शिमला। हिमाचल विधानसभा में भर्तियों में हुई धांधलियों के इल्जामों के बीच विधानसभा सचिवालय ने साफ किया है कि इन भर्तियों में कोई धांधलियां नहीं हुई हैं। विधानसभा के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता हरदयाल भारदवाज ने दावा किया कि विधानसभा में हाल ही में मैरिट के आधार पर नियुक्तियां हुई हैं।
उन्होंने चेताया है कि यदि तथ्य जाने बिना कोई भी मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए से संवैधानिक पद पर आक्षेप लगाएगा तो वह संवैधानिक पद की मर्यादा और विशेषाधिकार हनन का उल्लंघन माना जाएगा।
भारदवाजा ने दावा किया कि हाल ही में विधानसभा में हुई नियुक्तियों में प्रदेश के सभी जिलों से अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई हैं।
चौहान ने कहा कि स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के जिला चंबा से 15,मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू के जिला हमीरपुर से सात और विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार के जिला सिरमौर से दो अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई हैं।
इसके अलावा जिला शिमला सिरमौर और मंडी से दो-दो,बिलासपुर,कांगड़ा ,लाहुल स्पिति और ऊना से एक-एक अभ्यर्थी का चयन किया गया है। इस सूची में जिला किन्नौर से किसी का चयन नहीं हुआ हैं।
हरदयाल भारदवाज ने दावा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा में भी राजभवन, उच्च न्यायालय तथा प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरह भर्तियाँ निजी सचिवालयों द्वारा ही की जाती हैं। भर्ती प्रक्रिया में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है । सभी भर्तियाँ उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्दिष्ट सभी वर्गो को आरक्षण अनुरूप पूर्व की भांति निर्धारित नियमों तथा मापदंडों के अनुसार की गई हैं।
उन्होंने कहा कि जब से विधान सभा अस्तित्व में आई है तब से लेकर नियुक्तियों में सभी जिलों के अभ्यर्थियों का पात्रता अनुरूप चयन किया गया है। इनमें शिमला से 37, सिरमौर से 11,बिलासपुर से 3,हमीरपुर से 7,कांगड़ा से 36,ऊना से 3,चम्बा से 5,मण्डी से 49,किन्नौर से 1,सोलन से 14,कुल्लू से1,उतराखण्ड से 2 और तथा चण्डीगढ़ से 1अभ्यर्थी को नियुक्ति दी गई हैं।
हरदयाल भरदवाज ने दावा किया कि विधान सभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक है और भर्तियों को लेकर विधान सभा अध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाना असंवैधानिक हैं।यदि तथ्य जाने बिना कोई भी मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए से संवैधानिक पद पर आक्षेप लगाएगा तो वह संवैधानिक पद की मर्यादा और विशेषाधिकार हनन का उल्लंघन माना जाएगा।
याद रहे कि बीते दिनों भाजपा प्रवक्ता व विधायक रणधीर शर्मा ने इल्जाम लगाए थे कि विधानसभा में लाडलों को नियुक्तियां दी गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्पीकर के हलकों से ज्यादा अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने का इल्जाम लगाया था।
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