शिमला।प्रदेश की सुक्खू सरकार के उदयोग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने अदाणी समूह के साथ दाडला व बरमाणा सीमेंट कारखानों ढुलाई के काम में लगे ट्रक आपरेटरों की वार्ता के फेल होने के बाद कहा कि सरकार तो केवल मध्यस्थ के तौर जिम्मेदारी निभा रही हैं। यह दो आपरेटरों व अदाणी समूह के बीच का विवाद है । उन्होंने आगे जोड दिया कि सरकार इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं।
उनकी इस टिप्पणी के बाद कई सवाल खडे हो गए हैं कि क्या सरकार केवल मध्यस्थ ही है या उसे कुछ भी है और उसे कुछ और भी करना था। यह दोनों सीमेंट कारखाने 14 दिसंबर 2022 को अचानक बंद कर दिए गए थे। इस तरह की तालाबंदी क्या कानूनन है । यह बडा सवाल हैं।
इन कारखानों के लिए जब जमीन अधिग्रहित की गई थी तो उसके तहत क्या-क्या प्रावधान किए गए थे ,क्या उन प्रावधानों को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं हैं। अब ये तमाम तरह के सवाल आने वाले दिनों में जनता के बीच जरूर उठेंगे। पिछले 62 से दिनों से सरकार ने वार्ता के अलावा क्या कदम उठाए हैं अब इस बावत भी सवाल उठेंगे।
सरकार ने इस गतिरोध के 50 वें दिन सोलन व बिलासपुर के जिला उपायुक्तों ने कई तरह की रपटें मांगी थी। उन पर आगे क्या कार्यवाही हुई इस बावत भी अभी तक सामने कुछ नहीं आया हैं।
बहरहाल, अब यह आंदोलन लंबा चलने वाला हैं।
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