शिमला। देश के सबसे अमीर कारोबारी अदाणी समूह और ट्रक आपरेटरेां के बीच हिमाचल प्रदेश के अब तक सबसे बडे औदयोगिक विवाद को लेकर चल रही वार्ता आज फेल हो गई । आज इन सीमेंट कारखों के बंद हुुए 62 दिन हो गए हैं। सरकार ने आज वार्ता के लिए अदाणी कंपनी के सीइओ को बुलाया था । लेकिन वहतय मालभाडे की आपरेटरों की मांग को मानने से मुकर गए और मालभाडे की अपनी नई दरें साढे आठ रुपए मल्टी एक्सल ट्रकों और दस रुपए दूसरे ट्रकों के अदा करने के प्रस्ताव पर आ गए। जबकि बीते रोज की वार्ता में अदाणी समूह की ओर से मल्टी एक्सल ट्रकों का मालभाडा नौ रुपए और ट्रकों का मालभाडा दस रुपए देने की सहमति जताई थी ।
अब आपरेटर आंदोलन की राह पर आ गए हैं। उन्होंने अदाणी को सीधी चुनौती दे दी है कि अदाणी की प्रदेश में एंट्री नहीं होने देंगे। अब आंदोलन की राह पकडी जाएगी।
दाडला ट्रक आपरेटरों की कोर कमेटी के सदस्य राम किशन शर्मा ने कहा कि पिछले 62 दिनों से सरकार ने उनका पूरा सहयोग दिया हैं। सरकार उनके साथ खडी रही है। लेकिन आज उम्मीद थी कि वार्ता के जरिए कोई हल हो जाएगा। लेकिन अदाणी समूह अपने प्रस्तावित मालभाडे पर अड गया हैं।
उन्होंने कहा कि अब तमाम हितधारकों को एकजुट कर आंददोलन की रणीति तय की जाएगी और अदाणी के जो ट्रक तय सीमा से ज्यादा लोड लेकर प्रदेश में घूम रहे है उसे सरकार से बंद करवाया जाएगा।
आपरेटरों ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश भी की गई कि वह लूट मचाते है जबकि असल तस्वीर कुछ और हैं। लोगों ने अपपनी जमीनेंं दी है। वह मुनाफा नहीं बल्कि यह उनका रोजगार हैं।
और सरकार से इस मसले का समाधान निकालने की मांग भी की।
आपरेटरों ने कहा कि बरमाणा में मालभाडा 11.41 पैसे प्रति टन प्रति किलोमीटर था लेकिन वह इस मालभाडे से नीचे उतर कर 10 रुपए 70 पैसे लेने को तैयार थे ताकि ये विवाद खत्म हो जाए लेकिन अब आपरेटर 2019 से जो मालभाडे में बढोतरी से वहां से आगे की वार्ताकरेगी। अब वार्ता का कोई मतलब नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सुबह 11 बजे आपरेटरों व अदाणी समूह के सीइओ को वार्ता के जिए बुलाया था। आपरेटरों के साथ अलग अलग दौर की वार्ताहुई। सीइओ को मुख्यमंत्री कार्यालय में बिठाया गया व उदयोग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान आपरेटरों से वात करते रहे। लेकिन समाधान नहीं निकला ।
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