शिमला। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी ने सोलन में हुए पेपर लीक के सरगना का सुराग लगाया है और उसकी पहचान राजस्थान के सीकर जिला के संदीप टेलर के रूप की है। संदीप चितौड़गढ़ में आयकर विभाग में बतौर कर सहायक के तौर पर कार्यरत है।यह दावा प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने किया है।
कुंडू ने कहा कि इसने दो दलालों वीरेंद्र कुमार और देवराज के जरिए सोलन व अर्की क्षेत्र के सात अभ्यर्थियों से प्रत्येक से तीन तीन लाख रुपए वसूले । इन दोनों दलालों को पहले ही एसआइटी ने पहले ही गिर फतार कर लिया है। इन दलालों को संदीप ने पचास हजार रुपए और अभ्यर्थियों ने 80 से 90 फीसद तक का भुगतान आनलाइन किया जबकि बाकी भुगतान नकदी में किया गया ।
कुंडू ने कहा कि संदीप की पत्नी रिंकी पूर्वा सीकर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सांगलिया में टीजीटी (विज्ञान) के तौर पर सेवा दे रही है। जांच में सामने आया है कि कुछ पैसा रिंकी के खाते में गया है और एसआइटी ने उसे भी आरोपी बनाया है।
कुंडू ने कहा कि इस मामले में सोलन पुलिस ने अब तक 14 मोबाइल और तीन वाहन जब्त कर लिए है। उन्होंने कहा कि संदीप को गिर फतार करने के लिए सोलन पुलिस की एक टीम चितौड़गढ़ भेज दी गई है और प्रदेश पुलिस राजस्थान के पुलिस महानिदेशक चितौड़गढ़ और सीकर के एसपी से लगातार संपर्क में हैं ताकि वहां की पुलिस प्रदेश पुलिस की मदद कर सके। कुंडू ने कहा कि राजस्थान में पिछले सप्ताह हुए पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा का पर्चा भी लीक हो गया था।
संदीप के पास पर्चा कहां से पहुंचा नहीं बता रहे डीजीपी
पुलिस महानिदेशक संजय कुडू से जब यह जानना चाहा कि संदीप टेलर के पास पर्चा कहां से पहुंचा है तो उन्होंने कहा कि इस बावत जाचं चल रही है। यहां यह महत्वपूर्ण है कि इस परीक्षा का पर्चा पुलिस की ओर अब तक खोज निकाले गए दर्जनों सरगनाओं के पास कहां से पहुंचा है इसका खुलासा नहीं हुआ है। चूंकि परीक्षा पुलिस विभाग ने करवाई है और पर्चा विभाग के कब्जे में था।
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