शिमला। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट में सौ से कम शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश ने पांचवां स्थान हासिल किया है। सर्वेक्षण में हिमाचल को 1050 अंक मिले है जबकि झारखंड 1880 अंक लेकर पहले स्थान पर रहा है। हरियाणा, गोवा व उतराखंड़ सर्वेक्षण में हिमाचल से आगे आएं हैं। जबकि हिमाचल के बाद उतर पूर्व के छह राज्यों ने अपना स्थान पाया है।
प्रदेश में चार नगर निगमों शिमला व धर्मशाला में से शिमला नगर निगम स्वच्छता की रैकिंग में फिसल गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक यह फिसल कर 102वें स्थान पर चला गया है। यह दस लाख से कम आबादी वालों शहरों की रैंकिंग का पायदान है। साफ है कि शिमला स्मार्ट सिटी कहने के लिए ही है बाकी तो बुरे हाल है। 25 हजाार से कम आबादी वाले शहरों के सर्वेक्षण में प्रदेश की दूसरी स्मार्ट सिटी धर्मशाला ने जरूर कुछ सुधाार किया है व धर्मशाला ने इस सर्वेक्षण में 134वां स्थन हासिल किया है। 2020 के सर्वेक्षण में की रैंकिंग बहुत पीछे थी। वह छह सौ वें स्थान से भी नीचे था।
20 से 25 हजार आबादी वाले शहरी स्थानीय निकायों में मंडी नगर निगम की आंचलिक रैंकिंग में 155वें स्थान पर रहा हैं लेकिन सोलन शहर कुछ पिछड़ा है और सोलन 159 से फिसल कर 160 वें स्थान तक पहुंच गया हैं।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक जिला ऊना का संतोषगढ़, कुल्लू का बंजार और जिला शिमला का ठियोग स्वच्छता के मामले में बुरी तरह से फिसले हैं। जबकि मनाली,कुल्लू और भुंतर ने 2020 के सर्वेक्षण के मुकाबले में कुछ सुधार किया है। 25 हजार से कम आबादी वाले शहरी निकायों में पालमपुर,कांगड़ा, नारकंडा, बैजनाथ, पपरोला सरकाघाट, रिवालसर और परवाणु ने सुधार किया है।
इन निकायों में सुधार तो हुआ है लेकिन जमीन स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। हालांकि राज्य के स्तर पर 2019 से लेकर प्रदेश की रैकिंग में लगातार सुधार आया है।केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से इस तरह का सर्वेक्षण हर साल किया जाता है।
(15)