शिमला। प्रदेश विधानसभा में में आज प्वाइंट आफ आर्डर के तहत एक ऐसा मसला उठ गया जिसकी आंच में न्यायिक अधिकारी, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तो आए ही साथ ही पत्रकारों पर भी नकेल कसने की मांग उठ गई।
फतेहपुर हलके से सता पक्ष कांग्रेस के विधायक भवानी सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल के बाद आज प्वाइंट आफ आर्डर के तहत सदन में मामला उठाया कि बीते रोज जब वह बालूगंज से अपनी गाड़ी में गुजर रहे थे तो न्यायिक अधिकारी ने उनकी गाड़ी रोकी व फलैग रॉड का पांच हजार रुपए का चालान कर दिया । उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी ने चालान किया कि उसकी अपनी गाड़ी में एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की तख्ती लगी थी। उन्होंने कहा कि क्या चालान केवल विधायकों के ही होंगे जबकि एसडीएम से लेकर मुख्य सचिव तक तमाम अधिकारी फलैग रॉड लगा रहे हैं। लाल बती की जगह फलैशर लगा कर घूमते हैं। इनका कोई चालान नहीं करता।
कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किन-किन अधिकारियों के वाहनों पर फलैग और रॉड लगी हुई हैं। केवल उन्हीं के वाहनों में यह लगाए जाने चाहिए जो इसके लिए अधिकृत हैं। इस मसले को उठाए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह इस मामले को अपने अधीन लेते है और इसका संज्ञान लेते है वह इस मामले में रूलिंग देंगे।लेकिन इससे पहले स्पीकर पठानिया कोई रूलिंग देते उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दखल देते हुए कहा कि यह मामला बहुत महत्वपूर्ण हैं व विधायकों को इस मसले पर बोलने दिया जाए।
इसके बाद पठानिया ने विधायकों को अपनी बात सदन में रखने की इजाजत दे दी तो विधायक अपने साथ घटे किस्से सदन में उठाने लगेा
भाजपा विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि यह करीब डेढ साल पहले की बात हैं। वह मंडी जा रहे थे। भाजपा की सरकार थी व पुलिस ने उनका छह हजार का चालान कर दिया। पुलिस को पूछने पर उन्हें बताया गया कि उनकी गाड़ी में मेडिकल किट नहीं हैं।उन्होंने कहा कि उन्होंने इस चालान को भरा।लाहुल स्पिति से कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सदन मुख्यमंत्री से मिलने गए। उन्होंने बाकायदा समय ले रखा था। उनका परिवार उनके साथ था। वह अंदर जाने लगे तो उन्हें रोक दिया कि अंदर मुख्यमंत्री है वह अपना नाम व पता रजिस्टर में लिख लें।
जयराम सरकर के दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने गए तो सुरक्षा कर्मियों ने उनकी फ्रिस्किंग की गई जबकि उन्होंने बताया कि वह पूर्व विधायक हैं। रवि ठाकुर ने कहा कि विधायक की एक गरिमा होती है उसकी रक्षा होनी चाहिए।राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पिछली सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट व नियमों में संशोधन किया गया था। इसे लागू किया जाना चाहिए । इसके अलावा किन किन अधिकारियों को इसके दायरे में लाया जाना है इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।
भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि पुलिस इस तरह का चालान विधायकों का अपमान करने की मंशा से करते हैं।
कांग्रेस विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि वह अपनी गाड़ी को खुद चलाते हैं । बीते रोज उन्होंने विधानसभा परिसर में लाइब्रेरी के पास अपनी गाड़ी पार्क कर दी। वह पिछले दो दिनों से गाड़ी यहां पर पार्क करते आ आ रहे हैं उनके साथ विधायक राजेश धर्माणी भी थे। एक पुलिस कर्मचारी ने उनके वाहन पर लगी फलैग रॉड को मरोड़ दिया।जबकि वहां बाकी अधिकारियों की गाड़िया लगी होती है जिनमें यह रॉड ही नहीं फलैशर भी लगे होते हैं।भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने भी कहा कि वह मेट्रोपाल में रहते थे तो उन्हें भी नोटिस भेजे जाते थे॥
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों ने सरकारी ही नहीं अपने निजी वाहनों में बोर्ड या तख्ती लगाई होती हैं। इसमें सब जज से लेकर एडिशनल जज,सेशन जज सभी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह इन तख्तियों को किस कानून के तहत लगाते हैं। हम विधायक है जो कानून बनाते हैं। अदालतों का काम यह देखना है कि इनका सही पालन हो।विधायकों ने सदन में कहा कि जिन न्यायिक व अन्य अधिकारियों ने अपने सरकारी व निजी वाहनों में बोर्ड या तख्तियां, फलैशर्स , फलैग रॉड आदि गैर कानूनी तौर पर लगा रखे है उन्हें आज ही उतार दिया जाए।
कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि अधिकारी अपना रुतबा बताने के लिए यह यह फलैशर्स, फलैग रॉड और बोर्ड अपने वाहनों में लगाते हैं लेकिन यह विधायक ही हैं जो सेफटी वाल्व की तरह काम करते हैं। अधिकारियों को समझना चाहिए उनके गलत कामों का खामियाजा विधायकों को भुगतना पड़ता हैं। अधिकारियों के कारनामों का गुस्सा नेताओं के खिलाफ निकलता हैं।
कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिय ने कहा कि विधायकों का प्रोटोकाल क्या है यह साफ होना चाहिए। पिछले दिनों वह एक कार्यक्रम में थे वहां पर अन्य अधिकारियों के साथ प्रधान सचिव बैठे थे। उन्होंने कहा कि एसपी, डीसी व अधिकारी विधायकों से उम्मीद करते है कि वह उनको नमस्ते करे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पायलट किस-किस के साथ चल सकते है यह भी साफ होना चाहिए।
कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि वह संजौली से आ रहे थे उन्होंने वहां पर साइड में गाडी खड़ी कर दी। वह येलो लाइन के अंदर थे व गाड़ी में बैठे थे। उन्होंने वहीं दुकान से कुछ मंगवाया व उतनी देर में उनका चालान कर दिया। उन्होंने पुलिस को बताया भी कि वह विधायक हैं। उन्होंने सदन में कहा कि उनसे आगे व पीछे भी उसी तरह गाड़ियां खड़ी थी लेकिन उन्हें ही टारगेट किया गया।
उन्होंने कहा कि वह विधायक ही नहीं पार्टी के पदाधिकारी भी है व फलैग तो उन्हें पार्टी का भी लगाना होता हैं। उन्होंने कहा कि यह साफ होना चाहिए कि कौन फलैग रॉड लगा सकते है व कौन नहीं लगा सकते। कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने तो पत्रकारों को भी लपेट लिया व कहा कि पुलिस तो चालान कर ही देते है लेकिन जख्म पर नकम मीडिया वाले छिड़क देते हैं। वह विधायकों से पूछते तक नहीं कि उनका चालान गलत किया गया है या नहीं। छिवि मीडिया में बनाई जाती है। विधायक को पूछा जाना चाहिए। उन्होंने मांग कर दी कि मीडिया पर भी लगाम लगाई जाए। उन्होंने जोड़ा कि सरकार मीडिया को इतनी मदद करती हैं।
धर्मपुर मंडी से कांग्रेस विधायक चंद्र शेखर ने कहा कि पिछले दिनों मंडी में पुलिस वाले का तबादला हो गया तो मीडिया में सुर्खी लग गई कि विधायक की गाउ़ी का पास नहीं दिया तो पुलिस वालों को लाइन हाजिर कर दिया। चंद्रशेखर ने कहा कि उनका तो पुलिस वाले के साथ टकराव भी नहीं हुआ। जब वह लाल बत्ती का गाड़ी गुजरी तो उन्होंने अपनी गाड़ी पीछे कर उस वाहन को आगे जाना दिया।उन्होंने कहा कि उप मंडल स्तर पर विधायकों के लिए अलग से बैठने का इंतजाम होना चाहिए।
मंत्री चंद्र कुमार ने किस्सा सुनाया कि पहले मुख्यमंत्री वाइ एस परमार के समय गुमान सिंह मंत्री थे। वह कहीं गए तो वहां पर पुलिस गार्ड आफ आनर देने की तैयारी कर रहे थे। जब उन्होंने पूछा कि यह गार्ड आफ आनर किसके लिए है तो बताया गया कि यह आइजी के लिए हें जो वहां आने वाले हैं और उन्हें कमरे में बिठा दिया।बाद में यह मामला परमार से उठाया गया तो उन्होंने एक सेट आफ प्रोसीजर बनाया गया जहां पर प्रोटोकाल तय किया गया ।
नेता प्रतिपक्ष्ा जयराम ठाकुर ने कहा कि अदालतों का तो अधिकारियों में डर हैं। बहुत से मामले मंत्रिमंडल की बैठक में अचानक आ जाते थे जब पूछा जाता था कि यह आइटम कैसे आई तो बताया जाता था कि यह अदालत के आदेशों पर लाई गई हैं लेकिन अगर मुख्यमंत्री किसी आइटम को लाने के लिए आदेश देते थे तो अधिकारी उतनी तेजी से उस आइटम को नहीं लाते थे।
उन्होंने किस्सा सुनाया कि वीरभद्र सिंह सरकर के दौरान एक महिला कांस्टेबल ने उनका चालान कर दिया। उस समय गाड़ी में उनका परिवार भी था। उन्होंने यह मसला सदन में उठाया व वीरभद्र सिंह ने उस महिला कांस्टेबल का तुरंत तबादला कर दिया। लेकिन दस दिन बाद उन्होंने देखा कि वह महिला कांस्टेबल वहीं पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर हर किसी के कनेक्शन है व कनेक्शन के दम पर ही सब कुछ चलता हैं।
इन तमाम किस्सागोई का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अपवना किस्सा सुनाया व कहा कि पिछली बार वह बिलासपुर में अपनी गाउ़ी में जाउरहे थे उनकी स्पीड 60 व 70 के बीच थे। उनका चालान हो गया। जब पुलिस वाले से पूछा गया कि किस बात का चालान तो उन्होंने कहा कि यहां पर 60 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से ही वाहन चला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बीते रोज जिस न्यायिक अधिकारी ने अपने वाहन के आगे तख्ती या बोर्ड लगा रखा था । कानून बोलता है कि बोर्ड लगाना गैर कानूनी हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को जो अधिकार इस सदन ने दिए हैं उनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों व एसडीएम से ऊपर के अधिकारियों को फलैशर्स व रॉड लगाने की इजाजत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यह विधायकों का भी नहीं समझना चाहिए कि वह कानून के ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर जजों से बात करेंगे । उन्होंने इस मसले पर विचार विमर्श करने के लिए एक समिति के गठन का भी एलान किया।
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