शिमला। हिमाचल पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत को लेकर सुक्खू सरकार की पुलिस जांच पर अंगुली उठाते हुए विमल नेगी के परिवार ने इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
आज हाईकोर्ट में इस बावत याचिका दायर की दी गई है।याचिका में पुलिस जांच को लेकर कई सवाल खड़े किए गए हैं।
विमल नेगी की रहस्य मौत को लेकर शिमला पुलिस की ओर से जांच की जा रही है लेकिन परिवार की ओर से कहा जा रहा है कि पुलिस ने बजाय आरोपियों की जांच करने के नेगी के ही बैंक खाते खंगाल दिए हैं। इसके अलावा भी परिवार की ओर से कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
याद रहे विमल नेगी दस मार्च को लापता हो गए थे 19 मार्च को उनकी लाश तलाई के पास भाखड़ा बांध में मिली थी। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने इल्जाम लगाया था कि जब उनकी लाश को निकाला गया तो उस समय परिवार वालों को नहीं बुलाया गया। उन्हें दूसरे दिन एम्स में उन्हें बुलाया गया। इसके अलावा उनका एटीएम,आधार कार्ड और उनके मोबाइल का आज तक कोई पता नहीं चला हैं।
याद रहे इस मामले में पुलिस ने पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक प्रशासन शिवम प्रताप सिंह और निदेशक इलेक्ट्रिकल देशराज के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। देश राज ने इस मामले में हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी। लेकिन शिमला पुलिस ने देशराज को गिर फतार नहीं किया। देशराज बाद में सुप्रीम कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत लेकर आ गए।
विमल नेगी के परिवार को इसी बात का रोष है कि देशराज गाडियों में टुटू के बाजार में घूमता रहा लेकिन उसे गिरफतार नहीं किया। इसके अलावा हरिकेश मीणा और शिवम प्रताप सिंह को भी नहीं पकड़ा गया।
ये सब आरोपियों को बचाने के लिए किया जा रहा हैं।
ये दीगर है कि इस मामले में शिमला पुलिस ने हाईकोर्ट में स्टेटस रपट दायर की थी व पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार की ओर से इशारा किया था । लेकिन क्रप्शन की धाराओं के तहत कोई मामला दर्ज हुआ है या नहीं इस बावत कोई जानकारी बाहर नहीं आई हैं।
अब विमल नेगी का परिवार सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया हैं। अगर हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआइ जांच को हरी झंडी दे दी तो फिर सुक्खू सरकार इस मामले में संकट में घिर सकती है।
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