शिमला । प्रदेश भर में अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए 1998 से 2003 के धूमल सरकार के कार्याकाल में उनके राजस्व मंत्री व मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी की हिमाचल ईकाई के सर्वेसर्वा राजन सुशांत की नीति को चुनौती देनी वाली याचिका की सुनवाई दिलचस्प स्थिति में पहुंच गई है।
बेशक एक तरफ प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में हुए अवैध कब्जों को को हटाने का आदेश दिया है लेकिन राजन सुशांत की अवैध कब्जों को नियमित करने की नीति पर कभी स्टे नहीं लगा। 19 अगस्त 2002 को पूनम गुप्ता नामक याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के तत्कालीन जस्टिस कुलदीप सूद व जस्टिस कमलेश शर्मा ने आदेश दे रखा है कि सरकार सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को नियमित करने की प्रक्रिया को जारी रख सकती है लेकिन अगले आदेश तक किसी को जमीन का पटटा नहीं देगी।
ये याचिका मौजूदा समय में त्रिपूरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता की पत्नी पूनम गुप्ता ने दायर की थी और याचिकाकर्ता की ओर से तब वकील रहे व मौजूदा समय में प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा उनकी ओर से बतौर वकील पेश हुए थे। जबकि सरकार की ओर से तत्कालीन एडवोकेट जनरल व मौजूदा समय में हाईकोर्ट के जस्टिस संजय करोल पेश हुए थे।
इसके बाद मामले की सुनवाई होती रही ।उधर, हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस मामले की सुनवाई 25जून 2015 को मुख्य न्यायाधीश अहमद मंसूर मीर और जस्टिस धर्म चंद चौधरी की खंड पीठ में लगी। इस सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने रजिस्टरी कोआदेश दिया कि अगली सुनवाई को इस मामले को ऐसी खंडपीठ के सामने लगाया जाए जिसमें जस्टिस त्रिलोक चौहान व जस्टिस धर्मचंद चौधरी न हो ।
यहां पढ़े 25 जून 2015 का आर्डर
High Court of H.P.
CWP No. 1028 of 2002
a/w CWP No. 9809 of 2011
25.06.2015 Present:
CWP No. 1028 of 2002
Mr. Ajay Mohan Goel & Mr. Surender Sharma,
Advocates, for the petitioners.
Mr. Shrawan Dogra, Advocate General, with Mr.
Romesh Verma & Mr. V.S. Chauhan, Additional
Advocate Generals, and Mr. J.K. Verma & Mr. Vikram
Thakur, Deputy Advocate Generals, for respondents
No. 1 and 2.
Mr. Ashok Sharma, Assistant Solicitor General of India,
for respondent No. 3.
CWP No. 9809 of 2011
Mr. Mukul Sood, Advocate, vice Mr. Vijay Chaudhary,
Advocate, for the petitioner.
Mr. Shrawan Dogra, Advocate General, with Mr. Romesh Verma & Mr. V.S. Chauhan, Additional Advocate Generals, and Mr. J.K. Verma & Mr. Vikram Thakur, Deputy Advocate Generals, for the respondents.
Respondents have already filed the replies in CWP No. 1028 of 2002. Learned counsel for the petitioners sought two
weeks’ time to file rejoinder.
At this stage, learned Advocate General also sought time to file supplementary affidavit in view of the subsequent developments. Granted.
List before a Bench of which Justice Dharam Chand Chaudhary, J., and Justice Tarlok Singh Chauhan, J., are not the members, on 24th
August, 2015.
(Mansoor Ahmad Mir)
Chief Justice
(Dharam Chand Chaudhary)
Judge
June 25, 2015
इससे पहले येमामला 2 जुलाई 2013 को लगा जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अजय मोहन गोयल के अलावा तब वकील व मौजूदा सूमय मेंहाईकोर्ट के जस्टिस त्रिलोक चौहान ने पैरवी की
ये है 2जुलाई 2013 को हो सुनवाई का आर्डर
High Court of H.P. CWP No. 1028 of 2002 with CWP No.9809 of 2011. 2.7.2013.Present: Mr.Ajay Mohan Goel & Mr.Tarlok Chauhan, Advocates, for the petitioners, in respective petitions. Mr.Shrawan Dogra, Advocate General, with Ms. Parul Negi, Dy.A.G., for respondents No.1 and 2. By way of indulgence, we defer the hearing of these petitions at the request of the learned Advocate General. To be called out not before 5th August, 2013.
(A.M. Khanwilkar), Chief Justice. July 2, 2013. (Kuldip Singh), *tilak* Judge
हाईकोर्ट की वेबसाइट पर इस मामले को लेकर दिए स्टेटस के मुताबिक इस मामले को अब जस्टिस संजय करोल, जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस त्रिलोक चौहान व जस्टिस धर्मचंद चौधरी जिस खंडपीठ में होंगे उसमें नहीं लगाया जा सकेगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 24अगस्त 2015 को होनी है व ये मामला मुख्य न्यायाधीश अहमद मंसूर मीर के साथ जस्टिस पीएस राणा या जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ में लग सकता है।
मामला इस लिए दिलचस्प हो गया है कि अपनी राजनीति जमीन को बचाने के लिए इस मामले पर माकपा ,भाजपा ,कांग्रेस,हिलोपा व आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट के आदेश पर काटे जा रहे सेब के पेड़ों व अवैध कब्जो को हटाने के खिलाफ लामबंद हो गए है। आज माकपा ने इस मामले पर श्वेतपत्र लाने व हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की मांग की है। साथ ही 2 सितंबर से देहात बंद का एलान भी किया है।
माकपा समेत सभी पार्टियां ये कह रही है कि वीरभद्र सिंह सरकार ने इस मामले में प्रदेश की जनता सेधोखा कियाहै। लेकिन इस याचिका पर कोई गौर नहीं कर रहा है।
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