शिमला।लोकसभा चुनावों के लिए आचर संहिता लगने के अंदेश के बीच पिछले 37 दिनों से राजधानी शिमला में आंदोलन कर रहे एसएमसी शिक्षकों का अब सब्र टूटने लगा हैं। सुक्खू सरकार की ओर से इनके मसले को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा हैं जबकि कैबिनेट की उप-समिति अपनी रपट भी सरकार को सौंप चुकी हैं।
कांग्रेस सरकार में इसी तरह की बातों को लेकर तो घमासान मचा है कि सरकार काम ही नहीं करती। बगावत पर उतरे विकमादित्य सिंह से लेकर अपनी विधायकी गंवा चुके छह पूर्व विधायकों की ओर से भी यही इल्जाम लगाए गए है कि सरकार काम ही नहीं करती।
सुक्खू सरकार भरोसा देकर कामों का लंबित करने की नीति पर चलकर सभी मंत्री, विधायकों क्या आम लोगों को भी नाराज करती जा रही हैं।
2200 के करीब इन एसएमसी शिक्षकों की स्थिति भी यही हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर इन्हें हर बार यही भरोसा देते है कि अगली कैबिनेट में एसएमसी शिक्षकों को लेकर नीति बना दी जाएगी या कोई फैसला ले लिया जाएगा। आज के लिए भी उन्होंने यही भरोसा दिया था लेकिन आज की कैबिनेट बैठक में भी कुछ नहीं हुआ।
आंदोलन रत ये शिक्षक आज भी रोहित ठाकुर से मिले तो रोहित ठाकुर ने इन्हें अब अगली कैबिेनट बैठक में इनके मसले पर फैसला ले लेने का भरोसा दिया हैं। अब अगली बैठक कब होती है इसका कुछ पता नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर सरकार के गिरने के कगार पर पहुंचने के बाद भी सबक नहीं पा रहे है कि मुख्यमंत्री व मंत्री के आश्वासनों का कुछ मतलब होता हैं। जो भी ये बोलते है उनकी गंभीरता व मायने होते हैं।
लेकिन सरकार का रवैया ही इस सरकार को संकट में डालने वाला हैं।
एसएमसी शिक्षकों का आंदोलन काफी लंबा खिंच गया हैं। 8 फरवरी से 19 फरवरी तक ये पेन डाउन हड़ताल में रहे और 19 फरवरी को भारी संख्या में सरकार से गुहार लगाने विधानसभा पहुंचे ।
एसएमएस शिक्षक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि 19 फरवरी शाम को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने एसएमसी अध्यपकों के समक्ष ये प्रसताव रखा कि वो पेन डाउन को वापस ले तथा सहयोग करें व अगली कैबिनेट में नियमतीकरण नीति बावत फैसला ले लिया जाएगा।
ठाकुर ने कहा कि उसी समय एसएमसी शिक्षकों की ओर से वे धरना व कक्षाओं के बहिष्कार के फैसले को वापस ले लिया। व ड्यूटी पर भी चले गए।
उन्होंने कहा कि संघ ने उनो कहा था कि क्रमिक अनशन में तब तक बैठे रहेंगे जब तक नीति कैबिनेट से पारित न हो जाती। इस बावत रोहित ठाकुर भी राजी हो गए थे।
ठाकुर ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों को आज की कैबिनेट बैठक बहुत बड़ी आस थी कि इस दिन नियमितकरण बावत फैसला ले लिया जाएगा परंतु आज 37 दिन बाद फिर से शिक्षा मंत्री की ओर से फिर आश्वासन दिया गया कि अगली कैबिनेट में फेसला ले लिया जाएगा ।
इन शिक्षकों को अब डर सताने लगा है कि आने वाले समय में कभी भी आचार संहिता लग सकती है जिससे उनकी मांग आधर में लटक सकती हैं।
अब देखना है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सुक्खू सरकार कब अपने भरोसे पर खरा उतरती हैं।
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