शिमला। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल खेमे में बंटी जिला शिमला भाजपा को गुटबाजी से बाहर निकालते हुए पार्टी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से निकले नेता रवि मेहता को जिला शिमला का अध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा के करीबी मेहता की ताजपोशी को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की पीठ लगाना भी कहा जा रहा है।
बीते रोज भाजपा के महासू जिला के अध्यक्ष पद पर भी नरेंद्र बरागटा व पवन राणा के करीबी अजय श्याम की ताजपोशी की थी। हालांकि दिन भर मौजूदा जिला अध्यक्ष व कारोबारी संजय सूद को दोबारा जिला अध्यक्ष नियुक्त करने की अटकले चलती रही थी। संजय सूद की शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से ज्यादा नहीं निभ रही थी। लेकिन पार्टी ने सुरेश भारद्वाज के चहेतों को भी जिला अध्यक्ष नहीं बनाया। जिला अध्यक्ष के पद के लिए दस नाम सामने आए थे। इनमें से छंटनी कर पांच के नामों पर विचार किया गया ।
इनमें से प्रमोद ठाकुर, राजेंद्र चौहान और विजय परमार शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के करीबी थे। जबकि संजय सूद को पूर्व मुख्यमंत्री धूमल खेमे से माना जाता था। पार्टी ने इन तमाम चेहरों के नामों को दरकिनार कर पवन राणा के करीबी के नाम पर मुहर लगाई।
रवि मेहता कैलाश फेडरेशन के उपाध्यक्ष भी है। इसके अलावा वह शिमला संसदीय हलके के मीडिया प्रभारी भी है। ऐसे में उन्हें जिला अध्यक्ष बनाने के कई मायने लगाए जा रहे है।
रवि मेहता विधानसभा चुनावों में शिमला ग्रामीण से टिकट के दावेदार थे। लेकिन भाजपा ने उल्टफेर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी रहे प्रमोद शर्मा को भाजपा में शामिल कराकर उन्हें टिकट दिया था। प्रमोद शर्मा विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य से चुनाव हार गए थे। मेहता का जिला अध्यक्ष बनना उनके लिए भी खतरे की घंटी है। अगर पवन राणा का पार्टी व सरकार में दबदबा कायम रहा तो मेहता को 2022 में शिमला ग्रामीण से टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
कहा जा रहा है कि पवन राणा 2022 के बाद सरकार में आने की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं। ऐसे में वह संगठन में हर जगह अपने लोगों को फिट करने की रणनीति पर काम कर रहे है। वह अपने हलके ज्वाला जी में भाजपा विधायक रमेश ध्वाला से लगातर जूझ रहे है। लेकिन ध्वाला उनको लगातर पटकनी देते आ रहे है।
महासू व शिमला जिला में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के करीबियों को दरकिनार करना पार्टी में उनके कद को कम करने की मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है। धूमल खेमा जिनमें विधानसभा के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा भी शामिल है,भारद्वाज का कद कम करने की जुगत में लगे हुए है। संगठन के चुनावों के दौरान रोहड़ू मंडल में तो उनके रिश्तेदारों को पार्टी की सदस्यता से बाहर तक कर दिया है और वह कुछ नहीं कर पाए है।
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