार ने कुछ नहीं किया। जांच की और सब कुछ रोक दिया। सवाल इसी को लेकर है कि भाजपा चुनावोंं की खातिर भर्ती घोटाले का नाम तो उछाल रही है लेकिन क्या जांच करेगी। ये बड़ा सवाल है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि शिक्षा, परिवहन निगम , वन विभाग, बैंक व अन्य विभागों में भर्तियों में अनियमिततों की सूचनाएं तो मिल ही रही थीं, परन्तु अब पर्यटन विभाग में भी अपने परिचित लोगों को बिना किसी प्रक्रिया के रखा जा रहा है। हद तो यह है कि कांग्रेसी मंत्रियों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सिफारिशी पत्रों में नौकरियों के साथ-साथ टूरिज्म के होटलों के नाम भी अंकित है।
शुरूआती दौर में यूटिलिटि वर्कर्स के नाम पर रखे जा रहे इन लोगों को सरकार बदलने से पूर्व पक्का करने के लिए नीति बनाने की तैयारी में भी है। जो अपने आप में एक बड़ा घोटाला हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पात्र व्यक्तियों को दर किनार कर अपात्रों को कांग्रेस पहले भी इस तरह के घपले कर नौकरियां देती रही है। भाजपा सरकार बनने पर इन सब घोटालों की निष्पक्ष जांच होगी और दोषी अधिकारियों और नेताओं को क़ानून के अनुसार किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।
पूरे प्रदेश में कांग्रेस द्वारा लगतार हो रही भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर नौजवानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है । प्रदेश में हर घर से एक नौजवान को रोजगार का झांसा देकर सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है, प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में बढ़ते बेरोजगारों की संख्या यह दर्शा रही है की सरकार के पास युवाओं के लिए कोई रोजगार नीति नहीं है।
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