धर्मशाला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पौंग बांध विस्थापितों को आज तक न बसाने का पर सारा ठीकरा राजस्थान सरकार पर फोड़ दिया है। उन्होंने कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां में एक विशाल जनसभा में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के बावजूद राजस्थान सरकार इस मामले के समाधान के प्रति गम्भीर नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय में यह स्पष्ट था कि विस्थापितों को उनकी जमीन की तरह सिंचाई योग्य भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी और यह जिम्मेवारी राजस्थान सरकार की होगी तथा उन्हें आबंटित भूमि का मालिकाना हक भी दिया जाएगा। लेकिन, राजस्थान सरकार उन्हें भूमि देने और उन्हें आवंटित भूमि पर हुए अतिक्रमण हटाने में असमर्थता जता रही है। इन लोगों को राजस्थान में ऐसी जगह बसाया गया है, जो रहने योग्य नहीं है और मात्र रेगीस्थान है। इस मामले के समाधान के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की 17 बैठकों का परिणाम भी शून्य रहा, जो राजस्थान अधिकारियों की नकारात्मकता को दर्शाती है। हालांकि, सरकार इस मामले को पुनः राजस्थान सरकार के साथ उठाएगी।इस मौके पर उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार और धूमल के बीच मतभेदों की खाई चौड़ी करने की राजनीति को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति उनके लिए जन सेवा का माध्यम है, न कि धन उपार्जन का। उन्होंने कहा कि प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रदेश में स्वस्थ राजनीति की परम्परा क्षीण हुई है। धूमल ने हमेशा प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में कीचड़ उछालने की राजनीति की और झूठे केस बनाने के नए युग का सूत्रपात किया। इसके विपरीत शांता कुमार कहीं बेहतर और सुलझे हुए राजनेता हैं।इस तरह उन्होंने धूमल और शांता को राजनीति की बिसात पर मोहरे की तरह इस्तेमाल करने का अपना प्रयास नहीं छोड़ा।
वीरभद्र सिंह ने माध्यमिक पाठशाला पद्दर को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला बनाने, प्राथमिक पाठशाला दुराणा को माध्यमिक पाठशाला के तौर पर स्तरोन्नत करने, सिरमणी खास माध्यमिक पाठशाला को उच्च पाठशाला तथा उच्च पाठशाला बाही-पथियार को स्तरोन्नत कर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बनाने की घोषणाएं की। उन्होंने माध्यमिक पाठशाला बागा को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला, प्राथमिक पाठशाला जरोट व थेरू को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला, माध्यमिक पाठशाला कथोली व कटोरा को उच्च पाठशालाओं के तौर पर स्तरोन्नत करने की घोषणाएं की। उन्होंने थेरू के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने पद्दर, सरांदी व दोलबा गांवों के लोगों की सुविधा के लिए एक आयुर्वेदिक औषधालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने कोटला से गुड़गांव के बस रूट को पुनः बहाल करने के मामले को संबंधित विभाग से उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने सियुनी से चननी सड़क को पक्का करने की घोषणा भी की।
श्री वीरभद्र सिंह ने ज्वाली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भाली में कलरी गांव को जोड़ने वाले बरल खड्ड पर 80 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पैदल पथ पुल की आधारशिला रखी। उन्होंने पदर से झियोल सड़क का भूमि पूजन किया। 4.32 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क से क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों के नाणा, बासा, बन्दरेडू, घेली, धेवा और दुराणा गांवों की लगभग 2500 जनसंख्या लाभान्वित होगी। यह सड़क क्षेत्र को चैत्री के समीप पठानकोट-मण्डी राष्ट्रीय राजमार्ग से भी जोड़ेगी। उन्होंने 22 करोड़ रुपये की संभावित लागत से नगरोटा सूरियां के बंदूगली में बनने वाले राजकीय महाविद्यालय परिसर तथा 1.91 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले वन्य जीव सूचना केन्द्र की आधारशिलाएं रखीं। उन्होंने नगरोटा सूरियां में 56.48 करोड़ रुपये की लागत से गज खड्ड पर बनने वाले पुल की आधारशिला रखी। यह पुल नगरोटा सूरियां को जरोट से जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त, पुल के बनने से ज्वाली की दूरी 13 से 14 किलोमीटर तक कम होगी। उन्होंने नगरोटा सूरियां में 25 लाख रुपये की लागत से बनने वाले उप-तहसील भवन आधारशिला भी रखी। मुख्यमंत्री ने नगरोटा सूरियां में पर्यटन विभाग के 1.26 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले कैम्पिंग साईट का शिलान्यास भी किया। उन्होंने ज्वाली क्षेत्र में 7.31 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की 15 टयूबवैल स्थापित करने की योजना का शिलान्यास भी किया।
अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष चंद्र कुमार ने 29 जनवरी को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा शिमला स्थित भाजपा मुख्यालय में भू-अधिग्रहण अध्यायदेश के विरोध में शांतिपूवर्क प्रदर्शन कर रहे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हुए हमला की निंदा की और कहा कि भाजपा असली मुददों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी राजनीति कर रही है।
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, विधायक अजय महाजन और संजय रतन, हिमाचल प्रदेश वन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र मनकोटिया व अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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