शिमला।गांधी परिवार के खिलाफ बदजुबानी बर्दाश्त न करने वाले कांग्रेसी नेताओं में शुमार राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आंनद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आजाद भारत के अब तक रहे सभी प्रधानमंत्रियों व फौज को बेइज्जत करने का इल्जाम लगाया हैं।मोदी पर उन्होंने एक और बड़ा इल्जाम लगाया कि ये देश का दुर्भाग्य हैं कि प्रधानमंत्री को सच बोलने की आदत नहीं हैं।
राजधानी शिमला में संवाददाताओं से आनंद शर्मा ने कहा कि उन पर अहंकार इतना तारी हो गया हैं कि वो वाजेपेयी समेत आजाद भारत के अब तक के सारे प्रधानमंत्रियों को अपने से छोटा साबित करने में लगे हैं।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये कहना कि 70 सालों तक दुश्मनों से निपटने के लिए सेना को आजादी नहीं दी गई थी, बिलकुल गलतब्यानी हैं।पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरे विश्वयुद्धके बाद दुनिया का भरत एक मात्र ऐसा देश हैं जिसकी फौज ने 1971 की इतनी बड़ी जंग जीती थी। पाकिस्तान के करीब एक लाख फौजियों ने आत्मसपर्मण किया था । दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनिया का दूसरा कोई और देश ऐसा नहीं कर पाया था। ऐसे में ये कहना कि 70 साल से दुश्मनों से निपटने के लिए फौजको आजादी नहीं थी,तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल मेनक्शां से लेकर युद्धमें शामिल फौज का अपमान करना हैं।
यही नहीं कारगिल जंग तो भाजपा सरकार में वाजपेयी के शासनकाल में लड़ी गई थी। बेशक फौज ने कुर्बानियां दी लेकिन शानदार जीत भी हासिल की। पूरी दुनिया व देश इस हकीकत से वाकिफ हैं।
पूर्व जनरल दलबीर सुहाग व अन्य दो सेना अधिकारियों के कथनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सेना ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक किए थे। लेकिन रणनीतिक कारणों से उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना के ठिकानों में पांच बड़े हमले हुए हैं,पांच अफसर व 41 जवान मारे जा चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी को सलाह देते हुए आनंद शर्माने कहा कि सेना की कार्रवाई व सेना का राजनीतिकरण न करे। आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने फौज की कार्रवाई को चुनावों के लिए नहीं भुनाया। ये भारत संघ की फौज हैं मोदी व भाजपा की फौज नहीं हैं। वही कहें जो सच हैं,जनता के विवेक को चुनौती न दे।
उन्होंने नोटबंदी का मसला भी उठाया और सवाल उठाया कि 98 फीसद पैसा वापस बैंकों में आ गया हैं। प्रधानमंत्री देश को बताएं कि इसमें से कितना काला धन हैं।देश में साढे छह लाख गांव हैं,और 1.32 लाख सरकारी बैंक हैं। इनमें से 73 फीसदशहरों व कस्बों में हैं। केवल 27 फीसद गांवों में हैं।देश के एक गांव में भी एटीएम नहीं हैं।
आतंकवादियों के पास दो हजार के नोट मिल गए। नकली नोट पकड़े जा रही। जो नए नोट छापे गए उसके 90 फीसद फीचर कॉपी कर लिए गए हैं। ये फीचर कमजोर थे।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि काला धन रोकने ,जाली नोटों को खत्म करने ,आंतकियों की फंडिंग रोकने और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया गया हैं। लेकिन आरबीआई की इंटेलीजेंस रिपोर्ट में खुलासा हैं कि कुल 400 करोड़ के नोट जाली थे। उसके लिए साढ़े 15 लाख करोड़ रुपयों पर चोट कर दी।
उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के कारण जीडीपी गिरी हैं,गारमेंटस की 70 फीसद फैकटरियां बंद हो गई हैं,साइकिल का 50 फीसद बाजार टूटा हैं। साढ़े चार करोड़ के करीब नौकरियां गई हैं।जबकि उन्होंने सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था।34 3हीनेहो गए हैं अब तक पांच करोड़ मिल जानी चाहिए थी।
आनंद शर्मा ने हमला करते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री का इकबाल नहीं होता उस पर जनता भरोसा नहीं करती।
उन्होंने कहा कि निर्यात नीचे गिरा हैं।रुपया कई बार 68 रुपए के पार जा चुका हैं, जबकि सता में आने से पहले 45 पर लानेकी बातें करते थे।
उन्होंने कहा कि देश मे अजीबमाहौल बना दिया गया हैं। अगर सवाल पूछे जाए तो उसे निजी शत्रुता में बदल देते हैं।जो सवाल करते हैं वो देशद्रोही हो जाते,ये खतरनाक मुहिम हैं। प्रचार के दौरान कह रहे थे कि 11 मार्च को केसरिया होली मनाएंगे। ये नहीं कहते कि तिरंगा होली मनाएंगे।
भाजपा के नेताओं के पास नए नोटों में करोड़ों रुपया कहां से पहुंचा ,इसकी जांच होगी,उनकी शिनाख्त की जाएगी।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव के लिए भाजपा के पास तीन हजार करोड़ रुपए का बजट हैं। बाकीराज्यों में भी अपार संसाधन झोंक दिए हैं।
प्रधानमत्री गरिमा से गिर कर बात करते हैं समूचे विपक्ष को स्कैम कहते हैं।प्रधानमंत्री का शालीनता से कोई रिश्ता नहीं हैं,विनम्रता नहीं हैं।प्रधानमंत्री की नीयत विपक्ष को कलंकित व बेइज्जत व अब तक के सारे प्रधानमंत्रियों को अपने से छोटा साबित करने की हैं।उनकी अस्वस्थ मानसिकता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को कसाब से जोड़ा हैं ये उनकी ओछी हरकत को दर्शाता हैं। मोदी व अमित शाह पर हमला बोलते हुए शर्मा ने कहा कि इन दोनों ने राजनीतिक संवाद को नीचे गिरा दिया हैं व विपक्ष को गिरकर संवाद करना संभव नहीं हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दी कि वो अपनी पांच उपलब्यिों की सूची देश को बता दें।आनंद शर्मा ने कहा कि हम झूठ नहीं बोल सकते वो सच नहीं बोल सकते।
उन्होंने कहा कि किसानो पर भी जमकर हमले किए जा रहे हैं। चावल के निर्यात मे हम पहले नंबर पर थे गेंहू के निर्यात में हम दूसरे नंबर पर थे अब कहीं कोई नामोनिशान नहीं । गेंहू की आमद रोकने के लिए हमने 25 फीसद इंपोर्ट डयूटी लगाई थी। इन्होंनेआते ही इसे 15 फीसद कर दिया और अब दिसंबर में इसे जीरो पर ला दिया।बड़े घराने आस्ट्रेलिया,हंगरी से गेंहू का आयात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनके पास सबकी जन्मपत्री हैं तो 34 महीने तक पढ़ने से किसने रोका था।
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