शिमला। सोलन जिला की पोक्सो अदालत ने 12 साल की बच्ची की इज्जत से खिलवाड़ करने के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए 25 साल की बामशक्त सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश( फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) परविंदर सिंह अरोड़ा ने 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को दो साल की साधारण सजा जेल की सजा और भुगतनी होगी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर दोषी जुर्माना अदा करता है तो पचास फीसद बच्ची को मुआवजे के तौर पर अदा किया जाएगा।
यह मामला 2020 का है। जिला सोलन के महिला पुलिस था बददी में 17 जुलाई 2020 को बिहार के मुन्ना कुमार सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376,342 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुन्ना सिंह उस समय पीडि़त बच्ची के पडो़स में रहता था। बच्ची के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह व उनकी पत्नी डयूटी पर चले गए थे तो उनकी 12 साल की बच्ची खेलते-खेलते दोषी के कमरे में चली गई।दोषी मुन्ना ने उसे कमरे में बैठने को कहा व मौका देखेते ही उसके साथ गलत काम किया।
बच्ची की रोने की आवाज आने पर मकान मालिक के बेटे ने बच्ची के माता- पिता को अवगत कराया व उसके बाद इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई। पुलिस ने दोषी को गिरफतार किया और तमाम जांच कर दो महीने के भीतर ही आठ सिंतबर 2020 को अदालत में चालान पेश कर दिया।
अदालत में मामले की पैरवी करते हुए विशेष अभियोजक सुनील दत वासुदेवा ने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है व आरेपी को कउ़ी से कउ़ी सजा दी जानी चाहिए। इस पर अदालत ने आज आरोपी को दोषी करार देते हुए 25 साल की बामशक्त सजा सुना दी है।
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