जेवर (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखी और केंद्र तथा उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर ‘‘स्वार्थ की राजनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए उन्हें राज्य के इस पश्चिमी हिस्से के विकास को नजरअंदाज करने का दोषी ठहराया।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी राष्ट्र भक्ति के आगे कुछ राजनीतिक दलों की स्वार्थ नीति कभी नहीं टिक सकती।
प्रधानमंत्री ने विमानतल की आधारशिला रखने के बाद वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका जीता-जागता उदाहरण जेवर विमानतल है।
नोएडा विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतलों वाला देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा।
करीब 1,330 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस विमानतल से सितंबर, 2024 तक उड़ानों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। इसके पहले चरण को 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है।Best camping trekking site in Dharamshala – HP
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक, परियोजना का पहला चरण पूरा होने के बाद इस विमानतल से सालाना 1.2 करोड़ यात्री हवाई यात्रा कर सकेंगे। विकास के सभी चारों चरण पूरे होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी।
यह देश का पहला निवल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) विमानतल भी होगा। इस विमानतल की एक और खासियत यह होगी कि इसकी परिकल्पना भारत में पहले एकीकृत ‘‘मल्टी मॉडल कार्गो’’ केंद्र के रूप में की गई है।
नोएडा में बन रहा यह विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के अन्य इलाकों के निवासियों को भी इससे फायदा होगा।
शुरुआत में इस विमानतल पर दो हवाईपट्टियां चालू होंगी। इसके विकास का अनुबंध ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय विमानतल हैं जबकि अयोध्या में विमानतल का निर्माण कार्य जारी है।
उत्तर प्रदेश में जेवर के अलावा सात अन्य विमानतलों का भी विकास किया जा रहा है, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। अलीगढ़, चित्रकूट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में भी विमानतल प्रस्तावित हैं।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे। विमानतल का शिलान्यास करने से पहले प्रधानमंत्री ने आदित्यनाथ और सिंधिया के साथ परियोजना के एक मॉडल का अवलोकन किया और इससे संबंधित एक लघु फिल्म भी देखी।
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