शिमला।करीब 70 लाख की आबादी वाले छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनकी सरकार प्रदेश के आईएएस व आईपीएस अफसरों पर बेहद मेहरबान है। लेकिन सरकार की ये दरियादिली सवालों में आ गई है। प्रदेश सरकार ने 18 आईएएस अफसरों को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बना दिया है। ये इस प्रदेश में पहली बार हुआ है।इनमें से पांच डेपुटेशन पर है बाकि के सारे आईएएस सचिवालय मे ही तैनात है। सूत्रों के मुताबिक छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह ने बोर्ड व निगमों में अध्यक्षों व उपाध्यक्षों की फौज ही खड़ी नहीं की बल्कि आईएएस अफसरों को भी प्रमोशन टॉफियों की तरह बांटी है।
1978 बैच के आईएएस अफसर है चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर है। वह 31 मई 2016 को रिटायर होने है व उनके पास चीफ सेक्रेटरी के अलावा गृह सचिव का जिम्मा भी है।
उनके बाद 1981 बैच के अफसर आर के जैन है वह डेपुटेशन पर व 30 नवंबर 2015 को रिटायर होने है।अगर वापस राज्य में लौटते हें तो वो बतौर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी आएंगे।
1982 बैच केआईएस अफसर दीपक सानन पहले एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी है व वो 31 जनवरी 2017 को रिटायर होंगे । लेकिन उन पर एचपीसीए के कई मामले लटकाए हुए है और वो सरकार की आंखों के किरकरी बने हुए है। उन्हीं के बैच के आईएएस अफसर अजय मितल 28 फरवरी 2018, विनीत चौधरी 30 सितंबर 2018 को रिटायर होने है।
1983 बैच की उपमा चौधरी 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होनी हें व वह विनीत चौधरी की बीवी है। वो भी प्रदेश सरकार में एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी बना दी गई है। आशा राम सिहाग 31 दिसंबर 2019 को और वी सी फारका 31 अक्तूबर 2019,भारती एस सिंहाग 31 दिसंबर 2018 के रिटायर होने है। इनमें से सिहाग दंपति केंद्रीय डेपुटेशन पर है।
1984 बैच में तरुण श्रीधर 31 जुलाई 2019,अजय त्यागी 31 दिसंबर 2018,अरविंद मेहता 31 नवंबर 2020, नरेंद्र चौहान 31 मार्च 2018 को व पी सी धीमान 31 जुलाई 2016 को रिटायर होने । इनमें से अजय त्यागी, अरविंद मेहता केंद्रीय डेपुटेशन पर है।इन्हें भी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर प्रमोट कर दिया गया है।
1985 बैच के आईएए सअफसर बी के अग्रवाल 30 जून 2021, श्रीकांत बाल्दी 31 दिसंबर 2019,संजीव गुप्ता 30 सितंबर 2021, एसके बीएस नेगी 30 सितंबर 2015 और मनीषा नंदा31 मई 2019 को रिटायर हो रहे है।ये सब एडिशनल चीफ सेक्रेटरी है।
प्रदेश में इससे पहले कभी भी 18 आईएएस अफसरों को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाया गया।इनमें से पांच जो डेपुटेशन पर है उन्हें अलग भी कर दिया जाए तो भी प्रदेश में 70 लाख आबादी पर 13 एडिशनल चीफ सेक्रेटरी काम कर रहे है। अगर इनको एक एक जिला दे दिया जाए तो भी एक आईएएस अफसर बच जाता है।
सूत्रों के मुताबिक ये सब अपने लाडले अफसरों को आगे लाने के लिए किया गया। मुख्यमंत्री के लाडले अफसर वी सी फारका को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बनाने के लिए उनके 1983 बैच के सारे चारों अफसरों को एडिशनल अफसर बना दिया गया। वो बीच- बीच चीफ सेक्रेटरी की रेस में आ जाते है।हालांकि उनसे वरिष्ठ अफसर जो बेदाग है उनमें अजय मितल और उपमा चौधरी शामिल है। लेकिन बीच में मुख्यमंत्री ने उन्हें नहीं विनीत चौधरी को चीफ सेक्रेटरी का प्रभार दिया था। बताते है कि 1985 बैच के एक अन्य लाडले अफसर एस के बी एस नेगी को रिटायरमेंट से पहले एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी दिए जाने की योजना बनाई गई। वो 30 सितंबर को रिटायर होने है। तो पहले 1984 बैच के पांच अफसरों को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। इसमें पीसीधीमान के खिलाफ तो विजीलेंस का मामला भी था। बावजूद इसके ये सब किया गया। इसके बाद 1985 के सभी पांच अफसरों को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बना दिया।
इन सब अफसरों की प्रमोशन के लिए कौन से मापदंउ अपनाए गए ये किसी को कुछ पता नहीं है। इन अफसरों ने प्रदेश के लिए क्या बड़ा काम किया है ये भी किसी को पता नहीं है।ऐसे में इतने अफसरों को प्रमोशन देना संदेह पैदा कर रहा है।सचिवालय के छोटे बाबूओं का कहना है कि प्रदेश में अजीब सरकार है और वो अजीब काम कर रही है।
मजे की बात ये है कि इस सबके बावजूद प्रदेश में गवर्नेंस के क्या हाल है ये किसी से छिपा नहीं है।
इसके अलावा प्रदेश के बाबूओं की एक ओर दिलचस्प तस्वीर है। 2018 व 2019 में प्रदेश के दर्जन भर आईएएस रिटायर हो रहे है। 2019 में छह आईएएस अफसर रिटायर हो जाएंगे। जबकि इससे पहले 2018 में पांच आईएस अफसर रिटायर होने है।2015व2016 में दो- दो आईएस अफसर रिटायर होने है।
आईएएस अफसर ही नहीं आईपीएस अफसरों के भी सरकार ने मजे लगा रखे है। 70 लाख की आबादी के प्रदेश में मौजूदा समय में तीन डीजीपी है। इनमें से डेपुटेशन छोड़ कर हाल ही में आए सोमेश गोयल सबसे सीनियर है। उन्हें कहां फिट किया जाए इसे लेकर पिछले दिनों सचिवालाय में खूब माथापच्ची हुई।इसके अलावा संजय कुमार डीजीपी के पद पर पहले से जबकि सीताराम मरढ़ी को होमगार्ड दिया गया है।
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